21 वीं सदी में महिलाएं पढ़ लिखकर हर एक क्षेत्र में आगे बढ़ रही हैं और परचम लहरा रही हैं। लेकिन आज हम इन पढ़ी लिखी महिलाओं से हटकर एक ऐसी महिला की कहानी बताने जा रहे हैं जो सिर्फ आठवीं पास है। लेकिन अपने हुनर, मेहनत और जज्बे के दम पर देश ही नहीं विदेश तक पहचान बना रही है। गुरुग्राम के फर्रुखनगर खंड के गांव ताजनगर निवासी पूनम शर्मा ने मिलेट्स के प्रोडक्ट बनाकर खुद का ब्रांड खड़ा कर दिया है। हर महीने लाखों का कारोबार कर रही हैं। लेकिन इन सब बातों के बीच खास बात है कि वह अपने जैसी है तकरीबन 800 महिलाओं को रोजगार भी दे रही हैं। गुरुग्राम के ताजनगर की पूनम शर्मा मिलेट्स के तमाम फूड आइटम बनाती हैं जिसमें नमकीन, लड्डू, चॉकलेट आदि शामिल हैं। पूनम के काम को देखते हुए इन्हें 2023 में मिलेट्स ऑफ द ईयर का प्रथम पुरस्कार व सुषमा स्वराज पुरस्कार भी मिला है।
ऐसे तय किया जीरो से लखपति होने का सफर
पूनम शर्मा का कहना है कि मायके में उन्हें पिता और ससुराल में पति की पहचान मिली। कभी बाहर निकलने की सोची भी नहीं थी। बैंक में अकाउंट भी नहीं था। जिंदगी बेहद सामान्य चल रही थी। लेकिन 2016 से पहले उनके पति की नौकरी चली गई। ऐसे में उनके आगे आर्थिक संकट आ गया। इसी बीच 2016 में सोनीपत से नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ फूड टेक्नोलॉजी इंटरप्रेन्योरशिप एंड मैनेजमेंट (निफ्टम) की टीम गांव में दौरे पर आई तो उन्होंने कुछ महिलाओं को अपना व्यवसाय शुरू करने की प्रेरणा दी। साथ ही बिजनेस शुरू करने के लिए पांच दिन का प्रशिक्षण भी दिया। इसी बीच पूनम ने उन्हीं के साथ अपना बिजनेस शुरू किया। यानि पूनम ने टीम को अपने घर से खाना बनाकर उपलब्ध कराया। जिसके उसे पैसे मिले। इसके बाद पूनम से मुड़कर नहीं देखा। अपने कुकिंग के हुनर को ही अपना व्यवसाय बनाया। पूनम ने लड्ड बनाए। शहरों में लगने वाले मेले में अपनी स्टॉल लगाई। लोगों को पूनम के मिलेट्स के लड्डू बेहद पसंद आए। यहां तक कि आयुष विभाग में भी पूनम के लड्डू जाने लगे।
800 महिलाओं को दिया रोजगार
द यूनीक भारत से बात करते हुए पूनम शर्मा ने बताया कि जब उन्होंने इस काम की शुरूआत की तो गांव की कई महिलाएं उनके साथ जुड़ गई। यह सिलसिला हर दिन बढ़ता चला गया। अब आस पास के क्षेत्रों को मिलाकर करीब 800 महिलाएं उनके साथ काम करती हैं। जैसे ही उनके पास किसी भी बड़े फूड आइटम का ऑर्डर आता है तो वे काम बांट देती है। पूनम का कहना है कि मुझे अपने काम में सबसे ज्यादा इस बात की खुशी है कि मैं अपने जैसी अन्य महिलाओं को भी रोजगार दे पा रही हूं।
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तैयार करती हैं 50 से ज्यादा फूड आइटम्स
पूनम शर्मा 50 से ज्यादा फूड आइटम्स बनाती हैं। इनमें खासताैर पर 35 प्रकार के औषधीय लड्डुओं को तैयार किया जाता है। इनके द्वारा तैयार लड्डू कई तरह की बीमारियों में भी की विदेशों में खास मांग है। लड्डूओं में खास तौर पर
- बाजरा के लड्डू,
- धनिया के लड्डू
- गोंद के लड्डू
- बेसन के लड्डू
- आंवला के लड्डू,
- एलोवेरा के लड्डू
- कांगनी के लड्डू,
- सफेद मिर्ची लड्डू,
- नारियल के लड्डू,
- चॉकलेट के लड्डू,
- हल्दी के लड्डू,
- अजवायन के लड्डू,
- सौंठ के लड्डू,
- गुड़-तिल के लड्डू,
- क्रंची लड्डू,
- बादाम के लड्डू,
- खजूर के लड्डू,
- मूंग के लड्डू,
- ड्राई फ्रूट पंजीरी,
- अलसी के लड्डू,
- रागी के लड्डू,
- चिया सीड्स के लड्डू,
- मेथी के लड्डू,
- सुपर लड्डू,
- नारियल-पनीर लड्डू,
- काला तिल के लड्डू,
- काजू ड्राई फ्रूट के लड्डू,
- अंजीर ड्राई फ्रूट के लड्डू,
- तिल खोया के लड्डू,
- ड्राई फ्रूट के लड्डू,
- उड़द लड्डू,
- क्रंची लड्डू,
- बादाम के लड्डू,
- खजूर के लड्डू,
- मूंग लड्डू,
- चना लड्डू,
- मिल्क केक विद कोकोनट लड्डू शामिल हैं।
- सभी भोज्य पदार्थ मिलेट्स यानि मोटे अनाज से तैयार किए जाते हैं। लड्ड्यू के अलावा नमकीन, चॉकलेट, चिप्स, कुरकुरे आदि हैं। बच्चों को मिलेट्स खिलाने के उद्देश्य से पूनम ने बच्चों के फूड आइटम पर विशेष काम किया है। बच्चे इनके द्वारा तैयार की गई चॉकलेट, चिप्स व कुरकुरे भी चाव से खाते हैं।
विदेशों में भी लड्डूओं की मांग
पूनम शर्मा ने बताया कि उनके पास यूएसए भी लड्डूओं की मांग है। वे वहां भी कई बार ऑर्डर दे चुकी हैं। इसके साथ ही पूनम बताती हैं कि 24 फरवरी 2020 को अहमदाबाद में आयोजित नमस्ते ट्रंप कार्यक्रम में उनके लड्डूओं को मंगवाया गया था। कार्यक्रम में तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप व दूसरे मेहमानों को ये लड्डू दिए गए थे।