शीशम नाम हर किसी ने सुना है। ये पेड़ आपको सड़क किनारे, खेतों में या कहीं भी दिखाई देता है। शीशम का पेड़ आम नहीं बल्कि इसके आयुर्वेदिक फायदे हैरान करने वाले हैं। आयुर्वेद में इस पेड़ की पत्तियों के इतने चमत्कारिक फायदे हैं कि औषधियां बनाने में इनका प्रयोग किया जाता है। शीशम की पत्तियों को चबाने के कई अद्भूत फायदों का जिक्र आज के इस लेख में हम करने वाले हैं। आज जानेंगे की आम समझे जाने वाले इस पेड़ की पत्तियों से किन बीमारियों का इलाज संभव है।
शीशम के चमत्कारिक फायदों के बारे में जानने से पहले हम आपको बताते चलें की इसका वैज्ञानिक नाम एनिबा रोजाऐंडोर है। ज्यादातर लोग शीशम की लकड़ी का प्रयोग ईंधन या फिर खिड़की दरवाजे बनाने के लिए करते हैं। शीशम के पेड़ सबसे ज्यादा ब्राजील में देखने को मिलते हैं। चलिए जानते हैं इस विशालकाय पेड़ में पाए जाने वाले औषधियों गुणों के बारे में।
शीशम की पत्तियों के चमत्कारिक फायदे
नसों के दर्द में उपयोगी
शीशम का प्रयोग नसों के दर्द में आराम पाने के लिए भी किया जाता है। नसों में दर्द और खिंचाव रहने पर शीशम की छाल का प्रयोग किया जाता है। शीशम की छाल को पानी में उबालें और जब पानी आधा रह जाएं तो इसे अच्छे से छान लें। छानने के बाद इसे दोबारा से उबाले और गाढ़ा होने पर दूध के साथ इसका सेवन करें। 10-10 ग्राम शीशम की छाल का काढ़ा दूध के साथ तीन बार सेवन करना है। शीशम के तेल को गर्म करके प्रभावित हिस्से में मालिश करने पर भी दर्द से राहत मिलती है।
मुंह में बार-बार छाले होने पर
कई लोगों की ये समस्या होती है कि मुंह में बार-बार छाले हो जाते हैं। मंहगी से मंहगी दवाईयां लेने के बाद भी छालों से राहत नहीं मिलती। शीशम की पत्तियों को पानी में उबालकर उसका काढ़ा तैयार कर लें और कुछ दिनों तक सुबह शाम इस काढ़े का सेवन करें। आयुर्वेद में भी ये माना जाता है कि छालों से राहत पाने का ये रामबाण इलाज है।
यूरिन संक्रमण में शीशम की पत्तियां लाभकारी
जिन महिलाओं को पेशाब संबंधी दिक्कतें रहती हैं, या बार-बार पेशाब में इंफेक्शन हो जाता है, तो उनको दिन में दो तीन बार शीशम की पत्तियों को पानी में उबालकर पीना चाहिए। शीशम की पत्तियों का काढ़ा बनाकर पीने से पेशाब संबंधी दिक्कतों के साथ मासिक धर्म में होनी वाली कई समस्याओं से राहत भी मिलती है।
त्वचा संबंधी बीमारियों में लाभकारी
शीशम की पत्तियां त्वचा संबंधी बीमारियों से राहत दिलाने में भी लाभकारी होती है। बहुत से लोगों को खुजली या स्किन के ड्राई होने या त्वचा में जलन होने जैसी समस्याएं होती हैं। त्वचा संबंधी समस्याओं से छुटकारा पाने के लिए शीशम का तेल बेस्ट ऑप्शन हो सकता है। इसकी पत्तियों में कई ऐसे गुण होते हैं, जो दर्द से राहत देते हैं।
उल्टी लगने पर शीशम की पत्तियों का इस्तेमाल
बहुत बार आपने देखा होगा की कई बीमारियों में मरीज को उल्टी लग जाती है। बार-बार उल्टी आने पर शीशम की पत्तियों का इस्तेमाल किया जा सकता है। कुछ पत्तियों का काढ़ा बनाकर पीने से उल्टियों से राहत मिलती है। इसलिए अगर आपको या किसी अन्य व्यक्ति को बार-बार उल्टियां आ रही हैं, तो आप शीशम की पत्तियों को पानी में उबालर पी लीजिए आपको जरुर राहत मिलेगी।
अवसाद से निकालने के लिए शीशम लाभकारी
जो व्यक्ति निराशा और उदासी से घिरा हुआ रहता है या किसी को ऐसा लग रहा है कि वो डिप्रेशन की तरफ जा रहा है तो शीशम की पत्तियां खाना शुरु कर सकते हैं। शीशम के तेल के इस्तेमाल से भी अवसाद से निकलने में सहायता मिलती है।
दांतों के दर्द में राहत
जिन व्यक्तियों के दांतों में दर्द रहता है, वो इसके तेल का सेवन कर सकता है। शीशम के तेल में रुई डूबोकर जिस दांत में दर्द हो रहा है उसके नीचे रखने से राहत मिलती है।
दिल संबंधी बीमारियों का इलाज
कोलेस्ट्राल बढ़ने पर आप शीशम का इस्तेमाल कर सकते हैं। इसके तेल का इस्तेमाल करने पर खाना आसानी से पच जाता है। इसलिए इसके इस्तेमाल से आप दिल संबंधी बीमारियों से भी बच सकते हैं।
फटी हुई एड़िया या घाव पर शीशम का तेल
किसी भी व्यक्ति को घाव हो गया है तो शीशम के तेल में हल्दी मिलाकर बांध देने पर राहत मिलती है। फटी हुई एड़ियों में भी शीशम का तेल लगाने से एड़ियां चमकदार और सुंदर बन जाती हैं।
आंखों के लिए शीशम
बहुत बार हमारी आंख में कुछ चला जाता है, जिसकी वजह से आंखों में लालिमा रह जाती है और कई बार दर्द भी होता है। शीशम की कुछ पत्तियों को साफ करने मिक्सी में इसको पीसकर रात में सोते समय किसी कपड़े में लपेटकर इसको आंखों के ऊपर रख लें, इससे राहत मिलती है।
नोट- ये जानकारी अन्य सूचनाओं पर आधारित है। किसी भी उपाय को प्रयोग करने से पहले आप किसी आयुर्वेद विशेषज्ञ से संपर्क कर सकते हैं।