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दुनिया में भारत देश कई मामलों में अलग है। इसी कड़ी में भारत में 18 घंटे काम करने वाले इंसान को बेरोजगार कहा जाता है। खास बात है कि यह इंसान जीरो सैलरी यानि बिना वेतन के ही लगातार काम करता है। यह हैं देश की गृहणियां। जिन्हें हाउस वाइफ कहकर संबोधित कर दिया जाता है और बेरोजगार करार दिया जाता है। हालांकि इनके 18 घंटे काम करने की एनर्जी सबको पसंद आती है। लेकिन इन्हें वेतन के नाम पर ताने मिलते हैं। घर खर्च के लिए जो पैसे दिऐ जाते हैं उन्हें इनकी सेलरी मान ली जाती है जबकि उसमें से एक रुपया ये इस्तेमाल नहीं कर सकतीं।

महिलाओं को अलग से खर्च दिया जाना चाहिए-

महिलाएं घर के सभी काम सही से कर सके इसलिए नौकरी पर नहीं जाती हैं। नौकरी पर जाकर औरतें भी पैसे कमाकर ला सकती हैं। लेकिन उन्हें घर के सभी लोगों का ख्याल भी रखना होता है। ऐसे में उन्हें बेरोजगार कहना बिल्कुल गलत है। महिलाएं तो दिन भर काम करती हैंपूनम, कोटा, राजस्थान

बेरोजगार कहना बिल्कुल गलत

महिलाओं को बेरोजगार कहना बिल्कुल गलत है। बहुत सी महिलाओं की ऐसी शिकायत रहती है। लोगों को समझने की जरूरत है कि घर का काम करना उसका शौक नहीं है। अगर वो भी कमाने चली जाए तो घर कौन संभालेगा। महिलाएं तो पुरुषों से भी ज्यादा काम करती हैं- संध्या, दिल्ली, नंदनगरी

उठने के साथ और सोने के पहले तक करती है काम

महिलाएं उठने के साथ ही काम पर लग जाती है। और वे सोने से ठीक पहले तक घर का काम करती हैं। यह शायद कोई भी एम्प्लाय अपनी कंपनी के लिए नहीं करता होगा। इसके बदले उसे कुछ नहीं चाहिए होता। वह बस सबको खुश देखकर खुश हो लेती है। ऐसे में पुरुषों व अन्य परिवार के लोगों को उसकी खुशी का ख्याल रखना चाहिए– नैंसी, करनाल

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