हिंदू धर्म में तुलसी के पौधे को बेहद महत्व है। इस पौधे को सबसे अधिक पवित्र माना जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार जिस घर में यह पौधा होता है उसमें हमेशा सुख समृद्धि बनी रहती है। तुलसी में ईश्वर का वास माना गया है। इसके महत्व को देखते हुए तुलसी का पौधा सभी हिन्दू घरों के लिए अनिवार्य माना गया है। हर दिन इसकी पूजा की जाती है। लेकिन सर्दियां आते ही हरी भरी तुलसी सूखने लगती है। जिससे लोगों को काफी दुख होता है। ऐसे में इस लेख में हम आपको कुछ ऐसे टिप्स देंगे जिनकी मदद से आपकी तुलसी कभी नहीं सूखेगी। सर्दियों के दिनों में भी तुलसी हरी भरी रहेगी।
ये है तुलसी का डॉर्मेंसी पीरियड
सर्दियों में पौधों का डॉर्मेंसी यानि सुप्तअवस्था का समय शुरू होता है।ऐसे में तापमान में ठंडक बढ़ने लगती है। इस समय पौधे निष्क्रियता की ओर बढ़ने लगते हैं। ऐसे में तुलसी व अन्य पौधे पत्तियां, फल व फूलों के विकास को रोककर तापमान को अनुकूल होने का इंतजार करते हैं। ऐसे में पौधा पत्तियों को हरा भरा रखने व बढ़ने की कोशिश में ऊर्जा लगाने के बजाय, ऊर्जा का संरक्षण करना शुरू करता है। यह डॉरमेंसी एक प्रकार की बख्तरबंद नींद है जिससे पौधे गुजरते हैं। तुलसी भी इन दिनों इस डॉर्मेंसी के पीरियड में होती है। हालांकि इस समय में भी पौधे की पत्तियों को हरा भरा रखने का प्रयास किया जा सकता है।
पानी की अधिकता के कारण सूखती है तुलसी( overwatering)
तुलसी में हर दिन जल अर्पित करने का महत्व है। ऐसे में लोग सर्दी हो या गर्मी हर दिन जल अर्पित करते हैं। लेकिन परिवार में जितने भी सदस्य होते हैं अगर वे सभी तुलसी को जल अर्पित करेंगे तो इससे तुलसी के पौधे में पानी की मात्रा ज्यादा हो जाती है। मिट्टी में नमी अधिक हो जाती है। जिससे तुलसी की मिट्टी में जल संचरण नहीं हो पाता है। ऐसे में तुलसी की पत्तियां सूखने लगती हैं। ज्ञात हो कि मृदा में जल की अधिकता होने पर मिट्टी में ऑक्सीजन की मात्रा कम हो जाती है। ऑक्सीजन की पर्याप्त मात्रा न मिलने से जड़ की कोशिकाएँ मर जाती हैं और पौधे मुरझा जाते हैं। पत्तियां पीली होकर गिरने लगती है। घरों में लगाए जाने वाली तुलसी में ओवरवाटरिंग सबसे बड़ी समस्या है।
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फंगल संक्रमण
नमी की अधिकता होने से तुलसी पर फंगल संक्रमण भी हो जाता है। ऐसा अधिकतर सर्दियों के दिनों में ही होता है। तुलसी के पौधों में कवक संक्रमण का खतरा होता है। इसे रोकने के लिए नीम ऑइल या नीम पाउडर का स्प्रे किया जा सकता है। इसके साथ ही पाउडर को मिट्टी में मिलाया जा सकता है। फंगल के कारण भी पत्तियां सूखने लगती हैं।
ठंडे पानी से होता है नुकसान
सर्दियों के दिनों में पानी एक दम ठंडा हो जाता है। इसे पीने से शरीर को नुकसान होता है। क्योंकि यह शरीर के तापमान पर सीधे असर करता है। इसी तरह तुलसी के पौधे को भी एक दम ठंडा पानी नहीं देना चाहिए। जल चढ़ाने के लिए सामान्य जल का प्रयोग करना चाहिए।
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ओंस का प्रभाव
अधिकतर घरों में तुलसी खुले आसमान के नीचे लगाई जाती है। ऐसे में सर्दियों में ओंस की अधिकता की वजह से तुलसी के पौधे को काफी नुकसान पहुंचता है। इससे बचने के लिए शेड के नीचे तुलसी को रखना चाहिए। यदि आप ऐसा नहीं कर पा रहे हैं तो तुलसी को सूती कपड़े से ढक देना चाहिए। सुबह होते ही इस कपड़े को जरुर हटाना चाहिए। ताकि तुलसी के पौधे को धूप भी मिल सके।
तुलसी के पौधे का हरा भरा रखने के टिप्स
- लोटा भर कर पानी न चढ़ाएं।
- सर्दियों में तुलसी को अधिक पानी देने से बचने के लिए लोटे की जगह चम्मच का प्रयोग करें।
- तुलसी को शेड में रखें।
- शेड नहीं है तो तुलसी को कपड़े से ढक दें।
- ठंडा पानी देने से बचें।
- समय-समय पर गुड़ाई करें।
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Disclaimer: यह लेख विभिन्न शोधों व गार्डनिंग विशेषज्ञों के आधार पर लिखा गया है। यूनीक फार्मिंग से जुड़े रहने के लिए धन्यवाद।