गर्मी से लगातार तापमान में इजाफा हो रहा है। सूर्य की तेज धूप लोगों के लिए परेशानी का कारण बनती नजर आ रही है। हाल ही में एक मामला सामने आया महाराष्ट्र से जहां पर एक कार्यक्रम के दौरान 11 लोगों की मौत हो गई है और 120 लोगों को अस्पताल में भर्ती करवना पड़ा। कार्यक्रम के दौरान 300 लोगों में डिहाइड्रेशन, हाई ब्लड प्रेशर, थकावट की भी शिकायत आई है। बताया जा रहा है कि 38 डिग्री सेल्सियस तापमान में ये लोग कार्यक्रम का हिस्सा थे।
बढ़ती गर्मी में यात्रा या कार्यक्रम का हिस्सा बनने से पहले इन बातों का रखें ख्याल
एक वेबसाइट में उपलब्ध करवाई गई जानकारी के अनुसार, लगातार बढ़ रही गर्मी को देखते हुए अगर हम कोई सार्वजनिक जगह पर जा रहे हैं, रैली में जा रहे हैं, यात्रा कर रहे हैं, सामाजिक प्रोग्राम का हिस्सा बन रहे हैं, पारिवारिक कार्यक्रम है, तो हमें कई बातों का ध्यान रखना जरुरी है।
तेज गर्मी से प्रभावित होते हैं ये लोग
- ब्लड प्रेशर के मरीज।
- बुजुर्ग।
- छोटे बच्चे।
- जिनको थायराइड की समस्या है।
- जिनको हार्ट की समस्या है।
- किडनी के मरीज को भी तेज धूप प्रभावित करती है।
- गर्भवती महिलाएं।
- शुगर के रोगी।
- अस्थमा के रोगी।
तेज गर्मी की वजह से होती हैं ये बीमारियां
- हीट एग्जॉशन।
- डिहाइड्रेशन।
- फूड पॉइजनिंग।
- पीलिया।
- आंखों में एलर्जी।
- टायफाइड (निकाला)।
- मीजल्स।
- चिकनपॉक्स।
- स्किन एलर्जी।
हार्ट फेल।
क्या होता है हिट स्ट्रोक
आम भाषा में हम इसे लू लगना कह सकते हैं। जब हमारी बॉडी अपने तापमान को कंट्रोल नहीं कर पाती ये तब होता है। इसमें हमारे शरीर का तापमान लगातार बढ़ता जाता है कम नहीं होता। एक वेबसाइट में दी जानकारी के अनुसार अगर किसी व्यक्ति को लू लग जाती है, तो शरीर का स्वेटिंग मैकेनिज्म फेल हो जाता है। कुछ ही देर में शरीर का तापमान तेजी से बढ़ जाता है और 106 डिग्री फारेनहाइट या इससे अधिक भी हो सकता है। उचित समय पर अगर इसका इलाज नहीं किया जाता तो इससे आदमी की मौत भी हो सकती है या ऑर्गन फल्योर हो सकता है।
क्या होता है हिट एग्जॉशन
हिट एग्जॉशन का मतलब होता है शरीर से काफी मात्रा में पसीना निकलना। पसीने के माध्यम से शरीर में पानी और नमक दोनों निकल जाते हैं। इसमें इमरजेंसी मेडिकल ट्रीटमेंट की जरुरत होती है। ये गंभीर समस्या बन सकती है। समय पर उपचार नहीं होने पर आदमी की मौत हो जाती है।
हीट एक्जॉशन की वजह
- ठंड से अचानक गर्मी में जाना।
- गर्म जगह पर कई देर तक खड़े रहने पर।
- पसीना या हवा पास नहीं होने वाले कपड़े पहनना।
हेल्दी फूड न खाकर जंक फूड खाना। - शराब ज्यादा पीना।
- गर्मी में ज्यादा शारीरिक मेहनत करना या एक्सरसाइज ज्यादा करना।
कम पानी पीना।
हीट एग्जॉशन के लक्षण
- बार-बार ज्यादा मात्रा में पसीना निकलना।
- पल्स रेट अचानक से तेज होना।
- अचानक से उल्टी आने जैसा महसूस होना या फिर थकान होना।
- मांसपेशियों में दर्द होना।
- सिर में तेज दर्द होना।
हार्ट रेट बढ़ जाना। - अचानक से हाथ-पैर ठंडे होना।
डिहाइड्रेशन के लक्षण
- होंठ सूखना।
अचानक से चक्कर आना सिरदर्द होना। - बार-बार प्यास लगना।
- पेशाब कम आना और रुक-रुक कर आना।
- उल्टी आना।
मांसपेशियों में दर्द होना। - थकान के साथ सांस लेने में दिक्कत होना।
धूप में जाने से पहले इन बातों को रखें ख्याल
- हल्के रंग के सूती वस्त्र पहनें।
वस्त्र ज्यादा टाइट नहीं होने चाहिए। - बाहर जाते समय कभी भी खाली पेट घर से न निकलें।
- लगातार धूप में न घूमें।
- ज्यादा पैदल चलने से बचें।
- ज्यादा से ज्यादा पानी पीएं, और पानी की बोतल साथ में रखें।
- ओआरएस और चीनी का घोल हमेशा अपने पास रखें।
- रास्ते में अगर दही, छाछ या नारियल का पानी उपलब्ध है तो पीते रहें।
- सिर को हमेशा ढक कर रखें।
- जंक फूड खाने से बचें।
लू लगने पर क्या सावधानी बरतें
- जिस व्यक्ति को लू लगी है उसे गर्म स्थान में लेकर नहीं जाना चाहिए।
कूलर या पंखे के सामने व्यक्ति को रखें। - ठंडे पानी से नहलाएं।
- कपड़ों की मोटी लेयर है तो हटा दें।
- सिर पर बर्फ या गीला तौलिया रखें।
- ठंडा पेय पिलाएं। जैसे- आम पन्ना, दही, लस्सी, शिकंजी, पानी आदि।
- ज्यादा दिक्कत होने पर डॉक्टर से संपर्क करें।
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