लोगों का रुझान गार्डनिंग की तरफ काफी ज्यादा बढ़ रहा है। बहुत से लोग अपने घर की छत पर या बालकनी में अपने पसंदीदा पौधे लगाएं रखते हैं, तो कुछ लोग सेहत को फायदा पहुंचाने वाले पौधों को लगाना पसंद करते हैं। सदाबहार का नाम तो सबने सुना है. हमेशा हरा भरा और फूलों से लदा रहने वाला ये पौधा काफी ज्यादा सुंदर होता है और लोगों को काफी भाता है। सदाबहार का पौधा लगभग हर किसी के घर में पाया जाता है।
सेहत को फायदा पहुंचाने वाले इस पौधे की पत्तियों में सेहत का खजाना है। आयुर्वेद में भी इस पौधे का इस्तेमाल कई प्रकार की औषधियों में किया जाता है। आज के इस लेख में हम आपको सदाबहार की पत्तियों से सेहत को क्या फायदा पहुंचता है इसके बारे में बताने जा रहे हैं, तो चलिए जानते हैं।
सदाबहार के अनोखे फायदे
शुगर के रोगियों के लिए गुणकारी
डायबिटीज के रोगियों के सदाबहार का पौधा रामबाण इलाज है। कहा जाता है कि शुगर का रोगी अगर खाली पेट इसकी पत्तियों को चबाता है, तो ये काफी गुणकारी होता है। इसके अंदर से शऱीर में इंसुलिन को बढ़ाने वाला तत्व एल्कलॉइड होता है। आप सदाबहार की पत्तियों का रस भी पी सकते हैं और इसकी पत्तियां चबा भी सकते हैं।
गले में संक्रमण होने पर लाभकारी
सदाबहार को वात, पित्त, कफ को नियंत्रण करने वाला पौधा कहा जाता है। इसके अंदर एलकालॉइड्स, एजमेलीसीन, सरपेन्टीन नामक तत्व पाए जाते हैं, जो गले में संक्रमण होने पर राहत पहुंचाते हैं। आप इसका काढ़ा बनाकर भी पी सकते हैं। स्किन से जुड़ी समस्याओं के लिए भी इस पौधे की पत्तियों का इस्तेमाल किया जाता है।
इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए
सदाबहार को इम्यूनिटी बढ़ाने वाला पौधा भी कहा जाता है। माना जाता है कि आप अगर इसकी पत्तियों का काढ़ा बनाकर सेवन करते हैं, तो आपके शरीर के अंदर रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ जाती है। इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए सदाबहार का पौधा काफी महत्वपूर्ण है।
ब्लड प्रेशर के रोगियों के लिए उपयोगी
ब्लड प्रेशर के रोगियों के लिए सदाबहार की पत्तियों और जड़ का प्रयोग काफी लाभकारी है। जिन लोगों को हाई ब्लड प्रेशर की समस्या होती है वो लोग इसकी पत्तियों या जड़ का इस्तेमाल कर सकते हैं।
कैंसर में फायदेमंद
सदाबहार के अंदर विन्क्रिस्टिन और विंब्लास्टिन एल्कलॉइड नामक तत्व पाए जाते हैं, जो कैंसर के की कोशिकाओं को खत्म करने में कारगर होते हैं।
ये जानकारी सिर्फ सूचनाओं पर आधारित है। अन्य प्रकार की जानकारी के लिए आप किसी विशेषज्ञ की सलाह अवश्य लें।