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भाई बहन का झगड़ा हो या फिर दोस्तों का। तीसरा शब्द कुत्ता ही होता है। जाहिर है कि इस शब्द को गाली के तौर पर इस्तेमाल किया जा रहा है। वहीं दूसरी ओर हर घर में कुत्ता रखना एक पैशन, जरूरत बन गया है। स्थिति तो यह है कि बच्चों से ज्यादा घर के कुत्ते से प्यार किया जाता है। फिर क्यों यह शब्द गाली बना। हालांकि यह बात हमें भी नहीं पता कि कुत्ते ने गाली का रूप कब लिया। इस विषय पर हमारी खोज जारी है लेकिन तब तक इस लेख में कुत्ते की उन विशेषताओं के बारे में बात करेंगे जिन्हें सुनकर आप हैरान रह जाएंगे। इसके बाद कुत्ता शब्द को गाली नहीं आप अपनी तारीफ समझें….

 

बह्वाशी स्वल्प सन्तुष्टः सुनिद्रा लघुचेतसः।

स्वामिभक्तश्च शूरश्च षडेते श्वानों गुणाः॥

इसका अर्थ है कि अधिक भूखा होने पर भी थोड़े में ही संतोष कर लेना। गहरी नींद होने पर भी सतर्क रहना। स्वामिभक्त होना और वीरता का अनोखा गुण। ये सभी गुण ऐसे हैं जिन्हें मनुष्यों को कुत्ते से सीखने चाहिए। यह बात भी समझ से परे है कि आखिर इतने गुणों के बाद भी कुत्ता बेचारा कुत्ता ही क्यों रह गया। खैर! इसके अलावा भी हम आपको कुत्ते के कई ऐसे गुण बताएंगे जो अन्य प्राणियों से विपरीत होते हैं। 

काबीलेतारीफ है सूंघने की शक्ति

कुत्ते की सूंघने की शक्ति बहुत अधिक होती हैं। आपको जानकर आश्चर्य होगा कि यह जमीन के अंदर लगभग 40 फुट नीचे की गंध को पहचान लेता है। इसीलिए हमारी रक्षा शक्तियों में डॉग स्वाउड बनाए गए हैं। 

सुनने की विषेश क्षमता

क्या आप जानते हैं कि कुत्ता मनुष्य की तुलना में चार गुणा अधिक दूरी से आवाज़ के स्रोत को पहचान सकता है। कुत्ता शरीर के हाव-भाव देखकर पहचान लेता है कि कौन उनके मालिक का हितैषी है और कौन नहीं।

भावनात्मक रुप से जुड़ने की विशेषता

हिसार की शैरी के साथ candy

 

 

कुत्तों में मनुष्यों की तरह ही हार्मोन ऑक्सीटोसिन होता है। यह हार्माेन दूसरों के लिए प्यार और स्नेह महसूस कराता है। इस लिए कुत्ता इंसान के प्रति भावनात्मक रूप से जुड़ता है।

क्या आपको भी लगता है कुत्ते से डर

कुत्तों से डरना भी एक बीमारी है। कुत्ते से लगने वाले डर को साइनोफोबिया कहा जाता है। साइनोफोबिया के ज्यादातर मामले बचपन में विकसित होते जाते हैं। बचपन में ही कुत्ते के साथ मुठभेड़ होने पर इस बीमारी के लक्षण पनपने लगते हैं। कभी कुत्ते द्वारा काट लेने के बाद भी इस तरह के लक्षण दिखाई देने लगते हैं। ये डर उनकी जीवन शैली को भी प्रभावित कर सकता है। इसका निश्चित तौर पर इलाज कराना जरूरी है। 

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