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Gardening tips-गार्डनिंग करने वाले लोग मिट्टी की उपजाऊ शक्ति बढ़ाने के लिए तरह-तरह की चीजें इसमें मिलाते हैं। पौधों के विकास दर को बढ़ाने के लिए हर संभव प्रयास लोग करते हैं। पौधों को हराभरा देखकर जिन लोगों को सुकुन मिलता है, वो इनकी केयर बड़े प्यार से करते हैं।

गमले में कोकोपीट का इस्तेमाल लोग करते हैं। इससे मिट्टी पौधों को सभी पोषक तत्व भी मिलते हैं और ये पौधे के लिए अच्छा है। आज के इस लेख में हम आपको कोकोपीट की जगह आप अन्य किन चीजों का इस्तेमाल गमले में कर सकते हैं इसकी जानकारी देंगे।

कोकोपीट क्या है(what is cocopeat)

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सबसे पहले जानते हैं कि कोकोपीट क्या है और इसमें पौधा लगाने के क्या फायदे आपको मिलते हैं। कोकोपीट का चलन भारत में धीरे-धीरे बढ़ रहा है। कोकोपीट बनाना भी आसान है और इसमें पौधा लगाना भी। कोकोपीट को आप घर में आसानी से बना सकते हैं।

  • कोकोपीट नारियल के मुलायम रेशों से बनता है।
  • ये बायोलोजिकल वेस्ट है,जो पौधों को पोषक तत्वों से भरता है।
  • ये वजन में मिट्टी की अपेक्षा काफी हल्का होता है।
  • नमी को ये लंबे समय तक रोके रखता है।
  • जड़ों के विकास के लिए कोकोपीट अच्छा माना जाता है।
  • ये मिट्टी की भौतिक दशा सुधारने में जिम्मेदार है।

 कोकोपीट की जगह इन बायलोजिकल वेस्ट का करें प्रयोग(Alternative to cocopeat in gardening)

मूंगफली की छिलके(peanut shells)

  • मूंगफली के छिलके आप कोकोपीट की जगह यूज कर सकते हैं।
  • ये बिल्कुल कोकोपीट की तरह आपके पौधों में काम करता है।
  • मूंगफली के दाने निकलने के बाद बचा वेस्ट आप यूज करें।
  • इस वेस्ट को महीन पीसकर मिट्टी की जगह यूज करें।
  • आप जैसे नारियल की खोल को पानी में भीगोकर यूज करते हैं वैसे ही इसका यूज करें।
  • आप इनको महीन करके धूप में सुखाएं और पीस लें।
  • पाउडर तैयार होने के बाद पानी में भिगोकर रखें और फिर सूखने के बाद पौधों में डालें
  • आप सीधा खाद भी इन छिलकों से तैयार कर सकते हैं।
  • छिलकों को मिट्टी में दबा दें और फिर ऊपर से पानी डालें।
  • इसमें नमी बनाकर रखें, इससे आपकी पोषक तत्वों से युक्त खाद बनकर तैयार हो जाएगी।
  • आप इस पाउडर को 12 घंटे के लिए भिगोकर रख सकते हैं।
  • ये कोकोपीट का अच्छा विकल्प है।

धान की भूसी(paddy husk)

  • धान से चावल निकालने के बाद बचा वेस्ट भी बागवानी में प्रयोग होता है।
  • धान की भूसी में कुछ पोषक तत्व मिलाकर पौधे लगाए जा सकते हैं।
  • ये मिट्टी की अपेक्षा काफी हल्का होता है।
  • कोकोपीट का अच्छा विकल्प है धान की भूसी है।
  • गुलाब के बंडिग किए पौधे ज्यादातर इसी भूसी में तैयार किए जाते हैं।

गेहूं का भूसा(wheat straw)

  • गेहूं का भूसा का प्रयोग भी बागवानी में होता है।
  • कई पौधों को लगाने के लिए इसमें आवश्यक पोषक तत्व मिलाएं।
  • गेहूं का भूसा पशुओं के चारे के रुप में प्रयोग लाया जाता है।

बायलोजिकल वेस्ट पौधों में यूज करने के फायदे(Benefits of using biological waste in plants)

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  • ये वजन में काफी हल्के होते हैं।
  • बता दें कि ये सभी विचार टेरेस गार्डनिंग करने वालों के लिए बेस्ट है।
  • इनके प्रयोग से आपकी छत पर ज्यादा लोड नहीं पड़ेगा।
  • जिन क्षेत्रों में मिट्टी नहीं मिलती, वो इनमें पौधे लगाएं।

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नोट- ये जानकारी सामान्य सूचनाओं पर आधारित है। आप किसी बागवानी विशेषज्ञ से ज्यादा जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। आपको अन्य किसी विषय पर जानकारी प्राप्त करनी है, तो द यूनिक भारत के साथ जुड़े रहिए धन्यवाद। आपको जानकारी कैसी लगी है कमेंट करके अपने राय और विचार साझा कीजिए।

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