गर्मियों के मौसम में बहुत परेशानी होती है। हम अपने शरीर को ठंडक देने वाली चीज ही खाते हैं। कपड़े भी इस हिसाब से पहनते हैं कि गर्मी न लगे। गर्मी आते ही मिट्टी के मटकों में पानी रखना शुरू कर देते हैं। ताकि ठंडे पानी के साथ-साथ सेहत को फायदा भी पहुंचे। लेकिन गर्मियों में तांबे के बर्तनों का प्रयोग करने के लिए मना किया जाता है। इंटरनेशनल डाइटीशियन और न्यूट्रिशनिष्ट शिखा अग्रवाल शर्मा ने एक वेबसाइट को इसके बारे में बताया है चलिए जानते हैं।
तांबे के बर्तनों में खाना पकाना
शिखा अग्रवाल का कहना है कि तांबे के बर्तन में पानी पीना तो कुछ हद तक ठीक भी है। लेकिन अगर आप तांबे के बर्तनों में खाना पका रहे हैं तो ये गलत है। स्वास्थ्य के लिए ये कई बार नुकसानदायक हो सकता है। खाने में कॉपर की मात्रा बढ़ जाती है। कॉपर की मात्रा बढ़ जाने से शरीर में कई तरह के प्रभाव पड़ सकते हैं।
तांबे के बर्तन में खाना बनाने से होता है ये
- नाक से खून आने लगना (नकसीर)।
- भूख नहीं लगना।
- शरीर का तापमान बढ़ने लगना।
- डायरिया होना।
- ब्लोटिंग होना।
तांबे के बर्तन में ये पीने से बचें
- गर्मियों में तांबे के बर्तन में दुध ना पीएं।
- लस्सी पीना भी नहीं है सही।
- तांबे के बर्तन के प्रयोग से एसिडिक रिएक्शन होने का खतरा होता है।
तांबे के बर्तन में ये पीने से होगी निम्न समस्याएं
- उल्टी आने की समस्या हो जाती है।
- दस्त लग सकते हैं।
- ब्लोंटिग हो सकती है।
- दुध फट सकता है।
- खट्टी चीजें खराब हो सकती है।
बच्चों को पहुंचाता है नुकसान
शिखा अग्रवाल का कहना है कि गर्मियों के मौसम में तांबे के बर्तन में बच्चों को खाना देना हानिकारक है। बच्चों के लिए न ही तांबे के बर्तन में खाना बनाना चाहिए। और न ही उसे खाने के लिए देना चाहिए। माना जाता है कि ऐसा करने पर बच्चा एक्टिव नहीं रहता है। उसको चक्कर आने की समस्या भी हो जाती है।
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तांबे के बर्तन में पानी पीना
शिखा अग्रवाल का कहना है कि तांबे की तासीर गर्म होती है। गर्मियों में तांब का यूज आपके शरीर में दिक्कत पैदा कर सकता है। तांबे के बर्तन में पानी पीना इतना नुकसानदायक नहीं है। लेकिन रात को पानी भरकर रख लें और सुबह इसे पीएं तो ज्यादा अच्छा है।
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सही बात है