गर्मियों की शुरूआत के साथ ही नींबू का सिलसिला भी शुरु हो जाता है। गर्मियों में नींबू ही जो झुलसती गर्मी से राहत देता है। इस पौधे को आप आसानी से गमले में लगा सकते हैं और ज्यादा फ्रुटिंग भी ले सकते हैं। इस लेख में जानते हैं कि पौधे के लिए क्या जरुरी है और इसकी केयर कैसी करनी है।
गमले में नींबू का पौधा कैसे लगाएं
नींबू का पौधा आप अपने घर में आसान तरीके से लगा सकते हैं। इस पौधे को बस हल्की सी केयर की जरुरत होती है और ये खिल उठता है। चलिए सबसे पहले जानते हैं इसको गमले में कैसे उगाना है।
गमले का चुनाव
नींबू के पौधा गमले में लगाना चाहते हैं, तो आपको अच्छे गमले का चुनाव करना होगा। गमला 12 इंच गहरा और 12 इंच चौड़ा हो तो ज्यादा अच्छा रहेगा। गमले में जलनिकासी के लिए हॉल जरुरी है।
मिट्टी
इस पौधे के लिए अच्छी जलनिकासी वाली ऊपजाउ मिट्टी की जरुरत होती है। आप मिट्टी नर्सरी से भी खरीद सकते हैं। घर में इसको बनाना चाहते हैं, तो आप रेत, मिट्टी और खाद को एक समान मात्रा में मिलाकर तैयार कर लीजिए।
पानी
नींबू के पौधे को पानी की जरुरत की बात करें, तो इसमें सीमित मात्रा में ही पानी डालें। पानी आप रेगुलर डालें, लेकिन मिट्टी को गीला नहीं रखना है। गर्मियों में आप रोज पानी डालें और सर्दियों में इसको कम पानी की जरुरत होती है।
खाद
नींबू के पौधे में खाद देना जरुरी होता है। आप खाद घर पर भी तैयार कर सकते हैं। आप इसमें गोबर की खाद, नीम की खली भी डाल सकते हैं। अप्रैल से मई में नींबू के पौधे में तीन किलो जिंक सल्फेट और 1.5 किलो बुझा चूना 500 लीटर पानी में घोलकर छिड़काव करना चाहिए।
आप नींबू के पौधे में किचिन वेस्ट भी डाल सकते हैं। हालांकि बाजार में भी बहुत सी ऐसी खाद आपको मिल जाएगी, जिससे पौधे का बेहतर विकास होता है। आप ऑर्गेनिक तरीके से फल लाना चाहते हैं, तो घर पर बनी खाद ही डालें।
धूप
नींबू के पौधे के लिए धूप जरुरी है। आप इसे गमले में लगा रहे हैं, तो धूप में ही रखें। जहां सूर्य की किरणें तेज हो वहां पर इसे रखना चाहिए। इस पौधे को ज्यादा मात्रा में सूर्य प्रकाश की जरुरत होती है।
कटाई-छंटाई
नींबू के पौधे की समय पर कटाई करते रहना है। सूखे पत्ते और टहनियों को इससे हटा देना है। सूखे पत्ते और टहनियां आपके पौधे की ग्रोथ में रुकावट डालती हैं। इसलिए पौधे की कटाई- छंटाई करते रहें। पौधों की गुड़ाई भी समय-समय पर करें।
रोग और पेस्ट से बचाव
पौधों में कीटों का आक्रमण होना नार्मल बात है। आप चाहे तो इसमें नीम ऑयल का प्रयोग कर सकते हैं। आप प्रति लीटर पानी में 3 ग्राम कॉपर ऑक्सीक्लोराइड मिलाकर भी स्प्रे कर सकते हैं। इसके अलावा आप प्रति लीटर पानी में 2 ग्राम मैंकोज़ेब मिलाकर छिड़काव भी कर सकते हैं।
नींबू का पौधा सिट्रस डिक्लाइन रोग से ज्यादा ग्रसित होता है। ये रोग होने पर आप देखेंगे कि पौधे की ग्रोथ अचानक से रुक जाती है और पत्तों में क्लोरोफिल का नाश हो जाता है। इसी के साथ फूल बहुत मात्रा में आते हैं, लेकिन फल कम आते हैं और टहनियां सूखने लगती हैं।
इस रोग से बचाव के लिए एक किलोग्राम यूरिया 800 ग्राम सिंगल, सुपर और फास्फोरस एवं 500 ग्राम मयूरेट ऑफ पोटाश को डालना चाहिए। खादों का प्रयोग हमेशा मुख्य तने से 1 मीटर की दूरी पर रिंग बनाकर करना चाहिए इससे पेड़ सुरक्षित रहते हैं।
इसके अलावा 25 किलोग्राम खूब सड़ा हुआ गोबर की खाद या वर्मी कंपोस्ट के साथ 4.5 किलो नीम की खली, 200 ग्राम ट्राइकोडरमा पाउडर मिलाकर नींबू के प्रति पौधे के हिसाब से रिंग बनाकर डाल दे। आप रासायनिक खाद का इस्तेमाल भी कर सकते हैं।
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