Apple tree- हर शख्स घर पर ही स्वादिष्ट फलों का आनंद लेना चाहता है। बहुत से लोग फ्रूट गार्डनिंग करते हैं और कामयाब भी होते हैं। कई लोग तो ये सोचकर फलदार पौधे घर नहीं लाते कि इनको ज्यादा केयर चाहिए। बहुत से लोग सोचते हैं कि इनको जगह ज्यादा चाहिए। आपको बता दें कि आप फ्रूट गार्डनिंग आसानी से घर पर टेरेस में या बालकनी में कर सकते हैं।
आप जो फ्रूट का पौधा लगाने जा रहे हैं, बस उसकी किस्मों का चुनाव आपको सही करना है। आज के इस लेख में हम आपको गर्म जलवायु में सेब का पौधा कैसे उगा सकते हैं, इस बारे में जानकारी देने वाले है। साथ ही जानेंगे की कौन सी किस्में गर्म जलवायु में उग सकती हैं।
गर्म जलवायु में उगने वाली सेब की किस्में
सेब ठंडे मौसम में होने वाला फल है, ऐसा लोग सोचते हैं। हालांकि ये बात सही भी है। गर्म मौसम में सेब को उगाना काफी मुश्किल और चुनौती भरा हो सकता है। लेकिन कुछ वैरायटी ऐसी हैं जो ज़्यादा गर्मी सहन कर सकती हैं और इनकी पैदावार भी अच्छी होती है।
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ये किस्म भारतीय कृषि वैज्ञानिक हरिमन शर्मा ने विकसित की थी। उत्तर भारत के गर्म और शुष्क जलवायु के लिए ये सेब की बेहतरीन किस्म है। यह जल्दी फल देती है और इसके फल मध्यम आकार के, लाल रंग के और मीठे होते हैं। आप इस वैरायटी को अपने घर में गमले में आसानी से उगा सकते हैं।
अन्ना वैरायटी
सेब की अन्ना वैरायटी भी गर्म और शुष्क जलवायु में आसानी से ग्रो करती है। ये काफी लोकप्रिय किस्म है, जिसे कई लोग उगाना पसंद करते हैं। सेब के इस पौधे पर पीले और हरे रंग के भी फल आते हैं, जो बेहद और मीठे होते हैं। इस किस्म को काफी लोग इसलिए लगाना पसंद करते हैं, क्योंकि ये रसीले फल देती है।
डलाह वैरायटी
मुख्य तौर पर ये किस्म हिमाचल प्रदेश की है। आप चाहें तो उत्तर भारत में इसकी खेती आसानी से कर सकते हैं। घर में भी आप डलाह वैरायटी लगा सकते हैं। ये गर्मी को सहन करके उग जाती है। इसप बड़े आकार के और लाल रंग के फल आते हैं। इन फलों का स्वाद खट्ठा मिठ्ठा होता है, जो लोगों को काफी भाता है।
गोल्डन डिलीशियस और रेड डिलीशियस
रेड डिलीशियस एक अंतरराष्ट्रीय किस्म है, जो कुछ हद तक गर्म जलवायु को सहन कर सकती है। सेब की इस किस्म पर बड़े और गहरे लाल रंग के फल आते हैं। इनका स्वाद मीठा और कुरकुरा होता है। गोल्डन डिलीशियस भी इसी का प्रकार है। इसपर पीले रंग के सेब लगते हैं। गोल्डन डिलीशियस को गर्म जलवायु में उगा सकते हैं। इनके अलावा अंब्री,कृष्णाभाग,मुनगोल.प्रमियम आदि किस्मों को भी गर्म जलवायु में उगा सकते हैं।
गमले में सेब का पौधा लगाने का तरीका
आप टेरेस गार्डन में सेब लगाना चाहते हैं, तो ये बिल्कुल आसान है। आप घर पर आसान तरीके से ही सेब उगा सकते हैं। सेब सेहत के लिए फायदेमंद है और घर पर इनको लगाकर ऑर्गेनिक फलों का लाभ उठाइए। नीचे कुछ आसान स्टेप्स बताए गए हैं, जिनकी मदद से आप गर्म जलवायु में ऊपर दी गई किस्मों में से कोई भी लगा सकते हैं।
गमले का चुनाव
जब आप किसी फ्रूट का पौधा गमले में लगाने जा रहे हैं, तो आपको इसके साइज को लेकर सावधानी बरतने की जरुरत है। आपको बड़ा गमला चुनना है, जो 15 से 20 गैलन क्षमता का हो। अच्छी जल निकासी वाली, दोमट मिट्टी का उपयोग करें। आप बगीचे की मिट्टी, खाद और रेत का मिश्रण बना सकते हैं।
सेब उगाने के लिए मिट्टी ऐसे करें तैयार
सेब को विकसित होने के लिए थोड़ी ढीली मिट्टी चाहिए होती है। अच्छी तरह से पानी सोखने वाली और थोड़ी अम्लीय मिट्टी इसके लिए सही है।मिट्टी का पीएच मान 6.0 से 6.8 सेब के लिए सही माना जाता है।मिट्टी अच्छी जल निकासी वाली हो,ताकि पानी इकट्ठा न हो।
आपके बगीचे की मिट्टी भारी है, तो आप इसमें कंपोस्ट या रेत मिलाइए। अगर आपकी मिट्टी क्षारीय है, तो आप इसमें गंधक या एल्युमीनियम सल्फेट मिला सकते हैं। इससे पीएच कम हो जाएगा। मिट्टी अगर अम्लीय ज्यादा है तो आप इसमें इसमें चूना या डोलोमाइट मिलाकर पीएच को बढ़ा सकते हैं। आप मिट्टी तैयार करने के लिए कोकोपीट, कंपोस्ट,वर्मीकुलाइट,स्फानगम काई, रेत आदि मिलाएं।
सेब के पौधे का रोपण
गमले में जलनिकासी छेद का होना जरुरी है। गमले के तली में आपको बजरी या मिट्टी के टुकड़े डालने हैं। तैयार मिट्टी के मिश्रण को गमले में भरना है और पौधे को अच्छे से बीच में रोप देना है। पौधे के चारों तरफ मिट्टी लगा दें। और पौधे में पानी दें।
सेब के पौधे में फर्टिलाइजर
सेब के पौधों को बढ़ने के लिए नाइट्रोजन, फास्फोरस और पोटेशियम सहित मिट्टी में पोषक तत्वों की एक अच्छी मात्रा की आवश्यकता होती है। आप साल में दो बार जैविक खाद जैसे कंपोस्ट आदि डालें। संतुलित उर्वरकों का प्रयोग पौधे में करें।
सेब के पौधे की देखभाल का तरीका
- ऐसी जगह पर पौधा रखें, जहां पर धूप आती हो।
- मिट्टी सूखने पर तुरंत पौधे में पानी दें।
- आप इसमें साल में दो बार संतुलित उर्वरक डालें।
- सर्दियों में पौधे की प्रूनिंग करनी जरुरी है।
- कीटों और रोग से बचाने के लिए पौधे की निगरानी करें।
- गर्मियों के मौसम में हरी घास की मल्चिंग पौधे के आसपास कर दें।
- ज्यादा झुलसाने वाली गर्मी है, तो गमले को शेड के नीचे रख सकते हैं।
- सेब के पौधे पर फल लगने में 3 से 5 साल का समय लग सकता है।
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