अपराजिता (Aprajita) का फूल देखने में जितना सुंदर होता है उतने ही उसमें औषधीय गुण(Health Benefits) होते हैं। इसके साथ ही वास्तु के हिसाब से भी इसे बेहद शुभ पौधा माना जाता है। शास्त्रों में भी अपराजिता के फूलों के जिक्र आता है। देवी देवताओं को अपराजिता के फूल बहुत प्रिय है।
फिलहाल इसके गुणों को देखते हुए हर कोई अपराजिता का प्लांट अपने घर में लगाना चाहता है। इस पर नीले रंग के फूल खिलते हैं। हालांकि इस पौधे को लगाना आसान है।इसे बीज व कलम से लगाया जा सकता है। लेकिन इस पर कई बार फूलों की संख्या कम रह जाती है। मौसम के बदलाव या आपकी देखभाल की कमी की वजह से फूल नहीं खिलते हैं। ऐसे में आज हम इस लेख में आपको अपराजिता के बेल पर सैकड़ों की संख्या में फूलों के लिए टिप्स बताएंगे।
इन नामों से भी जाना जाता है अपराजिता
अपराजिता का वानस्पतिक नाम क्लिटोरिया तरनती (Clitoria Ternatea) है। अंग्रेजी में इसे बटरफ्लाई पी के नाम से भीजाना जाता है। हिंदी मेंसे शंखपुष्पी या विष्णुकांता के नाम से भी जाना जाता है।
अपराजिता पर ज्यादा फूलों के लिए क्या करें?
- पौधे को धूप में रखें
अपराजिता के पौधे पर ढेरों फूलों के लिए जरूरी है कि इस पौधे को धूप में रखा जाए। इस पौधे को तकरीबन 6 घंटे की धूप की जरूरत हाेती हेै। कुछ लोग वास्तु के अनुसार इस पौधे की जगह बदलते रहते हैं। जिसकी वजह से इसे पूरी तरह धूप नहीं मिल पाती है। ऐसे में पौधे पर फूलों की संख्या कम होने लगती है।
- फिटकरी का पानी डालें
एक 20 ग्राम फिटकरी का टुकड़ा आपको एक दिन के लिए पानी में डूबोकर रखना है। अपराजिता के पौधे की गुड़ाई करके उसकी जड़ों को हवा लगने दें और फिर ये पानी डाल दें। एक दो महीने के अंतराल में आप ऐसा कर सकते हैं
- मिट्टी में नमी बरकरार रखें
अपराजिता के पौधे में पानी डालने के संंबंध में सतर्कता बरतने की जरूरत होती है। इस पौधे से ज्यादा फूल लेने के चलते लोग हर दिन पानी डालते रहते हैं। जिसकी वजह से इसकी जड़ों को नुकसान पहुंचता हे। इस पौधे की जड़ के पास मौजूद मिट्टी में नमी होनी चाहिए। पौधे की मिट्टी में ऊंगली डालकर देखें। अगर मिट्टी में नमी है तो पानी न डालें।
- फलियों को तोड़ दें
इस पौधे पर फूलों के सूखने की प्रक्रिया के साथ ही फली बनना शुरू हो जाती हैं। जैसे ही पौधे पर ज्यादा फलियां बनना शुरू हो जाती हैं तोफूल कम खिलते हैं, क्योंकि बेल का सारा पोषण फलियों को मिलने लगता है। ऐसे में पौधे पर जैसे ही फूल सूख जाए तो उसे हटा देना चाहिए। जितनी फलियां चाहिए सिर्फ उतने ही फूल पौधे पर लगा रहने दें।
- कम्पोस्ट टी डालें
इस पौधे में एक महीने बाद ही कम्पोस्ट टी डालते रहें। इसके लिए आप गोबर खाद या किचिन कम्पोस्ट की टी बना सकते हैं। इसके लिए आपको को किसी भी खाद को लिक्विड रूप में बनाना होगा। इसके आप खाद में दो दिन तक पानी व गुड़ डालकर रखें। फिर इस पानी को छानकर पौधे में डालें।
- चाय पत्ती डालें
अपराजिता के पौधे में चायपत्ती फायदा पहुंचाती है। चायपत्ती की खाद में टेनिन नामक एसिड मिलता है। यह एसिड पौधों को बीमारियों से लड़ने की क्षमता प्रदान करता है। इसके साथ ही चायपत्ती की खाद मिट्टी के पीएच को अम्लीय बनाकर रखती है। परिणाम स्वरूप मिट्टी की जल धारण क्षमता बढ़ती है। चायपत्ती से मिट्टी की संरचना में सुधार होता है।
- प्रूनिंग करते रहें
अपराजिता के पौधे में प्रूनिंग का काफी ज्यादा महत्व है। दरअसल अपराजिता का पौधा बेल रूप में बढ़ता है। इस पर अधिक लताएं होंगी ताे अधिक फूल भी आएंगे। इसलिए जैसे ही पौधा बढ़ने लगे तो इसकी प्रूनिंग करते रहे। सूखी डालियों को हटाते रहें। पौधे की प्रूनिंग होने पर पौधा और लताओं को उत्साहित करता है। जिससे अधिक फूल आते है।
- सहारा दें
चूंकि अपराजिता का पौधा बेल स्वरूप है। इसलिए इस बेल के बढ़ने पर इसे सहारा दें। ताकि बिना किसी बाधा के बेल का विकास हो सके। बेल को सहारा देने पर इसपर अधिक फूल आते है।
इसे भी पढ़ें- अपराजिता के फूल और पत्तों के प्रयोग से बीमारियां होंगी ठीक, ऐसे करें प्रयोग
अपराजिता के फूलों का क्या करें
अपराजिता के फूल औषधीय गुणों से भरपूर होते हैं। अपराजिता के फूलों की संख्या आपके गार्डन में अधिक है तो आप इनका कई तरह से प्रयोग कर सकते हैं।
- अपराजिता के फूलों का प्रयोग पूजा में किया जा सकता है। देवी देवता इससे प्रसन्न होते हैं।
- अपराजिता के फूलों की चाय (blue tea) बनाकर पीएं। फूलों को सुखाकर भी चाय बनाकर पी जा सकती है।
- अपराजिता के फूलों को फेस पैक में डालकर प्रयोग करें।
- अपराजिता के फूलों को ऑइल में डालकर व छानकर लगाएं।
- अपराजिता के फूलों का काढ़ा बनाकर पीएं।