अक्सर जब हमारे कानों में खुजली होने लगती है तो हम ईयरबड्स या माचिस की तिल्ली लेकर साफ करने लगते हैं और कानों से पीले रंग का मोम जैसा पदार्थ निकलता है। पीले रंग के इस पदार्थ को कान का मैल कहा जाता है जो आमतौर पर सभी के कानों में अपने आप जमा हो जाता है।
मैल करता है हमारे कानों की सुरक्षा
लेकिन जिसे आप कान का मैल कहकर हफ्ते में साफ करने लगते हो, दरअसल वही मैल आपके कानों का सुरक्षा कवच है। यह मैल हमारे कानों को बाहरी धूल, बैक्टीरिया और वायरस से बचाता है। इसलिए बार-बार हमें कान को कतई साफ नहीं करना चाहिए और कान से यह पीला पदार्थ निकालते समय भी हमें खास सावधानी बरतने की जरूरत होती है।
न करवाएं कान साफ
कई लोग हर रोज ईयरबड्स या माचिस की तिल्ली से कान की सफाई करने लगते हैं, लेकिन उनको पता नहीं है कि वो कान की सफाई करने की बजाए कान को नुकसान पहुंचा रहे हैं। जो पीला पदार्थ हमारे कान की सुरक्षा के लिए जरूरी होता है उसी को गंदगी समझकर हम हटा देते हैं। दरअसल कान के इस पीले मैल को ईयरवैक्स कहा जाता है और वैज्ञानिक नाम इसका सिरूमन है। डाक्टर्स ने भी इस मैल को नहीं हटाने की सलाह दी है। डाक्टर्स का मानना है कि ये ईयरवैक्स हमारे लिए घातक नहीं है उल्टा हमारे कान की रक्षा करता है। बस स्टैंड, रेलवे स्टेशनों पर कान साफ करने वालों की भीड़ लगी हुई होती है और वो हमें कान साफ करवाने के लिए उकसाते है. डाक्टर्स का कहना है कि कानों की सफाई करवाना उचित नहीं है इससे कानों में इन्फैक्शन होने का खतरा ज्यादा बढ़ जाता है।
कान के पर्दे में हो सकता है छेद
स्पेशलिस्टस का मानना है कि हम ज्यादा कानों की सफाई करने लगते हैं या करवाने लगते हैं तो हमारे कान के पर्दे में छेद होने के चांस बढ़ जाते हैं। कान में अगर मैल बनने की ज्यादा परेशानी है तो हमें ENT सर्जन के पास जाकर अपना चेकअप करवाना चाहिए। मैल का वैक्स एक प्रोटेक्टिव फिनोमिना है जो कान की सुरक्षा करता है और जब हम कुछ चबाते है तो वो अपने आप बाहर की तरफ खिसकने लगता है। ये मैल नहीं होता है इसलिए इसको जबरदस्ती सफाई करके बाहर निकालने की कोशिश नहीं करनी चाहिए।
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क्या है ईयरवैक्स और कब जाएं डॉक्टर के पास?
ईयरवैक्स हमारे कान का नेचुरल ऑयल होता है जो कान के बाहरी और भीतरी हिस्से की कोशिकाओं से निकलता है। जब हमारे कान में ईयवैक्स ज्यादा बनने लगता है तब हमें डॉक्टर्स के पास जाने की जरूरत होती है। इससे हमारे कानों की सुनने की शक्ति कमजोर हो सकती है इसलिए हमें समय रहते चेकअप करवाना चाहिए।
ईयरबड्स से न करें कानों की सफाई
आमतौर पर देखा जाता है कि कान की सफाई करने के लिए मार्केट में बहुत से प्रोडक्ट आते है जिनमें से ईयरबड्स भी है, लेकिन इनसे कान साफ करना मंहगा पड़ सकता है क्योंकि ईयरबड्स से जब हम कान साफ करते है तो ये हमारे मैल को बाहर निकलाने की बजाए अंदर की तरफ धकेल देती है जो सेफ नहीं है। बार-बार कान साफ करने से खुजली भी होने लगती है और उसी जगह को बार-बार छुने का मन करने लगता है।
ईयरड्राप्स है बेहतर विकल्प
डॉक्टर्स का कहना है कि कान में दवाई डालकर मैल निकालना बेहतर आईडिया है। इसमें कान को कोई नुकसान नहीं पहुंचता है और पतला होकर कान का मैल बाहर निकल आता है। ईयरड्राप्स हर मेडिकल पर उपलब्ध होते हैं लेकिन बिना डॉक्टरी सलाह के इनका इस्तेमाल करना समझदारी नहीं है।