बहुत से ऐसे लोग भी हैं, जो घर में सब्जियां उगाना चाहते हैं, लेकिन जगह की कमी के चलते ऐसा नहीं कर पा रहे हैं। 

हाइड्रोपोनिक तकनीक के बारे में जानते हैं, जिसकी सहायता से पानी में कई सब्जियों को ग्रो किया जाता है। 

हाइड्रोपोनिक का मतलब होता है मिनिरल न्यूट्रियंट साल्यूशन की मदद से बिना मिट्टी के फसल उगाना। इस तकनीक मे सिर्फ कंकड़, बालु या पानी में ही सब्जियों की पैदावार ली जाती है। 

इस तकनीक की सहायता से 15 से 30 डिग्री सेल्सियस तक तापमान के साथ 80 से 85 प्रतिशत नमी वाली जलवायु में ये खेती आसानी से की जा सकती है। 

 हाइड्रोपोनिक तकनीक में बतख की खाद, मूर्गों की खाद, मछली का वेस्ट आदि को पोषक तत्वों के रुप में प्रयोग किया जा सकता है।  

 धनिए का सेवन कई बीमारियों से बचाता है। हाइड्रोपोनिक सिस्टम के तहत आप बिना मिट्टी के इसे आसानी से ग्रो कर सकते हैं।

जगह की कमी के चलते कुछ लोग इस पत्तेदार सब्जी को घर में उगा नहीं पाते हैं, लेकिन हाइड्रोपोनिक सिस्टम के तहत पालक को आसानी से ग्रो किया जा सकता है।

लेट्युस एक बेहतर सलाद है, जो फोलिक एसिड से भरपूर होता है।लेट्युस को आप हाइड्रोपोनिक सहायता से आसानी से अपने घर में उगा सकते हैं।

केल को भी हाइड्रोपोनिक सिस्टम के तहत आसानी से उगाया जाता है। ये पत्तागोभी जैसी सख्त पत्तों वाली होती है। केल को लीफ कैबेज भी कहा जाता है। 

इसके अलावा मटर, शलगम, गाजर, मूली, शिमला मिर्च, अजवाइन, अनानास आदि को भी हाइड्रोपोनिक तकनीक से आसानी से ग्रो किया जा सकता है।

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