WhatsApp Group Join Now

फतेहाबाद जिले के धौलू क्षेत्र के किसान राजपाल मंगलाव को फूलों की खेती से आर्थिक रूप से समृद्ध होकर दूसरे किसानों के लिए प्रेरणा स्रोत बने हैं। किसान ने पांच साल पहले परांपरागत खेती को छोड़कर फूलों की खेती कर रहे हैं। किसान राजपाल ने फूलों की खेती से होने वाली आमदनी को हर प्रकार से मुनाफे का सौदा बताया है। जो अन्य किसानों के लिए भी प्रगति के रास्ते खोल रहा है।

धौलू क्षेत्र में फूलों का रकबा लगातार बढ़ रहा है। धौलू गांव में किसानों का रुझान अब परंपरागत फसलों को छोड़कर फूलों की खेती की तरफ बढ़ रहा है। धौलू के किसान राजपाल मंगलाव पिछले पांच साल से एक एकड़ जमीन में गेंदा और गुलाब के फूलों की खेती कर रहे हैं। किसान राजपाल का कहना है कि गुलाब व गेंदे की खेती फायदे का सौदा है और एक एकड़ में 15 हजार रुपये की लागत आती है।

90 से 120 रुपये प्रति किलो होती है विक्री

फूलों की खेती से हर साल लाखों रुपये प्रति एकड़ मुनाफा हो जाता है। 90 से 120 रुपये प्रति किलो तक फूल बिकते और लगातार सालभर में कई क्विंटल उत्पादन मिल जाता है। फतेहाबाद, रतिया व भूना में यहां का फूल बेचा जाता है। दीपावली पर फूल दिल्ली व हिसार की मंडियों तक भी जाता है।

नहीं किया जाता कीटनाशक का छिड़काव

marigold field

गेंदे के अच्छे उत्पादन के लिए कीटनाशक छिड़काव नहीं करते, क्योंकि मित्र कीट मधुमक्खियां के लिए खतरा बन जाता है। इससे हर वर्ष गुलाब व गेंदे के फूल से दोगुनी कमाई हो जाती है। शीतोष्ण और समशीतोष्ण जलवायु अच्छी मानी जाती है। फूलों के पौधों के लिए मधुमक्खियां संजीवनी बूटी का काम करती हैं।

read also: Banana Water: पौधे की ग्रोथ अचानक रुक गई तो दें केले का पानी, बढ़ेगें दुगनी तेजी से

कम लागत में ज्यादा पैदावार

क्षेत्र में पानी की कमी के कारण यहां के किसानों ने गुलाब और गेंदे की खेती शुरू की । गुलाब का एक बार लगाया हुआ पौधा 20 वर्षों तक कम लागत में पैदावार देता है । मात्र फंगस बीमारी से बचाव के लिए सावधानी बरतनी पड़ती है और अधिक गर्मी एवं अधिक सर्दी पौधों के लिए अच्छी नहीं मानी जाती है। इसके उत्पादन के लिए तापमान 15.30 डिग्री सेल्सियस होना चाहिए।

WhatsApp Group Join Now

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *