Grass on the roof: जहां छत पर लोग गमले रखने से भी डरते हैं। वहीं दिल्ली की एक बागवानी प्रेमी सोनिया कपूर छत पर सीधे खास उगाती है। सीधे मिट्टी में पौधे लगाती हैं। दिल्ली में, सोनिया कपूर इकलौती ऐसी महिला हैं जिन्होंने अपनी छत पर घास उगाने का अनोखा प्रयोग किया है। खास बात है कि उनका यह प्रयोग सफल रहा है। वह 2001 से, अपनी छत को एक हरे-भरे लॉन में बदलने के लिए समर्पित रही हैं। उनका कहना है कि उन्हें इस अनोखे बागवानी अनुभव में कोई परेशानी नहीं हुई है।
आज इस लेख में हम सोनिया कपूर से जानेंगे कि आखिर उन्होंने कैसे छत पर घास उगाने का जोखिम उठाया। साथ ही जानेंगे कि हम अपनी छत पर घास कैसे उगा सकते हैं। सुरक्षा की दृष्टि से हमें क्या इंतजाम करना होगा।
सुरक्षा मानक किए पूरे
सोनिया कपूर ने बताया कि वह 2001 में मकान बनने के दौरान ही उन्होंने छत पर गार्डन व लॉन बनाने की योजना बना ली थी। उन्होंने घास को उगाने के लिए स्विमिंग पूल के समान सुरक्षा मानकों का पालन किया है। उन्होंने अपनी छत को वॉटरप्रूफिंग और जल निकासी प्रणाली से मजबूत किया है, जिससे यह सुनिश्चित होता है कि बारिश का पानी इमारत में नहीं घुसे। इसके अलावा, उन्होंने मिट्टी के वजन का ध्यान रखते हुए छत की भार क्षमता का आकलन भी करवाया है।
जानिए, छत पर किस तरह बिछाई है घास
- छत पर घास बिछाने के लिए स्वीमिंग पूल की तरह छह इंच की गहराई ली गई है।
- सबसे पहली लेयर पर टाइल्स लगाई गई हैं।
- टाइल्स के ऊपर दो इंच तक का खंगर का लेयर है।
- इसके बाद शेड नेट बिछाया गया है।
- इसके बाद तीन इंच तक मिट्टी बिछाई गई है।
- उसके ऊपर घास लगाई गई है।
- किनारों पर क्यारियां भी बनाई हैं। जिनमें सीधे पौधे भी लगाए जा सकते हैं।
- छत पर कई जलनिकासी छिद्र रखे गए हैं।
5 से 7 साल में बदलती हैं घास
सोनिया बताती हैं कि उनकी छत पर कलकत्ती सलेक्शन वन घास है। वह छत पर पांच से सात साल में घास को बदलती हैं। उखाड़ी गई घास को पत्ती खाद के तौर पर प्रयोग करती हैं। मिट्टी में खाद मिलाई जाती है। उसके बाद फिर से नई घास लगाते हैं। इससे गार्डन हमेशा हरा भरा रहता है।
घास की देखभाल
सोनिया जी का कहना है कि छत पर उगाई जाने वाली घास को सामान्य घास के मुकाबले अधिक केयर की जरूरत होती है। हालांकि वह इसे सुंदर बनाने के लिए कोई कलर, डीएपी या केमिकल का इस्तेमाल नहीं करती हैं। वह इसकी नियमित कटिंग व गुड़ाई करती हैं। इस पर सिर्फ गोबर की खाद डाली जाती है। गोबर की खाद के बारीक हिस्से को इसपर फैला दिया जाता है। हालांकि ध्यान रखें कि खाद फैलाने के 5 दिन तक गार्डन में न चलें। सर्दियों में इसे नियमित पानी की जरूरत नहीं होती हेै। लेकिन वह गर्मियों में नियमित पानी का छिड़काव करती हैं।
ध्यान दें:
- छत पर घास लगाने से पहले एक विशेषज्ञ से सलाह लें ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि आपका घर सुरक्षित और उपयुक्त है।
- वॉटरप्रूफिंग, जल निकासी और भार क्षमता जैसे सुरक्षा मानकों पर विचार करें।
- छत पर टाइलिंग जरूर कराएं।
- छत के कौनों पर कर्ब टाइल लगवाएं
- खंगर जरूर बिछाई।
- मजबूत शेड नेट का इस्तेमाल करें।
- ड्रेनेज पाइप को हमेशा चेक करते रहें।
- प्लांट्स को गमले में लगाएं। ये छत पर जड़ फैला सकते हैं।
- जलवायु और परिस्थितियों के लिए उपयुक्त घास और पौधों का चयन करें।
किन परेशानियों का करना पड़ा सामना
सोनिया कपूर का कहना है कि 2001 से लेकर अब तक उन्हें कोई बड़ी दिक्कत नहीं आई है। उन्होंने पहले ही सभी सुरक्षा मानकों काम किया था। लेकिन उन्हें दो बार सीपेज यानि सीलन की दिक्कत हुई। क्योंकि उनकी छत की कोने की टाइल निकल गई थी। ऐसे में कर्ब टाइल (curb tile) का प्रयोग करे।
छत पर घास बिछाने के फायदे
सोनिया की छत का बगीचा न केवल दिखने में सुंदर है, बल्कि यह गर्मी को कम करता है। घर के अंदर तापमान को नियंत्रित करने में भी मदद करता है। यह प्रदूषण को कम करता है। जैव विविधता को बढ़ावा देने में भी योगदान देता है। सोनिया की कहानी उन लोगों के लिए प्रेरणादायक है जो अपने घरों को अधिक टिकाऊ और पर्यावरण के अनुकूल बनाना चाहते हैं। यह दर्शाता है कि थोड़ी सी योजना और सावधानी से, छत पर आसानी से बागवानी की जा सकती है।