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बागवानी सिर्फ एक शौक नहीं है। यह पूरी तरह से विज्ञान है। क्योंकि गार्डन में, छत या बाल्कनी में सिर्फ पौधे लगा देने मात्र से बागवानी का उद्देश्य पूरा नहीं होता। बागवानी को तभी सफल माना जा सकता है जब पेड़ पौधों की अच्छी ग्रोथ हो, फ्लाॅरिंग अच्छी हो और फ्रूट्रिंग अच्छी मात्रा में हो। इसके लिए हमें बागवानी करते समय कई बातों का ध्यान रखना पड़ता है। सबसे पहले आता है कि आप बागवानी में एकाग्रता और नियमित तौर पर समय लगाएं। उसके साथ ही मुख्य चीज है कि बागवानी के लिए मिट्‌टी की तैयारी कैसे करें। इस लेख में हम आपको मिट्‌टी में कौन-कौन से पोषक तत्व होते हैं, जिनपर ध्यान देनी की जरूरत होती है। 

मिट्‌टी में पाए जाने वाले पोषक तत्व

बागवानी से अच्छे परिणाम प्राप्त करने के लिए सबसे उपयोगी कदम गुणवत्ता वाली मिट्टी तैयार करना है। पोषक तत्वों से भरपूर मिट्टी तैयार करके आप पौधों से अच्छी पैदावार प्राप्त कर सकते हैं।  पोषक तत्वों से भरपूर के साथ ही रोगाणु मुक्त मिट्टी तैयार करना जरूरी है। बता दें कि मिट्टी में कुल 16 पोषक तत्व होते हैं। जिसमें  नाइट्रोजन, फास्फोरस, पोटाश, कार्बन, हाइड्रोजन, ऑक्सीजन, कैल्सियम, मैग्नीशियम, सल्फर, जिंक, आयरन, कॉपर, बोरान, मैगनीज, मोलिबडनम, क्लोरीन है। जो सभी प्रकार के पौधे और फसलों के जीवनचक्र के लिए जरुरी है। बता दें कि पौधों की वृद्धि के लिए नाइट्रोजन, फास्फोरस और पोटाश के ज्यादा मात्रा की जरूरत होती है। जितनी मिट्टी स्वस्थ होगी, उतना ही अच्छा बगीचा होगा। 

  • नाइट्रोजन

    नाइट्रोजन तने, शाखाओं एवं पत्तों के स्वास्थ्य एवं वृद्धि में सहायक है। मृदा में इसकी अधिकता से पौधे बढ़कर गिर जाते हैं। साथ ही रोगों एवं कीटों का प्रकोप बढ़ जाता है, दाने कम लग पाते हैं। इसकी कमी से पौधों की वृद्धि रुक जाती है।

फॉस्फोरस

यह पौधों की जड़ों की वृद्धि में सहायक है। दानों को पुष्ट करता है। फॉस्फोरस आवश्यकता से अधिक नाइट्रोजन के हानिकारक प्रभावों को भी दूर करता है तथा कीटों एवं रोगों के प्रकोप को रोकता है। फसलें समय पर पकती हैं।

पोटाश

पोटाश पौधों में चीनी एवं मांड (स्टार्च) बनाने की प्रक्रिया में सहायक होता है। इसके साथ ही उनमें प्रतिकूल मौसम एवं कीटों तथा व्याधियों से बचने की क्षमता में वृद्धि लाता है।

इन तीनों पोषक तत्वों के अलावा मिट्‌टी में अन्य सूक्ष्म पोषक तत्व भी होते हैं। जिनके नाम लेख में ऊपर दिए गए हैं। इन पोषक तत्वों पर जीवन चक्र तो निर्भर नहीं है लेकिन पौधों की वृद्धि में महत्वपूर्ण योगदान होता है। इसलिए बागवानी के दौरान लोगों को इन पोषक तत्वों पर भी ध्यान देना जरूरी है। 

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