WhatsApp Group Join Now

सब्जियों को भारी मात्रा में ग्राे करने के लिए कैमिकल और पेस्टिसाइड्स का इस्तेमाल किया जा रहा है। इसके साथ ही उन्हें तरोताजा दिखाने के लिए कई तरह के कलर्स और कैमिकल्स का भी झिड़काव किया जाता है। कैमिकल के छिड़काव को देखते हुए पिछले वर्ष नेपाल ने भारत की सब्जियों पर रोक लगा दी थी। इसके पहले भी कई देशों ने भारत की सब्जियों और फलों के निर्यात पर रोक लगा दी थी।हरी पत्तेदार सब्जियों को भी हरा बनाने के लिए कीटनाशक और रसायनों का अंधाधुंध इस्तेमाल किया जा रहा है। 

ऐसा ही कुछ होता देखा अंजू जांगड़ा ने। अंजू जांगड़ा जीएसटी विभाग में कार्यरत हैं। उन्होंने सब्जी मंडी में हो रहे इस घपले को अपनी आंखों से देखा। उन्होंने देखा कि सब्जियों पर कलर किया जा रहा था। उसके बाद से ही उन्होंने इन सब्जियों से दूरी बना ली। आइए जानते हैं कि वे कैसे सब्जियां ग्रो करती हैं, कौन-कौन सी सब्जियां उगा रही हैं…

पानी के टैंक को किया यूज

अंजू ने बताया कि सब्जियों को उगाने के लिए जगह कम थी। ऐसे में पानी के टैंक को उन्होंने कई भागों में काट लिया। इसे बड़े गमले के तौर पर इस्तेमाल कर रही हैं। इसके साथ ही बाल्टियां, प्लास्टिक कैन आदि का प्रयोग भी करती हैं। इनमें आसानी से पौधों को उगाया जा सकता है। सबसे खास बात है कि इन्हें एक जगह से दूसरी जगह पर भी ले जाया जा सकता है। 

सब्जियों में ऑर्गेनिक खाद का करती हैं इस्तेमाल

अंजू अपने किचिन गार्डन में कोई पेस्टिसाइड या कैमिकल का प्रयोग नहीं करती हैं। पौधों में खाद के लिए उन्होंने गाय को रखा है। इन पौधों में वे गाय का गोबर और सूखे पत्तों काे डालती हैं। इससे ही उन्हे पौधे अच्छा ग्रो करते हैं। उन्होंने बताया कि इतनी जगह पर ही उगी सब्जियों से पड़ाेसियों को भी खिलाया जा सकता है। 

कौन-कौन सी सब्जियां आसानी से उगाई जा सकती हैं

उन्होंने अपने किचन गार्डन में कई तरह की सब्जियां उगाई हैं। उनके सालों के अनुभव के आधार पर उन्होंने बताया कि कौन-कौन सी सब्जियां घरों में आसानी से उगाई जा सकती हैं- 

  • कद्दू
  • लहसुन
  • तोरई
  • भिंडी
  • टमाटर
  • प्याज
  • सैम
  • फूलगोभी
  • पत्तागोभी
  • लौकी
  • पालक
  • मूली
  • मैथी

इसे भी पढ़ें- अब कूलर से नहीं आएगी मछली बाजार जैसी बदबू

कैसे निकालती हैं समय

अंजू हर दिन हिसार से फतेहाबाद जीएसटी विभाग में काम करने जाती हैं। ऐसे में उनके लिए किचन गार्डन के लिए समय निकालना मुश्किल होता है। लेकिन परिवार के स्वास्थ्य की चिंता करते हुए वह हर दिन 10 मिनट और रविवार के दिन दो घंटे गार्डन में बिताती हैं। अंजू का कहना है यह पौधे उनके बच्चे के समान हैं, इनमें केयर भी उसी तरह करनी पड़ती है। 

इसे भी पढ़ें- मनीप्लांट के साथ ये पौधा लगाने से मिलेगी तरक्की

WhatsApp Group Join Now

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *