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होली आने वाली है। रंग और फूलों की या फिर कैमिकल की? वास्तव में तो आज के समय में यह कैमिकल की ही होली है। जहां देवर भाभी एक दूसरे को खुशी-खुशी कैमिकल लगाएंगे। बच्चे भी एक दूसरे पर कैमिकल की बौछारें कर देंगे। लेकिन क्या यह वास्तव में भारतीय संस्कृति का मुख्य त्योहार है? नहीं… यह पूरी तरह गलत है।

रंगों के व्यवसाय को चमकाने के लिए कैमिकल की परतें चढ़ाई जा रही है। गुलाल की पैकेट्स में 10 फीसदी रंग और 90 फीसदी कैमिकल हैं। यह कैमिकल चेहरे को नुकसान पहुंचाते हैं। बालों का झड़ना शुरू हो जाता है। बाजार में इन कैमिकल रंगों को आने से ही रोकना जरूरी है। लेकिन यह व्यापार इतने बड़े स्तर पर हो चुका है कि इसे रोका नहीं जा सकता। ऐसे में खुद ही अपने बचाव की तैयारी कर ली जाए तो बेहतर है।

इस तरह बनते हैं गुलाल

पहले गुलाल बनाने की प्रक्रिया बेहद आसान थी। इनमें फूलों का प्रयोग किया जाता था। वहीं अब मरकरी, सल्फाइट, लेड ऑक्साइड, एल्यूमिनयम ब्रोमाइड, पर्शियम आदि का प्रयोग किया जाता है। अलग-अलग रंग के लिए अलग कैमिकल लगाया जाता है। ये कैमिकल वाले रंग चेहरे को बड़ा नुकसान पहुंचाते हैं। अलग रंग में होते हैं अलग कैमिकल

  • नांरगी, काला और हरे रंग- कॉपर सल्फेट
  • लाल रंग- मरकरी सल्फाईट, लेड ऑक्साइड
  • सिल्वर- एल्यूमिनियम ब्रोमाइड
  • नीले- पर्शियन

न खरीदें न खरीदने दें

इन खतरनाक रंगों से बचना जरूरी है। ऐसे में इन्हें न तो खरीदें और ना ही खरीदने दें। इन रंगों से परहेज रखना ही बेस्ट आप्शन है। हालांकि हुड़दंगों के आगे किसी की नहीं चलती। ऐसे में सावधानी भी रखें और इन उपायों को करें

  1.  चेहरे, गर्दन और बालों में एक दिन पहले से ही तेल लगाकर रखें।
  2.  होठों पर लिपस्टिक, कानों पर तेल और नाखूनों पर नेलपेंट लगाकर रखें। इन प्रोडक्ट की परत आपको कैमिकल के प्रभाव से बचाएगी।
  3. चश्मा लगाकर आंखों का बचाव करें।
  4. पूरी आस्तीन के कपड़े पहने।
  5. लड़के इस दिन जींस ही पहने। क्योंकि इससे सीधा कलर शरीर से नहीं लगता।
  6. सांस के मरीज होली के दिन कमरे में ही रहें। गुलाल या कोई भी रंग उन्हें नुकसान पहुंचा सकता है।
  7. जिन लोगों को स्किन एलर्जी है वे भी रंगों से दूर रहें।

इन तरीकों को आजमा कर छुड़ाएं रंग

Chopra Skin & Laser Centre, Hisar के Dermatologist & Laser Specialist डॉ विकास चोपड़ा ने बताया कि होली खेलते समय हम रंगों के नुकसानों को भूल जाते हैं। खूब जोर लगाकर एक दूसरे को रगड़ते हुए रंग लगाते हैं। अगर पूरा चेहरा पहले से ही रंगीन है तो उसके बाकी शरीर पर भी रंग रगड़ देते हैं। तो ऐसे में अब घर आने के बाद शुरू होती है नई जंग। यानि रंगों को छुड़ाने की जंग। रंगों को एक दूसरे के लगाना जितना आसान था अब रंगों को छुड़ाना उतना ही मुश्किल। हालांकि इन उपायों को आजमाकर इन्हें आसानी से छुड़ाया जा सकता है। लोगों को चाहिए कि वे पहले से ही माइश्चराइजर लगा कर जाएं। हार्ड साबुन का भी प्रयोग न करें।  पक्का रंग लगने के तुरंत बाद ही सामान्य पानी से नहां लें। इससे तुरंत काफी रंग छूट जाएगा। रंग नहीं छूटने पर चेहरे को गलती से भी न रगड़ें।

इन नुस्खों से बचकर रहें

डॉ विकास ने बताया कि बहुत से लोग रंग छुटाने की जल्दी करते हैं। ऐसे में वे जाने ही कितने नुस्खे आजमाते हैं। ऐसे में वे चेहरे पर बेसन, हल्दी, नींबू रस आदि रगड़ते रहते हैं। इन सबकी रगड़ से स्किन को नुकसान होता है। एलर्जी हो जाती है। तो ऐसे नुस्खे ना आजमाएं।

घर पर कैसे बनाएं कैमिकल फ्री कलर

घर पर ही आसानी से कैमिकल फ्री कलर बनाए जा सकते हैं। इन्हें प्राकृतिक रंग कहते हैं। बाजार में रंग बनाने के लिए भी बहुत से प्रोडक्ट मिलते हैं। जिन्हें मिक्स करके रंग बनाए जा सकते हैं।

चंदन और चुकंदर से बनाएं लाल रंग

आप आसानी से घर पर ही लाल रंग बना सकते हैं। इसके लिए लाल गुलाब, गुड़हल के फूल, चुकंदर और लाल चंदन जरूरी है।  इन सभी सामग्री को पानी में भिगो दें। फिर इन्हें एक साथ उबाल लें। इसके बाद लाल रंग बनकर सामने आएगा।

बेसन और हल्दी से बनाएं पीला रंग

पीला रंग बनाने के लिए सभी की रसोई में सामग्री मौजूद है। बेसन और हल्दी का प्रयोग कर सकते हैं। इसके लिए गैंदे के फूलों को पीसकर रातभर भिगो कर रखें। इसमें बेसन और हल्दी भी मिक्स करें।

अपराजिता से बनाएं नीला रंग

 

अपराजिता के फूल से बेहतरीन नीला रंग बनाया जा सकता है। इस रंग को बनाने में भी सबसे कम समय लगता है। इसके लिए सिफ फूलों को उबालने की जरूरत है।

टेसू के फूलों से बनाएं नारंगी रंग

टेसू के फूलों का इस्तेमाल कर नारंगी रंग बनाया जा सकता है। इसके लिए आपको 2-3 दिनों तक टेसू के फूलों को कड़ी धूप में सुखाना होगा। जिसे पीस कर आप गुलाल बना सकते हैं। वहीं गीला रंग बनाने के लिए आपको बस इन फूलों को रातभर भिगोकर रखना होगा।

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विशेषज्ञ राय

स्किन स्पेशलिस्ट डॉक्टर विकास चोपड़ा ने बताया कि बाजार के सभी कलर्स में ज़्यादातर कलर हर्बल नहीं होते। उसमें कोई न कोई कैमिकल ज़रूर होते हैं। जो कि त्वचा रोग का कारण बन सकते हैं। होली खेलने से पहले त्वचा पर नारियल का तेल या मॉइश्चराइजर जरूर लगा लें। एलर्जी महसूस होते ही डॉक्टर की सलाह लेकर इलाज ज़रूर कराएं।

Dr Vikas Chopra
Dermatologist & Laser Specialist
Chopra Skin & Laser Centre
Hisar

 

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