अवसर था वरिष्ठ रंगकर्मी आशुतोष सहलत द्वारा आयोजित कलास्थली, एमफी थिएटर, पालम विहार में चल रहे रंग महोत्सव रंगलाटू का। जहां इस कड़ी में शनिवार 8 अप्रैल को प्रताप सहगल द्वारा लिखित नाटक “मौत क्यों रात भर नहीं आती” का सफल मंचन हुआ। इसका निर्देशन गुरुग्राम के वरिष्ठ रंगकर्मी फिल्म एवं टीवी कलाकार मोहन कांत ने किया। इसमें अभिनय करने वालों में मुख्य भूमिका में गुरुग्राम के ही वरिष्ठ रंगकर्मी एवं टीवी, फिल्म कलाकार हर्ष कुमार, तनुश्री और स्वयं मोहन कांत ने किया तथा अन्य भूमिकाओं में सूरज कुशवाह और हर्षित गुप्ता ने अभिनय किया।
नाटक का नाम गंभीर लेकिन अंदाज हास्यात्मक
नाटक के नाम से ऐसा लगा कि किसी गंभीर विषय पर मंचन होगा परंतु अपने नाम के विपरीत इस नाटक ने दर्शकों को खूब गुदगुदाया। इसकी कहानी एक मध्यमवर्गीय परिवार के व्यक्ति की है जो कर्ज के बोझ तले तथा अपने परिवार की जरूरतों को पूरा न कर पाने की वजह से आत्महत्या करने का निर्णय लेता है और आत्महत्या के विभिन्न तरीकों को अपनाने की कोशिश करता है। लेकिन हर तरीके में विफल रहता है। आत्महत्या के विभिन्न तरीकों को अपनाने की प्रक्रिया से हास्य रस उत्पन्न होता है। दर्शक उसका गुदगुदा कर आनंद लेते हैं, परंतु भाग्य की विडंबना देखिए जिन पैसों की वजह से वह आत्महत्या करना चाहता है नहीं मर पाता और जब आकस्मिक लाभ की वजह से उसे 80 लाख का धन मिलता है तो उस खुशी से उसका हृदयाघात की वजह से मौत हो जाती है।
सफल रहा मंचन
नाटक का मंचन सफल रहा, दर्शकों ने खूब आनंद लिया तथा प्रेक्षाग्रह दर्शकों से भरा हुआ था, शहर के बहुत से रंगकर्मी अनिल संदूजा, नवीन कपूर, विजय भटोतिया, सुहासिनी, चारु भटनागर, पूनम टंडन, आदिति जैन, वर्षा, हेमंत, सत्यम त्यागी, हर्ष झा तथा अन्य वहां उपस्थित थे।