प्रकृति से नजदीकी महसूस करने के लिए आर्टिफिशियल ग्रास लगाना एक अच्छा विचार है। लेकिन इसी की जगह पर आप ऑर्जिनल यानि असली घास उगाने के बारे में योजना क्यों नहीं बनाते।
इस लेख में हम आपको छत या बाल्कनी में आर्जिनल घास लगाने का तरीका बताएंगे। हमें यह तरीका गार्डनिंग एक्सपर्ट सोनिया ने बताया है। जो 2001 से छत पर असली घास उगाती है। वास्तविक प्रकृति का आनंद लेती है। सोनिया की छत पर सैकड़ों की संख्या में पौधे लगे हुए हैं। उन्हें नेचुरल गार्डनिंग करना पसंद है।
क्या इससे छत को होगा नुकसान?
छत या बाल्कनी पर जो लोग गमले लगाने से ही डरते हैं। उनके लिए ये सोच पाना भी मुश्किल है कि छत पर मिट्टी बिछा कर असली घास उगाएं। लेकिन आप बड़ी आसानी से कुछ सुरक्षा मानकों को पूरा करते हुए कर सकते हैं। सोनिया का कहना है कि उन्होंने छत पर सभी सुरक्षा मानकों को पूरा किया था। जिसकी वजह से 23 सालों में उनकी छत को कोई नुकसान नहीं हुआ है।
किन बातों का रखना है ध्यान
- छत को वाटरप्रूफ यानि जल सुरक्षा प्रणाली के माध्यम से बनाना होगा
- छत को स्वमिंगपूल की भाति तैयार करना होगा
- छत की भार क्षमता जांच करानी होगी
- मिट्टी को हल्का बनाना होगा
- समय-समय पर जांच करती रहनी होगी
इस तरह लगाएं असली घास
- छत पर असली घास लगाने के लिए 6 इंच की गहराई लें।
- 6 इंच की गहराई तक स्वीमिंग पूल की तरह बनाएं
- इसके बाद सबसे पहली लेयर पर टाइल्स लगाएं
- टाइल्स के ऊपर ही अब दो इंच तक का खंगर बिछाएं
- खंगर के ऊपर शेड नेट बिछाएं
- शेड नेट के ऊपर तीन इंच तक मिट्टी बिछाएं
- उसके ऊपर घास लगाएं
- कई जलनिकासी छिद्र रखें
क्यों लगानी चाहिए असली घास
- असली घास हवा को शुद्ध करती है
- इससे घर में ऑक्सीजन का स्तर बढ़ाता है।
- असली घास घर को ठंडा रखती है
- असली घास प्राकृतिक और शांत वातावरण देती है
- यह प्रदूषण को कम करता है
- जैव विविधता को बढ़ावा देने में भी योगदान देता है
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कितने दिन में बदलें घास
एक बार घास लगाने के बाद इसे 5 से 7 सालों में बदल सकते हैं। 5 सालों तक इसी घास की समय पर कटाई छटाई कर सुंदर बनाया जा सकता है। सोनिया बताती हैं कि उनकी छत पर कलकत्ती सलेक्शन वन घास है। छत से एक बार उखाड़ी गई घास को पत्ती खाद बनाती है। एक बार फिर से मिट्टी को रीचार्ज किया जाता है। उसपर नई घास लगा दी जाती है।
कैसे करें देखभाल
असली घास को अधिक देखभाल की जरूरत होती है। इसे नियमित तौर पर गर्मियों में छिड़काव के जरिए पानी दिया जाता है। साल में एक या दो बार गोबर खाद डालें। बारीक खाद को घास के ऊपर फैला दें। इसके बाद 5 से 6 दिन तक घास पर न चलें। घास की समय-समय पर कटिंग करते रहें। इससे यह हरी भरी बनी रहेगी।
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