NCR में शामिल नोएडा सिटी भी अब चारों ओर इमारतों से घिर चुकी है। कंक्रीट की बिल्डिंग के बीच प्रकृति गुम होती नजर आ रही है। लेकिन कुछ प्रकृति प्रेमी ऐसे होते हैं जो इन इमारतों को भी प्रकृति से जोड़ते हैं। उन्हीं में से एक हैं नोएडा के अक्षय भटनागर। अक्षय पेशे से इंजीनियर हैं। लेकिन प्रकृति से अनूठा प्रेम करते हैं। इसी प्रेम के चलते उन्होंने नोएडा के अपने फ्लैट में मिनी जंगल बना दिया है। यह 500 स्वाइयर फीट की जगह पर बना रखा है। इस लेख में हम आपको बताएंगे कि उन्होंने ये मिनी जंगल क्यों तैयार किया है, इसमें कौन-कौन से पौधे हैं।
ऐसे हुई जंगल की शुरुआत
अक्षय पेशे से एक कम्प्यूटर इंजीनियर हैं। लेकिन उन्हें गार्डनिंग का शौक़ बचपन से था। यूनीक भारत से बात करते हुए अक्षय ने बताया कि गार्डनिंग सिर्फ मेरा शौक नहीं है ये मेरी आदत है। मैं बचपन से पौधे लगाता आ रहा है। जीवन में पौधे शांति, सुकून देते हैं जो कोई और चीज नहीं दे सकती। अक्षय मूल रूप से बरेली के रहनेवाले हैं। पढ़ाई और नौकरी के लिए वे नोएडा में हैं। हालांकि इन गगनचुंबी इमारतों के बीच अपनी पौधे लगाने की आदत को बनाकर रखना मुश्किल था। लेकिन धीरे-धीरे सफर जारी रखा। पहले आसानी से उगने वाले पौधे लगाए जिसमें एलोवेरा, मनीप्लांट, गुलाब, करी पत्ता पॉर्चुलका, कुछ सब्जियां आदि उगाना शुरू किया। इसके बाद कुछ पौधों की जानकारी ली और पौधों की संख्या बढ़ाना शुरू किया। और इस तरह जंगल की शुरुआत हुई।
सामान्य से हटकर है इनकी बागवानी
इनकी बागवानी को सामान्य नहीं माना जा सकता। क्योंकि यहां पौधों को सजावटी रुप देने पर ज्यादा काम नहीं किया गया। लेकिन यहां पौधों की दुर्गम प्रजाति और एक ही पौधे की अनेक वैराइटी उगाई जाती हैं। फिलोडेंड्रोन सेलौम, सिनगोनियम चियापेंस, मॉन्स्ट्ररा पेरू, क्रिसमस कैक्टस जैसे प्लांट्स लगा रखे हैं। इसके अलावा बहुत सी बेल Morning Glory, Aparajita (Butterfly Pea) और मधुमालती जैसे क्रीपर प्लांट भी लगा रखे हैं।
बागवानी सम्बंधित किताबों का करते हैं अध्ययन
कुछ लोगों द्वारा चार गमले लाकर पौधे लगाने को ही बागवानी कहकर संबाेधित कर दिया जाता है। लेकिन अक्षय उस श्रेणी से नहीं है। अक्षय बागवानी संबंधित सभी चैनल पर पेड़ पौधों को लेकर अध्ययन करते हैं। फिलहाल वह बागवानी संबंधी किताब भी पढ़ रहे हैं। अक्षय का भी कहना है कि पौधे लगाने के लिए उसका गहन अध्ययन जरूरी है। अगर वाकई उसमें आपको रुचि है तो यह अध्ययन और भी रोमांचकारी होता है।
होम कम्पोस्टिंग करते हैं
अक्षय घर के कचरे से कम्पोस्ट भी घर पर ही तैयार करते हैं। उन्होंने बताया कि वह सिर्फ़ ऑर्गेनिक खाद का इस्तेमाल करते हैं। उन्होंने बताया कि इसके लिए 75 प्रतिशत तक गीला कचरा इस्तेमाल कर लेते हैं। इसके लिए वह अपने घर पर मिट्टी के पॉट भी लेकर आए हैं। जो काफी किफायती हैं। अक्षय guardianofgreens नाम से अपने इंस्टाग्राम पेज पर भी गार्डनिंग से संबंधित टिप्स देते हें। जहां उन्हें काफी पसंद किया जा रहा है।
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