सोनीपत जिले में इंसानियत को शर्मसार करने वाला मामला सामने आया है। शिक्षा विभाग के एक कर्मचारी ने राइट टू एजुकेशन एक्ट के तहत बच्ची का निजी स्कूल में एडमिशन कराने की गुहार लगा रही महिला को कुछ घंटे उसके साथ गुजारने की डिमांड की। साथ ही 30 हजार रुपए रिश्वत मांगी। महिला ने उससे मोबाइल फोन पर हुई बातचीत को रिकार्ड कर लिया।
महिला ने बताया कि उसके पास इतने रुपए नही है तो बेशर्म कर्मचारी ने कहा कि फिर तो उसे हर महीने एक बार कुछ घंटे के लिए उसके पास आना होना। वह उसकी इज्जत का सौदा कर रहा है।
मोबाइल में कॉल रिकॉर्डिंग के कुछ अंश
- महिला- हेलो
- कर्मचारी- हां जी बताओ
महिला- सर, एक्चुअली आपकी-मेरी बात हुई थी, गुड़िया का दाखिला नहीं हुआ।
महिला- सारे डॉक्यूमेंट भी पूरे हैं, सारी चीजें पूरी हैं। सर जी कुछ गुड़िया का तो करो, अब तो लास्ट ड्रा चल रही है।
कर्मचारी- एक दूसरे स्कूल का नाम लेता है, महिला कह रही है कि वहां नहीं ले रहे। वो तो फर्स्ट क्लास में ही ले रहे हैं।
कर्मचारी- सीधे सौदेबाजी पर आते हुए, आप के करोगी मेरे लिए।
महिला- सर बात हुई तो थी, आपकी मेरी। जो भी आपको ठीक लगे।
कर्मचारी- सीधे बता दो ना के कर सको हो मेरे लिए।
महिला- कुछ देर चुप रही है, फिर बोली, बताओ आप, आप जैसे कहोगे, बता दो मुझे।
कर्मचारी- सीधे बोलता है कि – चलना पड़ेगा कहीं, दो चार घंटे तक
महिला- सर अभी गुड़िया का तो नाम भी नहीं आया, पहले नाम तो आ जाए।
कर्मचारी- मैं वही तो बोल रहा ना, अर 30 हजार रुपए का खर्चा आएगा।
महिला- अच्छा, फिर महिला कुछ सोचती है।, फिर कहती हे कि 30 हजार रुपए का खर्चा आएगा।
कर्मचारी- हां, और आपने चलना पड़ेगा, एक दिन के लिए दो तीन घंटे के लिए।
महिला- एक बात बताओ सर, पहले ही हमारा हाथ इतना तंग है। तभी तो हमने आरटीई का फॉर्म भरा था।
कर्मचारी- मैडम मैंने भी तो करना पड़े है ना सबसे, एकला मैं नहीं आता
महिला- उसके बाद हो जाएगा सर मेरी गुड़िया का। कर्मचारी हां करता है। महिला कहती है कि सर अभी लिस्ट देख कर आयी हूं। किस बच्चे का नाम हे। उस दिन 16 थे, अब सीधे 18 कर दिए। उसमें भी उसका ….नाम है। मेरी गुड़िया का फिर भी नाम नहीं है।
कर्मचारी- कोई नहीं हो जाएगा, आपका भी
महिला- चला सर ठीक है, फिर मैं कब तक करू आपको कॉल।
कर्मचारी- एग्री हो आप
महिला- सर पेमेंट नहीं हो पाएगी इतना
कर्मचारी- बेशर्मी पर उतरते हुए, फर तो आए महीने एक दिन फेटना (मिलना) पड़ेगा आपने, बताओ, एक दो घंटे तक
महिला- ठीक है सर, आप बता दो मेरे को, फिर कैसे क्या है। नाम कैसे आएगा, गुड़िया का पहले
कर्मचारी- वो मैं बात करूंगा न, बता दो क्या क्या नाम हैं।
महिला- बच्चे का नाम…. है और फादर … हैं। क्योंकि ड्रा तो अभी चल रहे हैं। ड्रा में अभी नाम नहीं आएगा तो फिर मेरा इतनी मेहनत करने का क्या फायदा।
कर्मचारी- वो तो है ही जी
महिला- ये तो सर भरोसे पर ही हैं सारी चीजें
कर्मचारी- सेवा पानी तो आपने करनी ही पड़ेगी जी
महिला- बिल्कुल मैं समझ रही हूं सर, कर्मचारी बोलता है। महिला दोबारा कहती है, मैं समझ रही हूं सर, कराओ सर फिर मेरी गुड़िया का कराओ
कर्मचारी- देख लेना मैडम जो बात हैं। आधे घंटे देख लेना
महिला- सर आप गुड़िया का करा दो मेरा, बस उसके बाद तो मैं हाजिर ही हाजिर हूं।
कर्मचारी- देख लेना आज, आधा घंटा ही तो लगेगा।
महिला- ठीक है सर मैं आपको फोन कर दूंगी। इसके बाद बातें बंद हो जाती हैं।
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पुलिस को दी शिकायत
महिला ने पुलिस को दर्ज कराई FIR में कहा है कि मैंने RTE के फार्म भर रखे थे, मैं अपनी बेटी का दाखिला RTE के जरिए करवाना चाहती थी। इसके संबन्ध में मैं सोनीपत गई थी। बीईओ कार्यालय में मुझे एक व्यक्ति मिला। जिसने मुझसे कहा कि आपके कागज तो पूरे हैं लेकिन दाखिला ऐसे नहीं होता। आप घर जा कर फोन करना। मेरा नंबर ये है और हां हमारे बीच की बात हमारे बीच ही रखना। इस दौरान उसने इज्जत का सौदा किया।
लोगों ने की कर्मचारी की धुनाई
महिला ने इसके बाद पूरी जानकारी अपने पति को दी। बताया गया है कि महिला का पति कुछ लोगों को साथ लेकर कर्मचारी के पास जाता है। लोगों ने कर्मचारी की जमकर धुनाई की। बाद में महिला ने मामले की शिकायत सिविल लाइन थाना पुलिस को दी।