गर्मियों में हम अक्सर मच्छरों को भगाने के लिए कॉइल का इस्तेमाल करते हैं। लेकिन क्या आप जानते है कि क्वाइल हमारे स्वास्थ्य के लिए कितनी खतरनाक है। आपको जानकर हैरानी होगी किमच्छर भगाने वाली एक क्वॉइल से 100 सिगरेट के बराबर धुआं निकलता है जो हमारे स्वास्थ्य के लिए खतरा पैदा कर सकता है। क्वॉइल से नाइट्रोडाइ ऑक्साइड, कार्बन मोनोक्साइड, सल्फरडाइ ऑक्साइड निकलता है। अगर घर में क्वॉइल जला रहे हैं तो बच्चों की पहुंच से दूर रखें।
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क्वॉइल के धुआं से फेफड़ों का कैंसर हो सकता है
मच्छर क्वॉइल का धुआं हमारी हेल्थ के लिए मच्छर के काटने से अधिक नुकसानदायक साबित हो जाता है। हाल ही में दिल्ली के एक इलाके में क्वॉइल के धुएं से छह लोगों की मौत हो गई। क्वॉइल बंद कमरे में जलाई गई थी और दम घुटने से कुछ ही मिनटों में उनकी जान चली गई। क्वॉइल के धुआं से फेफड़ों का कैंसर हो सकता है। जब क्वॉइल जलाते हैं तो कमरे में कार्बन मोनो ऑक्साइड गैस बनती है। यह बेहद खतरनाक गैस है। यह सांसों में प्रवेश कर हीमोग्लोबीन से जुड़ जाती है। सोने से पहले घर में पूरे कपड़े पहन कर रहें। भूलकर भी क्वॉइल का इस्तेमाल न करें।
क्वॉइल के धुएं से खुजली बढ़ने से घाव तक हो सकता है
क्वॉइल का धुआं स्किन को भी नुकसान पहुंचाता है। स्किन पर लाल चकत्ते पड़ जाते हैं। इनमें खुजली बढ़ने से घाव तक हो सकता है। कई बार लोग आंखों में जलन की शिकायत करते हैं। यदि लंबे समय से इस धुएं के संपर्क में हैं तो आंखों में ड्राईनेस बढ़ सकती है। यदि आप घर में क्वॉइल जलाते हैं तो हो सकता है कि इसके धुएं के कारण ही आंखों में जलन हो। आंखों की रोशनी कम होते-होते पूरी तरह जा भी सकती है।
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DDT और कई कीटनाशक केमिकल से मिलाकर बनती है क्वॉइल
क्वॉइल में सबसे मुख्य हानिकारक पायरीथ्रिन केमिकल होता । यह लकड़ी के बुरादे, नारियल के रेशे का पाउडर, चारकोल, डाई, DDT और कई कीटनाशक केमिकल से मिलाकर बनाई जाती हैं। अगर बंद कमरे में कोई आठ घंटे तक इन क्वॉइल का धुआं लेता है तो उसे कैंसर होने का रिस्क बढ़ जाता है। इसके जलने पर मच्छर घर से बाहर भाग जाते हैं, लेकिन धुआं हमारी सांसों में चला जाता है