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बागवानी के शौकीनों के बगीचों में गेंदे का पौधा जरूर मिलता है। गेंदे के फूल की खूबसूरती और सुंगध आकर्षक होती है। खास बात है कि यह पौधा सदैव फूलों से लदा रहता है।  इसके साथ ही गेंदे के पौधों की देखभाल कम करनी पड़ती है। गेंदे के फूलों का उपयोग पूजा  व सजावट के तौर पर किया जाता है। लेकिन इसके औषधीय गुण भी अनेक है।

गेंदा कई बीमारियों से छुटकारा दिलाने में लाभदायक है।  चिकित्सकीय रूप से कैलेंडुला ऑफिसिनैलिस के नाम से जाना जाता है। दवा के रूप में फूल का पहला उल्लेख 1552 के डी ला क्रूज़-बडियानो एज़्टेक हर्बल में माना जाता है। इस आधार पर इसका उपयोग हिचकी और बिजली गिरने के बाद के प्रभावों के उपचार के रूप में किया गया है। इसके फूलों व पत्तियों का प्रयोग कई बीमारियों में किया जाता हैं। यह पौधा व इसपर लगने वाले फूल कई तरह के दर्द में आराम दिलाते हैं। खासतौर पर कान के दर्द के इलाज के तौर पर इसका प्रयोग किया जाता है।

गेंदे के औषधीय गुण

  1. गेंदे के फूलों में कैरोटीन और कैरोटीनॉयड कंपाउंड  होता है, जिसकी वजह से गेंदे के फूलों का रंग पीला होता है।
  2. गेंदे के फूल में विटामिन ए, विटामिन बी, मिनरल्स और एंटीऑक्सिडेंट मौजूद होते हैं।
  3. इसका प्रयोग एंटी-बायोटीक के रूप में किया जाता है।
  4. यह एंटी बैक्टीरियल और एंटी फंगल भी होता है।
  5. यह कई संक्रमण से बचाने का काम करता है।

इन बीमारियों में फायदेमेंद

घाव, जलन व सूजन का करे इलाज

आर्युवेद में गेंदे का उपयोग सबसे अधिक घाव, जलन, सूजन, चकत्ते, खुजली आदि त्वचा संबंधी बीमारियों को ठीक करने के लिए होता आया है। गेंदे के फूलों में ग्लाइकोप्रोटीन और न्यूक्लियोप्रोटीन पाया जाता है। अध्ययनों के मुताबिक गेंदे में नए और स्वस्थ ऊतकों के विकास को बढ़ावा देने का गुण होता है। इसके साथ ही यह शुष्क त्वचा को हाइड्रेट करने का भी काम करता है। 

गले की खराश में फायदेमंद: गेंदे के फूल में एंटीसेप्टिक गुण होते हैं। यह गुण ही गले की खराश में प्रभावी हैं। गेंदे की चाय से गरारे करने से गले की श्लेष्मा झिल्ली की सिकाई होती है। इससे गले की खराश दूर होती है। मुंह के छाले भी खत्म होते हैं।  दर्द कम होता है।

आंखों की सूजन का इलाज: शोध से पता चलता है कि गेंदे के फूल का अर्क कंजक्टिवाइटिस (नेत्रश्लेष्मलाशोथ या आँख आना) के उपचार में प्रभावी है। यह आंखों के संक्रमण को कम करने में मदद करते हैं ।

पेट संबंधी बीमारियों का करे इलाज: पेट संबंधी समस्याओं का गेंदे के फूलों से इलाज संभव है। पेट में ऐंठन, अपच, की समस्या होने पर इलाज किया जा सकता है। इसके लिए फूल की पंखुड़ियों का उपयोग किया जा सकता है।

बालों के रामबाण: गेंदे के फूल में विटामिन ए, विटामिन बी, मिनरल्स और एंटीऑक्सिडेंट मौजूद होते हैं। ये सभी गुण हेयर ग्रोथ में मदद करते हैं।  एंटी बैक्टीरियल और एंटी फंगल होने की वजह से यह हेयर फॉल को यह रोक देता है।

मसूड़े की सूजन करे कम:  गेंदे के फूल का रस बहुत अच्छा माउथवॉश है। यह सूजन-रोधी और रोगाणुरोधी है। यह मसूड़ों के संक्रमण से लड़ने में भी मदद कर सकता है।

मासिक धर्म में ऐंठन करे कम: गेंदे का फूल महिलाओं के स्वास्थ्य के लिए उपयोगी है।  गेंदे का फूल महिला प्रजनन प्रणाली में होने वाली प्रक्रियाओं के प्रॉपर रेगुलेशन के लिए उचित है। ये फूल मासिक धर्म के दर्द और ऐंठन से राहत दिलाने में मदद करते हैं। गेंदे के फूलों की चाय मासिक धर्म की ऐंठन को कम करने के लिए भी फायदेमंद है।

प्राकृतिक एंटीसेप्टिक/एंटी-इंफ्लेमेटरी:  गेंदे का उपयोग घावों पर एंटीसेप्टिक के रूप में किया जा सकता है। फूल में पाया जाने वाला मुख्य यौगिक, ट्राइटरपेनोइड्स, प्राकृतिक रूप से सूजन-रोधी है। यह घाव भी भरने में सहायक है। अमेरिकी गृहयुद्ध और प्रथम विश्व युद्ध के दौरान इस फूल का प्रयोग घावों पर किया गया था।

प्राकृतिक कीट प्रतिरोधी: गेंदा प्राकृतिक कीटनाशक है। बगीचों में भी यह हानिकारक कीटाें को दूर रखने व पॉलिनेटरर्स को अट्रेक्ट करने का काम करता है। गेंदे की पत्तियों को पीस कर भी पौधों पर स्प्रे किया जा सकता है। तीखी गंध, एंटीऑक्सिडेंट की वजह से कीट  दूर भगाते हैं।

गेंदे के उपयोग

  • पूजा में किया जाता है इस्तेमाल
  •  भोजन में नेचुरल कलर के तौर पर इस्तेमाल
  • औषधियों के तौर पर इस्तेमाल
  • ब्यूटी प्रोडक्ट के तौर पर इस्तेमाल
  • कपड़े की रंगाई के लिए उपयोगी
  • सजावट के लिए उपयोगी
  • होली के रंगों के तौर पर इस्तेमाल

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