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Written By Ranjana Singh

पैरों की खूबसूरती को चार चांद लगाने में पायल का अपना अलग महत्व है। हिंदू धर्म में महिलाओं को शादी के बाद से हमेशा पायल पहनने की सलाह दी जाती है। पायल को सोलह श्रृंगार में शामिल किया गया है।

कुछ महिलाएं परंपरा के अंतर्गत पायल पहनती हैं तो कुछ फैशन के तौर पर पायल पहनती हैं। हम आपको इस लेख में बताएंगे कि सिर्फ परंपरा या फैशन ही नहीं, पायल पहनने से मानसिक और शारीरिक संबंधी कई समस्याओं का समाधान होता है। पायलों की आवाजें नेगेटिविटी को भी दूर करती हैं। हम आपको बताएंगे चांदी की पायल पहनने के फायदे।

दूर करे पैरों की सूजन की समस्या

जो महिलाएं चांदी की पायल लंबे समय तक पहनती हैं उन्हें पैरों की सूजन में आराम मिलता है। जी हां, चांदी की पायल पहनने से ब्लड सर्कुलेशन कंट्रोल में रहता है। जिससे प्राकृतिक तौर से पैरों की सूजन मैं भी आराम होता है।

बनाए हड्डियों को मजबूत

वैज्ञानिकों के अनुसार चांदी की पायल हड्डियों को मजबूत बनाती हैं। पायल से इसके तत्व त्वचा के माध्यम से हड्डियों को मजबूत बनाते हैं।

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नेगेटिव ऊर्जा को भी करती है दूर

घुंघरू की आवाज को क्रिया शक्ति कहते हैं। वह आवाज वातावरण में गूंजती है। इसकी आवाज से नेगेटिव ऊर्जा पायल धारण करने वाली महिला से दूर रहती है और पॉजिटिव ऊर्जा प्राप्त होती है।

रखें हार्माेंस को भी ठीक

शादी के बाद महिलाओं के हार्माेंस संबंधी समस्या आने लगती हैं। चांदी की पायल पहनने से हार्माेंस ठीक रहते हैं। जिससे गर्भधारण करने में लाभ मिलता है। वास्तु शास्त्र के अनुसार इससे दैवीय शक्तियां भी सक्रिय होती हैं। जो महिलाओं को बुरी नजर से बचाती हैं। घर में भी खुशहाली बनी रहती है। सुख समृद्धि व धन की भी प्राप्ति होती है। पति पत्नी के रिश्ते मैं भी मिठास आती है।

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क्यों नहीं पहनते सोने की पायल

चांदी ठंडी होती है और सोना गर्म। ज्योतिषियों के अनुसार चांदी में चंद्रमा का वास होता है और सोने में मां लक्ष्मी का वास होता है। इसीलिए चांदी की पायल पहनते हैं सोने की नहीं पहननी चाहिए।

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