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मां बहुत बार मां का अपनी बेटी के निजी जीवन में दखल देना उसकी शादीशुदा रिश्ते के लिए परेशानी बन जाता है। हर मां को अपनी बेटी की चिंता होती है, वो चाहती है कि उसे हर सुख मिले वो ससुराल में खुश रहे, लेकिन खुद ही उसकी खुशियां का काल बन जाती है। आज असली बात में हम जानते हैं कि एक मां वो कौन सी गलतियां करती हैं, जो उसकी बेटी के लिए परेशानी बन जाती है।

ससुराल वालों की बुराई करने पर बढ़ावा देना

सबसे पहले जो मां गलती करती है, वो ये होती है कि जब एक बेटी फोन पर अपने ससुराल वालों की बुराई करती है, तो उसको बढ़ावा देती है। उसको समझाने की बजाए उसके साथ चुगली करने लगती है। वो अपनी बेटी को ये समझाने का प्रयास नहीं करती कि वो अच्छे से रहे, सबके साथ एडजस्ट करना सीखें। वो बार-बार खुद ही अपनी बेटी को उकसाती रहती है, या भड़काती रहती है। ऐसा करना बेटी के भविष्य के लिए बिल्कुल भी सही नहीं है। अगर आप अपनी बेटी को खुश देखना चाहते हैं, तो उसको परिवार में एडजस्ट कैसे करना है ये सीखाएं।

बार-बार फोन करना

बहुत सी महिलाओं की ये आदत होती है कि वो अपनी बेटी के ससुराल में भी दखलअंदाजी करती हैं। उनको वहां होने वाली हर पल की खबर चाहिए होती है। वो बार-बार फोन करके अपनी बेटी से उसके घर में क्या चल रहा है ये पूछती रहती हैं। हालांकि बेटी के पास फोन करना उसका हाल चाल पुछने में कोई बुराई नहीं है। बुराई बार-बार फोन करके हर छोटी से छोटी जानकारी प्राप्त करने की इच्छा रखने में है। आपके ऐसा करने पर आपकी बेटी अपने ससुराल को कभी अपना नहीं समझ पाएगी। उसको नई फैमलि में एडजस्ट होने का मौका दें।

बार-बार दामाद को भला बुरा न कहें

ससुराल में जाकर हर महिला को काम करना पड़ता है। ये सदियों से चला आ रहा है और हर घर में ये होता है कि नई बहु आने के बाद घर के सारे कार्य उसे सौंप दिए जाते हैं। लेकिन इस बात को लेकर आपको अपने दामाद को बीच में नहीं लाना है । उसको ताने नहीं देने है। हर वक्त उससे ये शिकायत करना कि मेरी बेटी घर के सभी कार्य करती है। आप उसके लिए कुछ भी नहीं करते। ये सब उसको बार-बार बोलना आपके लिए समस्या बन सकता है। आपके दामाद को ये बात बुरी लग सकती है और पति-पत्नी के बीच इस बात पर झगड़ा हो सकता है। अगर आपकी बेटी सच में परेशान है, तो आप उसके हक के लिए बोल सकती हैं।

काम नहीं करने की बोलना

बहुत सी महिलाएं चाहती हैं कि उनकी बेटी ससुराल में राजकुमारियों की तरह रहें। उन्हें कुछ भी काम नहीं करना पड़े। इसके लिए वो उसको ये सलाह देती हैं कि जब तक तुम्हारी सास काम में हाथ ना बटाएं तुम भी कुछ मत करना। तुम्हे अकेली को काम करने की कोई जरुरत नहीं है। तुम अपने पति से बोलकर काम करने वाली हेल्पर रख लो। अपनी बेटी को ये सब पट्टी पढ़ाने से आप उसके शादीशुदा जीवन को तहस नहस करने वाली है।

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परिवार से अलग रहने की सलाह देना

बार-बार अपनी बेटी को इस बात की सलाह देना कि दामाद जी को बोलकर कहीं और शिफ्ट हो जाओ। परिवार से अलग हो जाओ। परिवार से अलग रहने की सलाह देना आपकी बेटी के लिए घातक सिद्ध हो सकती है। आपकी बेटी परिवार में रहकर अपनों के बीच रहकर ही खुश रह सकती है। इसलिए उसको परिवार से दूर जाने की सलाह मत दीजिए।

अपनी बेटी को समझाएं

अपनी बेटी को सुसराल वालों के खिलाफ करने की बजाए उसको समझाने का प्रयत्न करें। उसको ये बताएं कि वो खुद प्यार से सबकुछ हैंडल करे। उसको ससुराल वालों को समझने का समय दें। अपनी बेटी को अच्छे और बुरे में फर्क करना बताए। उसको ये बोलें कि सिचुएशन कैसी भी हो उसको प्यार से हैंडल करें। अगर कुछ गलत हो रहा है, तो मायके वालों को बीच में लाने की बजाए पहले अपनी पति से डिस्कस करें। अगर पति की तरफ से कुछ गलत हो रहा है, तो अपने सास-ससुर को बताने का प्रयास करें। ऐसा करने पर रिश्ते उलझेंगे नहीं। अपनी बेटी को आप धैर्य रखना सिखाएं।

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ये निजी विचार है। द यूनिक भारत का उद्देश्य किसी  की भावनाओं को ठेस पहुंचाना नहीं है।

 

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