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Tips for planting cuttings– मानसून का मौसम काफी अच्छा होता है। पौधों के लिए ये समय काफी अच्छा माना जाता है। इस समय मौसम में ज्यादा नमी होती है, तो बिना पानी दिए आपके पौधे अच्छी ग्रोथ करते हैं। वातावरण में नमी होने के चलते न तो पौधे सूखने का खतरा होता है और नहीं सड़ने का। आज के इस लेख में जानते हैं कि आपको किसी पौधे की कटिंग कैसे लेनी है, कैस लगानी है और लगाने के बाद क्या सावधानियां बरतनी है?
बारिश में कटिंग लगाने की जानकारी (Information about planting cuttings in rain)
कटिंग का चुनाव (selection of cuttings)
  • इस मौसम में सभी तरह की कटिंग आप लगा सकते हैं। 
  • नमी कटिंग को सूखने नहीं देती और हल्की गर्मी और ठंड कटिंग को बढ़ने में मदद करती है।
  • आप किसी पौधे पर 3 से 6 महीने पुरानी शाखा से 4 से 6 इंच लंबी, पेंसिल आकार की कटिंग लें। 
  • बहुत बड़ी कटिंग लेने से बचें क्योंकि यह अच्छी तरह से जड़ नहीं पकड़ पाएगी।
  • बड़ी कटिंग लग जाने पर सुंदर पौधा नहीं बल्कि पतला पौधा बन जाती है।
  • कटिंग लेते समय, एक तेज चाकू या प्रूनर का उपयोग करें।
  • कटिंग उस नोड के ठीक नीचे काटें जहां पत्ती तने से जुड़ती है।

कटिंग लेने का सही समय (Right time to take cuttings)

  1. कटिंग हमेशा सुबह या शाम के समय आपको लेनी है। 
  2. कटिंग लेने क तुरंत बाद उसे प्लास्टिक बैग में रखें. ताकि वो सूखे ना। 
  3. जितना जल्दी हो एक घंटे के भीतर कटिंग लगाने का प्रयास करें। 

कटिंग लगाने के तरीके (Methods of planting cuttings)

  1. कटिंग आप मिट्टी, पानी, रेत  या कोकोपीट में लगा सकते हैं। 
  2. कटिंग आप पचास प्रतिशत मिट्टी और पचास प्रतिशत रेत में लगाएं। 
  3. जब प्रोपर तरीके से आपके पास छाया की व्यवस्था है बारिश में तभी कोकोपीट में कटिंग लगाएं। 
  4. कोकोपीट में ज्यादा नमी होने पर कटिंग सड़ जाएगी। 
  5. कोकोपीट में कटिंग लगा रहे हैं, तो पानी का खास ख्याल रखना होगा। 
कटिंग लगाने का सही समय (Right time to plant cuttings)
  1. बारिश के मौसम में कभी भी कटिंग लगा सकते हैं। 
  2. आप शाम के 5 बजे कटिंग लगाते हैं, तो ज्यादा सही है। 
  3. इससे कटिंग के अदंर नमी का सत्र बेहतर बना रहेगा। 
  4. आप अगर सुबह कटिंग लेकर आते हैं, तो सुबह ही लगा लें। 
  5. शाम के समय लाते हैं, तो एक घंटे के भीतर लगा लें। 
कटिंग लगाने से पहले करें ये काम (Do this work before planting cuttings)
  1. कटिंग को लगाने से पहले 15 मिनट तक फफूंदनाशक पानी में डूबो दें। 
  2. कटिंग को सीधा नीचे से ऊपर की और लगाएं। 
  3. आप कटिंग के नीचे से एक इंच तक छाल हटा दें। 
  4. आप कटिंग को नीचे से 45 डीग्री कोट पर काटें। 
  5. रोपने के बाद कटिंग को तुरंत पानी दें। 
  6. आप मिट्टी में फफूंदनाशक भी डाल सकते हैं। 
कटिंग लगाने के बाद (after planting cuttings)
  1. कटिंग को लगाने के बाद कटिंग को छाया वाली जगह पर रखें। 
  2. गमले में ज्यादा पानी देने से आपको बचना है। 
  3. ऊपर की मिट्टी सूखी लगे, तभी पानी देना है। 
  4. कटिंग के साथ छेड़छाड़ आपको नहीं करनी है। 
कटिंग फूटने के बाद  (After splitting of cuttings)
  1. कम से कम 45 दिन किसी भी कटिंग को जड़ बनाने में लगते हैं। 
  2. कटिंग में फुटाव दिखने पर उसे तुरंत रिपोट न करें। 
  3. जहां पर कटिंग लगी हुई है, उसे वहीं रहने दें। 
  4. कटिंग की देखभाल आपको करते रहना है। 
  5. ध्यान रहे आपको कटिंग में सिर्फ पानी डालना, खाद नहीं डालनी है। 
  6. कटिंग में जब 3 से 5 नोड आ जाएं, तब ताजा मिट्टी, खाद और रेत के मिश्रण में रिपोट करें। 
  7. सात दिनों तक आपको इस गमले को यहीं रखना है जहां कटिंग लगी थी। 
  8. उसके बाद सामान्य होने पर आप इसे एक घंटे की धूप दिखाएं। 
  9. दस दिनों तक धीरे-धीरे समय बढ़ाकर इसे बाहर रखना शुरु कर दें। 
  10. दूसरे पौधों की तरह आप इसकी केयर करें, ये पौधा जल्दी बन जाएगी। 
कटिंग लगाते समय बरतें सावधानी (Be careful while planting cuttings)
  • तीन से चार कटिंग आप साथ में लगाएं, इनमें से एक कटिंग प्रोपर तरीके से फुटाव करेगी। 
  • कटिंग हमेशा स्वस्थ होनी चाहिए। बीमार कटिंग अन्य पौधों को संक्रमित कर देगी। 
  • आप कटिंग पर रुटिंग हार्मोन लगा सकते हैं। 
  • आप इसपर एलोवेरा भी लगा सकते हैं।
  • अगर गमले में एक से ज़्यादा कटिंग हैं, तो उन्हें समय रहते रिपोटिंग के समय ही अलग कर लेना सबसे अच्छा होगा।

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