Bio enzymes: अगर आप बागवानी करते हैं तो आपको बायोएंजाइम की जानकारी हाेना जरूरी है। यह पौधों की वृद्धि में जादूई शक्ति का काम करता है। यह एक प्राकृतिक और किफायती उर्वरक है जो पौधों को स्वस्थ और मजबूत बनाने में मदद करता है। खास बात है कि यह घर पर आसानी से बनाया जा सकता है और इसमें मौजूद लाभकारी सूक्ष्मजीव पौधों की वृद्धि, पोषक तत्वों के अवशोषण और रोग प्रतिरोधक क्षमता में सुधार करते हैं। यदि आप अपने पौधों को प्राकृतिक और किफायती तरीके से पोषण देना चाहते हैं, तो बायो एंजाइम का उपयोग करना निश्चित रूप से एक अच्छा विचार है।
इस लेख में हम आपको आसान तरीके से बायोएंजाइम बनाने का तरीका बताएंगे। बायोएंजाइम के फायदे जानने के लिए पूरा लेख पढ़ें। इस लेख को गार्डनिंग एक्सपर्ट पेमिला चेतिवाल के माध्यम से लिखा गया है। पेमिला पिछले 30 सालों से अपने गार्डन में इन्हीं बायोएंजाइम का प्रयोग कर रही हैं।
बायो एंजाइम के पौधों के लिए फायदे(Benefits of bio enzymes)
1. वृद्धि और विकास
- बायो एंजाइम मिट्टी में पोषक तत्वों को तोड़कर आसानी से अवशोषित करने योग्य रूप में परिवर्तित करने में मदद करता है। यह पौधों को आवश्यक पोषक तत्व प्रदान करता है, जिससे उनकी वृद्धि और विकास में तेजी आती है।
2. मिट्टी की उर्वरता:
- बायो एंजाइम मिट्टी में लाभकारी सूक्ष्मजीवों की संख्या में वृद्धि करता है, जो मिट्टी की उर्वरता और संरचना में सुधार करते हैं। यह मिट्टी को ढीला और हवादार बनाता है, जिससे जड़ों को बेहतर ढंग से विकसित होने में मदद मिलती है।
3. रोग प्रतिरोधक क्षमता:
- बायो एंजाइम पौधों को रोगों से बचाने में मदद करता है। यह मिट्टी में हानिकारक रोगाणुओं को नियंत्रित करता है और प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत बनाता है।
4. कीट नियंत्रण:
- बायो एंजाइम कुछ हानिकारक कीटों को नियंत्रित करने में मदद करता है। यह कीटों के प्राकृतिक शिकारियों को बढ़ावा देता है।
5. पर्यावरण अनुकूल:
- बायो एंजाइम एक प्राकृतिक और जैविक उर्वरक है जो पर्यावरण के लिए सुरक्षित है।
- यह रासायनिक उर्वरकों के उपयोग को कम करने में मदद करता है, जो मिट्टी और जल प्रदूषण का कारण बन सकते हैं।
6. कम लागत:
- बायो एंजाइम घर पर आसानी से और कम लागत में बनाया जा सकता है। यह रासायनिक उर्वरकों की तुलना में अधिक किफायती विकल्प है।
बायो एंजाइम बनाने का सामान्य तरीका(General method of making bio enzymes)
आप संतरे के छिलके, गिलोय, हरी मिर्च, लहसुन या किसी भी तरीके का बायोएंजाइम बनाने के लिए यही विधि का प्रयोग कर सकते हैं। हम यहां संतरे के छिलकों का बायो एंजाइम बनाने का तरीका बता रहे हैं।
सामग्री:
- 1 लीटर पानी
- 100 ग्राम गुड़
- 250 ग्राम संतरे के छिलके (सूखे और बारीक कटे हुए)
- 100 ग्राम नीम के पत्ते (सूखे और बारीक कटे हुए)
विधि:
- एक बड़े प्लास्टिक के कंटेनर में पानी, गुड़ अच्छी तरह मिलाएं।
- मिश्रण को ढककर 24 घंटे के लिए गर्म स्थान पर रख दें।
- 24 घंटे बाद, संतरे के छिलके, नीम के पत्ते डालकर अच्छी तरह मिलाएं।
- कंटेनर को ढक्कन से ढककर, लेकिन ढक्कन को थोड़ा ढीला रखें, ताकि गैस निकल सके।
- मिश्रण को 45 दिनों के लिए गर्म और अंधेरे स्थान पर रखें। हर 3-4 दिन में, मिश्रण को अच्छी तरह हिलाएं।
45 दिनों के बाद, आपका संतरे के छिलकों से बना बायो एंजाइम तैयार है।
प्रयोग करने का तरीका( method of use)
- 1 लीटर पानी में 10 मिलीलीटर बायो एंजाइम को अच्छी तरह मिलाएं।
- इस घोल का उपयोग पौधों की जड़ों पर या पौधे पर छिड़काव करने के लिए प्रयोग करें।
- आप इस घोल का उपयोग बीजों को भिगोने के लिए भी कर सकते हैं।
टिप्स:
- आप अपनी पसंद के अनुसार अन्य सामग्री जैसे कि लहसुन, अदरक, हरी मिर्च, या नींबू का रस भी मिला सकते हैं।
- बायो एंजाइम को ठंडी और अंधेरी जगह पर स्टोर करें।
- एंजाइम बनाने के लिए सड़े या फफूंद लगे फलों के छिलके या सब्जी के कचरे का उपयोग न करें।
- एंजाइम को सीधी धूप या उच्च तापमान में न रखें क्योंकि इससे इसकी प्रभावशीलता कम हो सकती है।
- विभिन्न प्रकार के एंजाइमों को न मिलाएं क्योंकि उनका पीएच स्तर अलग-अलग हो सकता है।
- सतहों पर सीधे बिना पतला एंजाइमों का उपयोग न करें क्योंकि वे नुकसान पहुंचा सकते हैं।
संतरे के छिलकों से बने बायो एंजाइम के अतिरिक्त लाभ:
- यह घरेलू सफाई के लिए एक प्रभावी क्लीनर के रूप में भी इस्तेमाल किया जा सकता है।
- यह आसपास की बदबू को दूर करने में मदद करता है।
- यह मच्छरों और अन्य कीड़ों को भी दूर भगाता है।