खाने में तीखापन लाने के लिए आप क्या करते हैं? पूरी उम्मीद है कि हरी, लाल या काली मिर्च का ही प्रयोग किया जाता है। मिर्च खाने को तीखा बनाने के साथ ही खाने को स्वादिष्ट बनाती हैं। मिर्च की पहचान ही तीखेपन से होती है। लेकिन क्या कभी आपने गौर किया है कि आखिर मिर्च तीखी क्यों होती है। इस लेख में हम आपको मिर्च के तीखे होने की वजह बताएंगे। इसके साथ ही मिर्च का तीखापन मापने की इकाई व मिर्च संबंधी चौंकाने वाले आंकड़े बताएंगे। इसके साथ ही घर पर मिर्च उगाने के तरीके भी बताएंगे।
इस वजह से तीखी होती है मिर्च
मिर्च के तीखे हाेने के पीछे का कारण मिर्च में कैप्साइसिन नामक तत्व का मौजूद होना है। बता दें कि कैप्साइसिन मिर्च के बीच वाले हिस्से में होता है। इसकी वजह से मिर्च की प्रवृति तीखी होती है। कैप्साइसिन हमारे मुंह में टीआरपीवी1 रिसेप्टर्स को उत्तेजित करता है। टीआरपीवी1 रिसेप्टर्स का उद्देश्य थर्मोरेसेप्शन यानी गर्मी का पता लगाना है। यही तत्व मिर्च को फफूंद से बचाने का भी काम करता है। कैप्साइसिन कंपाउंड जैसे ही जीभ के संपर्क में आता है तो नसों पर अपना असर छोड़ता है। इसी तरह यह त्वचा के संपर्क में आने पर करता है। जिसकी वजह से जलन महसूस होने लगती है। इसके साथ ही कैप्साइसिन खून में सब्सटेंस पी नामक केमिकल रिलीज करता है, जो दिमाग में जलन का संदेश भेजता है।
मिर्च का तीखापन मापने की इकाई
मिर्च का तीखापन मापने की इकाई SHU (स्काविले हीट यूनिट्स) व हाई प्रेशर लिक्वड क्रोमाटोग्राफी मशीन है। SHU को विल्बर स्काविले ने 1912 में हयूमन टेस्टिंग पैनल के जरिए इजाद किया था। हालांकि अब SHU की जगह अब हाई प्रेशर लिक्वड क्रोमाटोग्राफी मशीन से मिर्च का तीखापन मापा जाता है। बता दें कि मिर्च का मूल स्थान दक्षिण अमेरिका है। इसके बाद ही यह पूरी दुनिया में फैली। पंद्रहवीं-सोलहवीं सदी तक पूरी दुनिया में इसका इस्तेमाल शुरू हो गया था।
दुनिया की सबसे तीखी मिर्च
अब आपको इस बात में भी दिलचस्पी होगी कि आखिर दुनिया की सबसे तीखी मिर्च कौन सी है। तो आपकी जानकारी के लिए बता दें कि कैरेलीना रीपर फिलहाल दुनिया का सबसे तीखी मिर्च है। इसमें 2.2 मिलियन तक SHU(स्काविले हीट यूनिट्स) होती है। इस मिर्च का नाम गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज है। इस मिर्च को अमेरिका में उगाया जाता है। इस मिर्च को स्वीट हैबनेरो और नागा वाइपर मिर्च के बीच क्रॉस करके तैयार किया गया है। वहीं भारत की भूत जालोकिया (घोस्ट पेप्पर) 2011 तक दुनिया की सबसे तीखी मिर्च रही है। इसका नाम भी गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज रहा है। अब यह तीखेपन में 7 वें नंबर पर है।
मिर्च से जुड़े आंकड़े
- दुनिया की 25 फीसदी आबादी फिलहाल रोजाना मिर्च खाती है।
- सालाना 30 लाख टन से अधिक मिर्च का उत्पादन किया जाता है।
- मिर्च का चार अरब डॉलर से अधिक का कारोबार है
