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अक्सर किसान खराब मौसम और घटिया क्वालिटी के बीजों के कारण नुकसान उठाता आ रहा है। किसानों के पास उर्वरक मृदा, सिचाई के लिए पानी, उच्च गुणवत्ता का बीज और मौसम की जानकारी नहीं मिल पाने के कारण खेती में नुकसान उठाना पड़ता है। इसलिए किसानों के लिए किस्योक मशीनें लगाईं गईं हैं जो उन्हें मौसम की सही जानकारी देंगी।

सीमित संसाधनों के बीच फसलों की अच्छी पैदावार लेना चुनौती से कम नहीं है। कई बार तो बीज और बीजों की किस्मों का पता नहीं चलने पर किसानों को न के बराबर उत्पादन मिलता है। किसान के लिए मौसम में होने वाले बदलाव को जानना आसान नहीं होता है। इसलिए किसानों को अच्छे फसल उत्पादन के लिए मौसम के साथ समय समय पर किए जाने कृषि कार्य की जानकारी होना भी आवश्यक है। कृषि योग्य भूमि की कमी व मौसम में बदलाव के कारण तकनीकों को अपनाना आवश्यक हो गया है।

गांवों के किसानों को कृषि विज्ञान केंद्रों से जोड़ने का कार्य किया है ताकि वे मौसम संबंधी जानकारी प्राप्त कर सकें व मौसम अनुरूप ही फसल बुआई व सिंचाई का कार्य कर सकें। किसानों के लिए जगह-जगह किस्योक मशीनें लगाईं गईं हैं। इस पर एक क्लिक करके किसान मौसम संबंधी जानकारी व पूर्वानुमान पता कर सकते हैं।

कृषि विज्ञान केंद्रों पर 21 क्योस्क मशीनें लगाईं


किसानों की इन समस्याओं के समाधान के लिए तथा किसानों को तकनीकी के इस दौर में तकनीकी से जोडऩे के लिए हरियाणा कृषि विश्व विद्यालय ने नई पहल की है। एचएयू ने कैंपस के अलावा 18 अलग-अलग कृषि विज्ञान केंद्रों पर 21 क्योस्क मशीन लगाई हैं । इन क्योस्व मशीनों पर एक क्लिक में मौसम और फसलों से लेकर सब्जियों की खेती के बारे में पूरी जानकारी मिलेगी। क्यूसेक मशीनें किसानों को जिलेवाइज मौसम और पूर्वानुमान से लेकर खेतीबाड़ी की जानकारी देने में अहम भूमिका निभा रहे हैं। किसानों को मौसम पूर्वानुमान से लेकर खेतीबाड़ी के बारे में एचएयू विवि के कृषि मौसम विज्ञान विभाग के अध्यक्ष डॉ. मदनलाल खीचड़ जानकारी देंगे।

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किसानों को क्योस्क पर हिन्दी में मिलेगी जानकारी


क्योस्क पर किसान भाइयों को हिंदी में एक क्लिक पर किसानों को खेतीबाड़ी से लेकर सब्जियों की बुवाई कब करें, बीमारियों से बचाव को क्या करें इसकी जानकारी मिलेगी।किसानों के पास पूरी तरह से सूचना नहीं पहुंच पाती। इसके लिए प्रत्येक किसान तक खेती से जुड़ी आवश्यक सूचना पहुंचाने के लिए प्रत्येक गांव को जोड़ा जा रहा है। खेती के साथ ग्रामीण महिलाएं अपना रोजगार शुरू कर आत्मनिर्भर बन सकती हैं। सभी गांवों के किसानों को कृषि विज्ञान केंद्रों से जोड़ा जाएगा ताकि वे मौसम संबंधी जानकारी केविके से ले सकें।

मौसम पूर्वानुमान लिए एसएमएस सेवा से जुड़ें छह लाख किसान

अध्यक्ष डॉ. मदनलाल खीचड़ का कहना है कि मौसम पूर्वानुमान लिए एसएमएस सेवा से अब तक छह लाख किसान और ई मौसम एप 80 हजार किसान जुड़कर फसलों से लेकर मौसम की जानकारी ले रहे हैं। कृषि मौसम विज्ञान विभाग का लक्ष्य किसानों को मौसम की जानकारी देकर फसलों को प्रतिकूल मौसमी घटकों बचाकर अधिक उत्पादन प्राप्त कर अधि आय अर्जित कराना है।

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