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Fruit Gardening: गार्डनिंग के मामले में शहरी लोगों का कोई मुकाबला नहीं है। कुछ समय पहले तक जहां लोगों को सिर्फ फूल वाले पौधे लगाने का शौक था। वहीं कुछ समय बाद किचिन गार्डनिंग के कल्चर का आगमन हुआ। लोग बड़े स्तर पर घरों की छतों पर सब्जियां उगा रहे हैं। इसी कड़ी में गार्डनिंग एक्सपर्ट्स ने फ्रूट गार्डनिंग (Fruit Gardening) को आसान बना दिया है। 

दिल्ली के निवासी पदम सिंह ने अपनी छत पर 40 वैरायटी के 400 से ज्यादा फलों के पौधे लगाएं हैं। जिनपर फलों की भरमार है। इन फलों का लाभ उनके पड़ोसी भी उठाते हैं। इनके घर को देखकर लोगों को यकीन नहीं हाेता कि यह दिल्ली का घर है। ऐसा लगता है कि किसी जंगल के बीच में घर को बना दिया गया है। इस हरियाली के चलते उनके घर में एयरकंडीशनर (AC) की भी जरूरत नहीं होती है।

बता दें कि पदम सिंह Income Tax Department विभाग में Additional Commissioner of Income Tax पर  37 साल से ज्यादा सेवाएं दे चुके हैं। फिलहाल दिल्ली में  Special Metropolitan Magistrate के पद पर कार्यरत हैं। इंटरनेशनल टेबल टेनिस एम्पायर भी हैं।

घर की छत पर लगे हुए हैं ये पौधे:  These plants are planted on the roof 

पदम की छत पर ऐसा कोई फल नहीं है जो हम खाते हैं या फिर किसी भी फल की रेहड़ी पर होता है। इनकी छत पर करौंदे, पैशन फ्रूट, अनार, जामुन, अंजीर, नाशपाती, चीकू, जंगल जलेबी, अंगूर, इमली, बेलपत्र, नारियल. सेब, किन्नू, आम, ड्रैगन फ्रूट, पपीता आदि फल लगे हुए हैं। इन सभी के पौधों पर जबरदस्त फ्रूटिंग भी हो रही है। ऐसे में पदम का कहना है कि वो बाजार से कभी भी कोई फल खरीदने की जरूरत नहीं होती है। 

फल बनने से पहले फूलों को गिरने से रोकने का तरीका How to stop fruit and flower dropping

Fruit Gardening हर कोई करना चाहता है। लेकिन कुछ लोग ही इसमें सफल होते हैं। जिसमें से पदम सिंह एक हैं। पदम सिंह ने बताया कि फलों की बागवानी में फ्रूट व फ्लावर का फल बनने से पहले गिरना(fruit and flower dropping) मुख्य समस्या है। लोगों को फल नहीं मिलते हैं ताे ऐसे में फलों की बागवानी करना छोड़ देते हैं। लेकिन थोड़े से अनुभव के बाद fruit and flower dropping को रोका जा सकता है। पौधों में कुछ सूक्ष्म पोषक तत्वों की कमी हो जाती है। 

किस महीने में लगाने चाहिए फलों वाले पौधे: In which month to plant fruit trees

पदम सिंह का कहना है कि हमें अधिकतर फलों के पौधे मध्य अक्तूबर से मध्य फरवरी के बीच में ही लगाने चाहिए। इसके बीच में गर्मी कम होती है। तापमान कम होता है। पौधे के मरने की संभावना कम होती है। इसलिए अक्तूबर से फरवरी के बीच में फलों का पौधा लगाएं।  ये सबसे सही वक्त होता है। इन दिनों पौधे अच्छे से ग्रो करते हैं। इन्हीं दिनों में फलों वाले पौधे नर्सरी से खरीदें। बारिश में भी पौधे लगाए जा सकते हें। आडू, नाशपती, अंगूर आदि को फरवरी में लगाएं। लोकार्ट को अक्तूबर में ही लगाएं। 

फलों वाले पौधे संबंधी विशेष बातें

  • सिर्फ ग्राफ्टेड पौधा ही खरीदें। 
  • नर्सरी से पौधा खरीद रहे हैं तो जिस पौधे पर फल या फूल आ रहा हो उसी पौधे को खरीदें।
  • चिकनी मिट्‌टी, बेसमेंट की मिट्‌टी का प्रयोग न करें। 
  • पोरस मिट्‌टी बनाएं।
  • 50 फीसदी मिट्‌टी के साथ 50 फीसदी में गोबर की खाद, पत्ती की खाद, नीम खली मिलाकर मिट्‌टी बनाएं। 
  • गमले को दाे या तीन इंच खाली रखें। 
  • फलों वाले पौधों की प्रूनिंग पर भी विशेष ध्यान देना चाहिए।
  • फलों वाले पौधों में पानी की खपत ज्यादा होती है। 
  • सुबह शाम पानी देना चाहिए। 
  • प्लाटिंग के लिए बड़े गमले का प्रयोग करना चाहिए। 
  • दो साल के भीतर रीपॉटिंग करनी चाहिए। 
  • गर्मी से बचाने के लिए मल्चिंग करनी चाहिए।

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