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कुछ कर गुजरने का जज्बा हो तो, महिला किसी भी क्षेत्र में कम नहीं है। पुरुषों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर महिला हर जगह अपना नाम रोशन कर रही हैं। सुनीता ने कुछ ऐसा ही कर दिखाया है, जिससे देश-विदेशों में लोग उसे पहचानने लगे हैं। चलिए जानते हैं सुनीता के मशरूम की मिठाईयां बनाने के बिजनेस के बारे में।

मशरुम कैच और मशरुम की मिठाईयों का लोगों को चखाया स्वाद

हरियाणा के जींद जिले की गांव इगराह की रहने वाली सुनीता मशरूम से तरह-तरह के उत्पाद बनाती हैं। ये उत्पाद बनाकर वो पूरे देश में फेमस हो गई हैं। सुनीता आयोजित होने वाले मेलों में जाकर लोगों को अपने हाथों से बने मशरुम के उत्पादों का स्वाद  चखाती हैं। हाल ही में अंबाला में आयोजित मेले में वो अपने पति और बेटे के साथ पहुंची। मेले में मशरूम से बनी हुई जलेबी लोगों को चखाती हुई नजर आई। सुनीता का कहना है कि वो अपनी मेहनत और काम के बलबूते पर यहां तक पहुंची है।

राष्ट्रपति ने सुनीता को किया सम्मानित

सुनीता को प्रगतिशील महिला किसान के रुप में सम्मानित भी किया गया। हिसार स्थित एचएयू में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने सुनीता को सम्मानित किया। सुनीता को प्रगतिशील किसान के रुप में देखा जा रहा है, जिसने मशरुम की खेती कर उसे बिजनेस के रूप में आगे बढ़ा रही है।

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करनाल और हिमाचल प्रदेश में भी उगाते हैं मशरुम

सुनीता और उसके पति ने पहले अपने घर में ही थोड़ी सी मशरुम की खेती की थी। जब उन्हें इस खेती में सफलता हासिल हो गई, तो वो हरियाणा के करनाल और हिमाचल प्रदेश में मशरुम की खेती करने लगे। उनका कहना है कि लोग मशरुम को बहुत कम खाते हैं। लोगों में ये धारणा बनी हुई है कि मशरुम मांसाहारी है। इसी धारणा को बदलने के लिए हम लोगों को जागरुक कर रहे हैं।

मशरुम की मिठाई बनाने का आया आइडिया

बताया जा रहा है कि सुनीता और उसके पति ने हिसार के एचएयू के एग्रीबिजनेस इनक्यूबेशन सेंटर से ट्रेनिंग ली। उन्होंने इस स्टार्टअप की शुरूआत ये सोच कर की थी लोगों का स्वास्थ्य अच्छा बना रहे है। अब मशरुम से 12 प्रकार की मिठाईयां ये दोनों बनाते हैं।

जींद में है दुकान

सुनीता की मशरूम की मिठाईयों की जींद में दो जगह दुकान है। इन दुकानों पर मशरूम की 12 प्रकार की मिठाईयां मिलती है। जैसे मशरुम की जलेबी, मशरुम का कलाकंद, मशरुम के रसगुल्ले, मशरुम के पेड़े आदि। यहां से विदेशों में भी मशरुम निर्यात किया जाता है। राज्यपाल के द्वारा भी सुनीता सम्मानित हो चुकी हैं।

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