आमतौर पर लोग टिकट खरीदकर या बिना टिकट के रेल यात्रा करते हैं, लेकिन यूपी के दयालपुर क्षेत्र के लोग बिना सफर पर निकले भी रोज रेल टिकट खरीदते हैं।
लोगों ने स्थानीय रेलवे स्टेशन बंद ना हो, यह सुनिश्चित करने के लिए कई महीने तक टिकटें खरीदी। प्रयागराज रेलवे जंक्शन से करीब 30 किलोमीटर दूर दयालपुर रेलवे स्टेशन है, रेलवे प्रबंधन ने इस स्टेशन को ठेके पर दे दिया है।
उत्तर रेलवे के अंतर्गत आने वाले दयालपुर रेलवे स्टेशन के टिकट बुकिंग एजेंट पुनीत सिंह ने बताया कि वर्तमान में इस रेलवे स्टेशन पर केवल एक ट्रेन- कैंट स्पेशल’ रुकती है जिसके ठहराव का समय रात 10 बजे है। इस स्टेशन पर प्रयागराज के लिए और भी ट्रेनें रुकें, इसके लिए स्थानीय लोगों ने चंदा इकट्ठा कर चार-पांच महीने तक टिकटें खरीदीं।
रेल मंत्री लाल बहादुर शास्त्री ने शुरू कराया था स्टेशन
गौरतलब है कि देश के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू के कार्यकाल में तत्कालीन रेल मंत्री लाल बहादुर शास्त्री ने दयालपुर रेलवे स्टेशन शुरू कराया था और उस समय कई ट्रेन इस स्टेशन पर रुकती थी। सूत्रों के अनुसार कोरोना के दौरान स्टेशन बंद होने के बाद जनवरी, 2022 में फिर से यह स्टेशन खुला, लेकिन सिर्फ एक ट्रेन ही रुकती है।
हर महीने 700 रुपये का खरीद रहे टिकट
बता दें कि स्थानीय लोग हर महीने करीब 700 रुपये का टिकट खरीद रहे हैं, ताकि दोबारा स्टेशन बंद न हो जाए। स्थानीय लोगों का कहना है कि अभी दयालपुर रेलवे स्टेशन पर सिर्फ एक ट्रेन रुकती है। लंबे समय से लोग और ट्रेनों के ठहराव की मांग करते रहे हैं। बता दें कि 2016 में रेलवे के मानकों पर खरा नहीं उतरने पर दयालपुर रेलवे स्टेशन को बंद कर दिया गया था। दरअसल अगर मेन लाइन पर कोई स्टेशन मौजूद है तो वहां हर दिन कम से कम 50 टिकट बिकने चाहिए। वहीं दरअसल, 2016 में भारतीय रेलवे के कुछ मानकों पर खरा न उतरने के कारण दयालपुर रेलवे स्टेशन को बंद कर दिया गया था। आपको जानकारी के लिए बता दें कि अगर अगर मेन लाइन पर कोई स्टेशन मौजूद है तो वहां हर दिन कम से कम 50 टिकट बिकने चाहिए। इन्हीं मानकों पर खरा नहीं उतरने पर स्टेशन को बंद कर दिया गया था। हालांकि लोगों की मांग पर इसे शुरू तो कर दिया। लेकिन अब इसे बचाए रखने के लिए लोग हर दिन बिना सफर के भी यहां से टिकट खरीदते हैं।