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लोग स्वास्थ्य के प्रति काफी सजग हो चुके हैं। खासतौर पर महिलाएं इस ओर काफी ध्यान दे रही हैं। ऐसी ही महिलाओं में शुमार हो रही हैं दिल्ली की सुमिति। सुमिति को सब्जियां उगाने के लिए घर के बाहर जगह नहीं मिली तो उन्होंने छत को ही खेत बना दिया। उनके टेरेस पर सभी तरह की सब्जियां उगाई जाती हैं। वह सभी सब्जियों को गमले में उगाती हैं। अब उन्हें बाजार से कोई भी सब्जी खरीदने की जरूरत नहीं पड़ती है। वह सभी जरूरत की सब्जियां घर पर ही उगाती हैं।

अच्छी मात्रा में उगाती हैं जैविक सब्जियां

सुमिति की छत पर सब्जियाें की संख्या देखकर लोग आश्चर्यचकित रह जाते हैं। लोगों को लगता है कि इसके लिए वह रसायनों, यूरिया या फर्टिलाइजर जरूर प्रयोग करती होंगी। लेकिन सुमिति जी का दावा है कि वह अपनी सब्जियों में किसी भी तरह का कैमिकल नहीं लगाती हैं। वह पूरी तरह जैविक खेती पर आधारित हैं। वह गोवर का खाद और गोमूत्र का ही पौधों में इस्तेमाल करती हैं। इन दिनों उनकी बागवानी में इतनी सब्जियां आ रही हैं कि  वह पड़ोसियाें को भी खिलाती हैं। 

नहीं लेती किसी की मदद

इस काम के लिए वह हर दिन दो घंटे का वक्त निकालती हैं। काम में किसी की भी मदद नहीं लेती हैं। वह हर दिन सुबह शाम एक-एक घंटा पौधों को देती हैं। इसी से वे अपनी जरूरतें पूरी करती हैं। वह खेती की जानकारी के लिए किसानों से भी संपर्क करती हैं।

नेचुरल साबुन भी बनाती हैं

सुमिति मल्टी टास्कर हैं। वह ऑर्गेनिक सब्जियों के साथ ही नेचुरल साबुन बनाती हैं। उनके साबुन में कोई भी कैमिकल नहीं मिलाया जाता है। रॉ मैटेरियल भी सीधे किसानों से प्राप्त किया जाता है। जो मैटेरियल जहां मिलता है वह वहीं से  सीधे खरीदती हैं। वह साबुन में इस्तेमाल होने वाला कॉकोनट ऑइल साउथ से ही खरीदती है। 

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