- मिर्च होने का पहला प्रमाण मेक्सिको या उत्तरी मध्य अमेरिका में 6,000 साल पहले का है।
- कैरेलीना रीपर फिलहाल दुनिया का सबसे तीखी मिर्च है। इसमें 2.2 मिलियन तक SHU(स्काविले हीट यूनिट्स) होती है।
- भारत की भूत जालोकिया (घोस्ट पेप्पर) 2011 तक दुनिया की सबसे तीखी मिर्च रही है।
- स्काविले हीट यूनिट्स(SHU) को विल्बर स्काविले ने 1912 में हयूमन टेस्टिंग पैनल के जरिए इजाद किया था।
- पक्षी तीखापन महसूस नहीं कर सकते क्योंकि पक्षियों के पास मनुष्यों से अलग रिसेप्टर्स होते हैं।
पानी से तीखापन खत्म नहीं होने की वजह
मिर्च खाते ही जैसे ही जलन शुरू होती है तो हम सबसे पहले पानी की ओर भागते हैं। लेकिन कभी भी मिर्च की जलन पानी पीने से शांत नहीं होती है। दरअसल कैप्साइसिन पानी में घुलनशील ही नहीं है। ऐसे में मिर्च की जलन पानी पीने से शांत नहीं होती है। हालांकि जलन को शांत करने के लिए दूध, दही, शहद या शक्कर इस्तेमाल किया जा सकता है। इससे जलन जल्द ही शांत हो जाती है।
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हरी मिर्च खाने के फायदे
- हरी मिर्च में विटामिन सी पाया जाता है, जो स्किन के लिए बहुत अच्छा माना जाता है।
- इसमें फाइटोन्यूट्रिएंट्स भी होते हैं जो त्वचा को दाग धब्बों को दूर करते हैं।
- हरी मिर्च तनाव को कम करने में भी सहायक होती हैं।
- मिर्च में पाया जाने वाला कैप्साइसिन दिल की बीमारियों के लिए अच्छा है।
- कैप्साइसिन डायबिटीज के लिए भी बहुत अच्छा माना जाता है.
मिर्च खाने के नुकसान
- अधिक मिर्च खाने से डिमेंशिया बीमारी हो सकती है।
- ज्यादा मिर्च खाने से पेट में जलन, सूजन, गले में जलन, कब्ज जैसी समस्या आती है।
- हरी मिर्च खाने से टॉक्सिन्स बढ़ सकते हैं।
- ज्यादा मिर्च खाने से अस्थमा का अटैक पड़ सकता है।
- अल्सर के मरीजों को मिर्च का सेवन नहीं करना चाहिए।
- पाइल्स यानी बवासीर के मरीज को भी मिर्च के सेवन से परहेज करना चाहिए।
- अगर आपको स्किन से जुड़ी कोई परेशानी है तो मिर्च के सेवन से परहेज करना चाहिए।
अपने घर में उगाएं ऑर्गेनिक कलरफुल मिर्च
अधिकतर घरों में हरी मिर्च व लाल मिर्च का सेवन किया जाता है। लेकिन बाजार में मिलने वाली मिर्च में कैमिकल व पेस्टिसाइड का छिड़काव किया जाता है। जिसकी वजह से ये मिर्च सेहत के लिए नुकसानदायक साबित होती हैं। ऐसे में घर पर ही ऑर्गेनिक मिर्च उगाई जा सकती हैं। सिर्फ हरी या लाल ही नहीं आप आसानी से घर पर कलरफुल मिर्च उगा सकते हैं जिसमें लाल, काली, पीली मिर्च शामिल हैं। किचिन गार्डनिंग एक्सपर्ट दीपक बब्बर अपने छत पर कई कलर्स में मिर्च का उत्पादन ले रहे हैं। हम उनके दिशानिर्देशन में मिर्च उगा सकते हैं।
NOTE: इस लेख में दिए गए सभी आंकड़े द द कन्वरसेशन की रिपोर्ट के व अन्य की रिपोर्ट के आधार पर दिए गए हैं। इसके साथ ही यदि आपको यह लेख पसंद आया है तो कमेंट में बताना न भूलें।
Mirchi ke Binay Suadst khana knha Bnta hai