Butterflies in Garden: गार्डन सिर्फ पौधों से खूबसूरत नहीं होता। इसकी खूबसूरती में चार चांद लगाती हैं पौधों के बीचों-बीच मंडराती रंगीन तितलियां(Butterflies)। आपका बगीचा इन तितलियों के लिए स्वर्ग के समान होता है। वहीं बगीचे में तितलियों का आगमन बगीचे को स्वर्ग सा सुंदर बनाता है।
लेकिन दिनों दिन बगीचों में तितलियों का आगमन कम हो रहा है। इसकी कई वजह हैं। लेकिन इस लेख में हम आपको ऐसे टिप्स देने वाले हैं जिनकी मदद से आप अपने गार्डन में तितलियां ही तितलियां होंगीं। इसमें हमारी मदद करेंगी गार्डनिंग एक्सपर्ट मीनाक्षी गोयल। मीनाक्षी के गार्डन में सैकड़ों तितलियां हैं। वह कैटरपिलर से अपने गार्डन में ही तितलियां विकसित करती हैं।
तितलियाें को आकर्षित करने वाले पौधे(plants that attract butterflies)
मीनाक्षी गोयल का कहना है कि तितलियों को आकर्षित करने के लिए हमें सबसे पहले गार्डन में ऐसे प्लांट लगाने होंगे जिनपर बैठना तितलियां पसंद करती हैं। जिसमें गेंदा, लेवेंडर, करी प्लांट, निंबू, मौसमी, सूरजमुखी, मिल्कवीड, जिनेनिया, पैशन फ्लवार, लंटाना, ब्लू स्टार आदि शामिल हैं। मीनाक्षी बताती हैं कि अगर आपके पास ये सभी पौधे नहीं है तो आप अपने गार्डन में ऐसे पौधों को जगह दें जिनपर पीले फूल आते हैं। इसमें सब्जियों के पौधे भी शामिल हैं। इन पौधों को लगाकर आसानी से गार्डन में तितलियों की संख्या को बढ़ाया जा सकता है।
गार्डन में न करें कैमिकल स्प्रे(Do not spray chemicals in the garden)
यूनीक भारत की टीम को मीनाक्षी गोयल ने बताया कि पहले बगीचों में तितलियों की संख्या अधिक होती थी। लेकिन बढ़ते कैमिकल छिड़काव की वजह से तितलियां कम हो गई हैं। उनका लार्वा व कैटरपिलर तितलियों के रूप में विकसित होने से पहले ही कैमिकल के प्रभाव से मर जाते हैं। ऐसे में अगर आप चाहते हैं कि आपका गार्डन तितलियों से भरा रहे तो कभी भी पौधों पर कैमिकल स्प्रे न करें।
गार्डन में तितली विकसित करने का तरीका( How to develop butterflies in the garden)
मीनाक्षी अपने गार्डन में पिछले ढाई साल से तितली विकसित करती आ रही है। उन्होंने बताया कि तितली विकसित होने के चार चरण होते हैं: अंडा, लार्वा, प्यूपा और तितली।
Stage 1- अंडा
तितली अधिकतर करी प्लांट, आक का पेड़, कनेर व खट्टे फलों वाले पौधे यानि निंबू, संतरा, किन्नू आदि पर अंडा देती है। वसंत यानि मार्च से अप्रैल अंत तक अपने गार्डन में तितलियां अंडा देती हैं। ये अंडे ही कैटरपिलर में बदल जाते हैं।
Stage 2- कैटरपिलर
इस स्टेज को लार्वा स्टेज भी कहा जाता है। इसी स्टेज में तितलियां विकसित करने के लिए हम कैटरपिलर को एक हवादार बॉक्स में रखते हैं। कैटरपिलर का काम खाना होता है। इस समय उसे लटकने के लिए लकड़ी चाहिए होती है और खाने के लिए पत्ते। हमें खाने के लिए उसे उसी प्लांट के ताजे पत्ते देने चाहिए जिस प्लांट से उसे उठाया गया है। 10 से 15 दिन तक केटरपिलर स्टेज रहती है।
Stage 3- प्यूपा
जब कैटरपिलर की स्टेज पूरी हो जाती है तो वह खाना खाना छोड़ देता है। अब कैटरपिलर काफी बड़ा हो चुका होता है।अब वह खाना बंद कर देता है। अब वह प्यूपा का आकार लेता है। बता दें कि तितलियों के प्यूपा को क्रिसलिस भी कहा जाता है। यह शंखनुमा आकृति होती है। इस समय कोई प्रतिक्रिया नहीं होती है। हम समझते हैं कि यह जीवित नहीं है। तकरीबन दस दिन तक यह स्टेज रहती है।
Stage 3- व्यस्क तितली
अब हमारे सामने पूरी तरह से विकसित तितली आती है। शेल के अंदर तितली के सभी अंग विकसित हो जाते हैं। इस पूरी प्रक्रिया को होने में 40 दिन लग जाते हैं।
किन बातों का रखें ध्यान
- गार्डन में तितलियों को अट्रेक्ट करने वाले प्लांट लगाएं।
- गार्डन में पीले फूलों वाले पौधे लगाएं।
- गार्डन में कीटनाशक का छिड़काव न करें।
- कैटरपिलर पत्तियों को खाते हैं, इन्हें हानिकारक कीट समझकर न फेंके
- पौधे पर अधिक नीम ऑइल के स्प्रे से भी तितली के अंडे व लार्वा मर जाते हैं।
- कैटरपिलर को हमेशा पौधे की ताजी पत्तियां दें।
इस वीडियो में समझें पूरी प्रक्रिया
https://www.instagram.com/reel/CvZm8sytvRb/?igsh=azc5eHhxMGFtMmdq
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परिचय
मीनाक्षी गोयल, गार्डनिंग एक्सपर्ट हैं। सालों से किचिन गार्डनिंग कर रही हैं। उन्हें तितलियां बेहद पसंद हैं। इसलिए वो अपने गार्डन में ढेरों तितलियों विकसित करती हैं। मीनाक्षी गोयल का गार्डनिंग से जुड़़ हुआ इंस्टाग्राम चैनल, यूट्यूब चैनल है।
Idea unique hai..