बचपन से पढ़ा है कि दूध संपूर्ण आहार यानि सुपरफूड है। जिसमें सभी पोषक तत्व मौजूद होते हैं जो सेहत के लिए जरूरी हैं। बच्चों के संपूर्ण विकास के लिए भी दूध को उत्तम समझा जाता है। लेकिन इसी दूध को लोगों ने इतना जहरीला बना दिया है कि यह धीरे-धीरे शरीर को खराब कर रहा है।
दूध में रिफाइंड, कैमिकल, यूरिया, डिटरजेंट, हानिकारक रसायनों को मिला दिया जाता है। इसमें दूध कम पानी ज्यादा होता है। जिसे कैमिकल आदि की प्रोसेसिंग के माध्यम से गाढ़ा कर दिया जाता है। हालांकि बाजार में बहुत से ऐसे उपकरण मौजूद हैं जो असली व नकली दूध की पहचान कर सकते हैं (check purity of milk)। लेकिन हर किसी के लिए इन यंत्रों को खरीदना आसान नहीं हैं। ऐसे में हम बताने जा रहे हैं ऐसे यूनीक टिप्स जिनकी मदद से आप दूध के असली या नकली होने की पहचान कर सकते हैं।
ये आंकड़े बताते हैं मिलावट का खेल
NDRI से Milk Processing and hendling की ट्रेनिंग ले चुके बागड़ी मिल्क पार्लर संचालक प्रदीप ने बताया कि 2018 की नेशनल रिपोर्ट के अनुसार देश में हर रोज करीब 15 हजार करोड़ लीटर दूध का उत्पादन किया जाता है। चौंकाने वाली बात यह है कि खपत 70 हजार करोड़ लीटर दूध की हो रही है। तो यह दूध कहां से आ रहा है। किसी भी समय, किसी भी गांव या शहर की हर गली में दूध मिल ही जाता है। यह दूध शुद्ध नहीं हो सकता। लोगों के लिए जरूरी है कि वह या तो शुद्ध दूध का सेवन करें नहीं तो दूध को छोड़ ही दें। क्योंकि यह स्पष्ट है कि यह जहरीला है। सेहत के लिए न्यूट्रीशन्स से भरा दूध जरूरी है न कि कैमिकल से पूर्ण।
मिलावट के साथ बढ़ रहे हैं दूध के दाम
दूध के रेट दिनों दिन बढ़ रहे हैं। 2022 में Amul Milk का दाम 58 से 64 रुपये प्रति लीटर हुआ था। वहीं Mother Dairy का दूध 57 रुपये से 66 रुपये प्रति लीटर हुआ। वहीं पिछले दस महीनों में ही नौ रुपये प्रति लीटर दूध पर बढ़ चुके हैं। फिलहाल अमूल गोल्ड 66 रुपये प्रति लीटर मिल रहा है। वहीं मदर डेरी फुल क्रीम दूध भी 66 रुपये प्रति लीटर मिल रहा है। इन दामों पर हर रोज मीडियम क्लास फैमिली के लिए भी दूध पीना संभव नहीं। वहीं डेरी आदि पर मिलने वाला दूध शुद्धता की गारंटी देकर 70 से 90 रुपये लीटर बेचा जा रहा है। जिनके मामले में हुईं कई रिसर्च के आधार पर कहा जा सकता है कि इन दूधों में 90 फीसदी तक मिलावट की जा रही है।
इस तरह बनाया जाता है नकली दूध
आज के समय में नकली दूध के भी विशेषज्ञ हैं। जो मिनटों में ही दूध की बड़ी बड़ी टंकियां भर देते हैं। जिसके लिए उन्हें यूरिया, कॉस्टिक सोडा, ग्लूकोज़ पाउडर, डिटरजेंट और कुछ कैमिकल की जरूरत होती है। इन सभी को घोल तैयार कर दूध का सूखा पाउडर और पानी से ही प्योर शुद्ध की गारंटी वाला दूध तैयार किया जाता है। इसमें रिफाइंड मिलाकर ज्यादा घी देना वाला दूध तैयार होता है। बहुत से व्यापारियों द्वारा हाइड्रोजन परआक्साइड, अपमिश्रण घोल, माल्टोडेक्सट्रिन पाउडर आदि भी मिलाया जाता है।
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ये टिप्स करेंगे उत्तम दूध पहचानने में मदद
प्लेन टुकड़े पर रखें दूध की बूंदे
दूध की प्याेरिटी को चेक करने के लिए एक प्लेन टुकड़े पर दूध की बूंद डालें। यह प्लास्टिक, कांच या लकड़ी का प्लेन टुकड़ा हो सकता है।इसके बाद देखे कि जैसे ही आपने हल्के हाथ से प्लेन सीट को टेड़ा किया है है तो बूंद हल्के से बहने लगी है। एक सफेद लकीर बन रही है और हल्का सा सफेद निशान भी बन रहा है तो इसका मतलब दूध में मिलावट नहीं है।
बोतल में दूध भरकर उसे हिलाएं
एक बोतल में दूध लें। बोतल को थोड़ा खाली रखें। अब इस बोतल को जारों से हिलाएं। अगर इसमें झाग बन जाते हैं ताे समझ जाइए के इसमें मिलावट की गई है। क्योंकि डिटरजेंट मिले होने पर इसमें हल्के से झाग बन जाते हैं। यह सबसे आसान विधि है। महिलाएं आसानी से घर में इसे दूध की पहचान के लिए अपना सकती हैं।
हथेली पर दूध रखकर दोनों हाथों से रगड़ें
दूध की जांच करने के लिए एक हथेली पर दूध की कुछ बूंदें लें। दोनों हाथों की हथेलियों को मिला कर रगड़ें। अगर हाथों में जोरों से चिकनाहट जैसी महसूस होने लगे तो समझ जाएं कि इसमें रिफाइंड या डिटरजेंट की मिलावट की गई है। दूध का रंग भी हाथों में बदल जाता है।
मलाई का एक दम पीला होना मिलावट की ओर इशारा
गाय का दूध सेहत के लिए फायदेमंद होता है। इसका रंग बहुत हल्का पीलापन लिए होता है। वहीं जब दूध को उबाला जाए। मलाई पर गाढ़ा पीलापन हो तो समझ जाएं कि इसमें यूरिया या अन्य कैमिकल की मिलावट की गई है। क्योंकि गाय का दूध उबालने के बाद हल्का पीला होता है।
EXPERT VIEW
Pradeep Sheoran
Bagri Milk Parlour, AN ISO certified
NDRI trained