रसोई यानि घर की ऐसी जगह है जहां हमेशा से महिलाओं का राज रहा है। वो जगह जहां महिलाएं या तो प्यार से अपने परिवार के लिए स्वादिष्ट भोजन बनाती हैं या फिर कुछ महिलाएं इसे अपना मजदूरी स्थल समझती हैं। लेकिन अब वक्त बदल रहा है। महिलाओं ने रसोई के कार्यस्थल से रिजाइन देना शुरू कर दिया है। अब रसोई घर में महिलाएं प्यार से नहीं मजबूरी में जाती हैं क्योंकि खाना सभी के लिए जरूरी हैं। इसके पीछे की कई खास वजह रही है। महिलाओं की रसोई से दूरी समाज के लिए काफी नुकसानदायक साबित हो रही है। इसने कई बीमारियों को भी बढ़ा दिया है। हमने इस संबंध में ऐसी महिलाओं से बात की जिनमें कुछ गृहणी हैं, कुछ वर्किंग। आइए इन्हीं से जानते हैं रसोई से दूरी के क्या कारण हैं।
सेहत से ज्यादा पैसे के मायने
खुशहाल जिंदगी के लिए सेहतमंद रहना जरूरी है। लेकिन अब सेहत से पहले लोगों ने पैसे को रखना शुरू कर दिया है। इसके लिए महिलाओं को भी कमाने के लिए घर से बाहर भेजा जा रहा है। हालांकि इस दौरान महिलाएं रसोई में भी काम करती हैं, लेकिन बाहर काम करने के बाद महिलाएं उतनी मेहनत नहीं कर पाती हैं जितनी पहले करती थी। ऐसे में महिलाओं को रिजाइन देने की जरूरत नहीं हैं उन्हें लोगों द्वारा खुद ही दूर किया जा रहा है। आने वाले समय में इसके नुकसान नजर आने लगेंगे। – शैफाली चास्कर, वर्किंग
रसोई के लिए महिला और पुरुष दोनों निकालें वक्त
कठिन काम से सब भागते हैं। सबको आसानी से उपलब्ध चीजें बहुत पसंद हैं। जो महिलाएं अपने हाथ से बनाकर खाती हैं और खिलाती हैं वह खाना मजेदार और हेल्दी होता है। लेकिन बहुत लोग होटल का खाना प्रेफर करने लगे हैं। रसोई से दूरी बनाते जा रहे हैं। ये सेहत के लिए बहुत खराब है। ये अपनी सेहत के साथ खिलवाड़ है। मेरा निवेदन हैं कि महिलाएं अगर वर्किंग भी हैं तो भी थोड़ा वक्त रसोई के लिए निकालें। और पुरुष भी उनकी मदद करें। – अंजू जांगड़ा, वर्किंग
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महिलाओं की रसोई से दूरी लाजमी
समाज बदल रहा है। महिलाओं को अपना हुनर दिखाने का मौका दिया जा रहा है। महिलाएं भी आज पुरुषों के कंधा से कंधा मिलाकर काम करना चाहती हैं। लेडीज कई ऐसे क्षेत्रों में इतना बेहतर काम कर रही हैं जिनकी किसी को भी उम्मीद नहीं थी। ऐसे में उनकी रसोई से दूरी लाजमी है। इसके लिए सहायकों(MAIDS) काे रखा जा रहा है। हालांकि वर्किंग होने के बााद भी महिलाएं सहायकों की हेल्प करती हैं। – सुमन बत्रा, सामाजिक कार्यकर्ता
महिलाओं के हुनर को भी मिल रहे कई मंच
महिलाओं की प्रतिभा को भी अब मंच मिलना शुरु हो गया है। अब लेडीज सिर्फ रसोई तक ही सीमित नहीं हैं। मुझे लगता है कि यह बिल्कुल सही है क्योंकि महिलाओं को उतनी इज्जत रसोई के काम पर नहीं मिलती जितनी बाहर जाने से मिलती है। यह सत्य है कि महिलाओं के रसोई से आउट होने के बाद परिवार के स्वास्थ्य पर इसका असर पड़ रहा है। – नैंसी, वर्किंग
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