WhatsApp Group Join Now

जब तक पुरानी यादों को संजोकर रखोगे, तो नई यादों का घर कैसे बनेगा। नया घर बनाने के लिए पुराना घर तो तोड़ना पड़ेगा। तो क्यों ना आज आज कुछ मोटिवेशनल हो जाए। आज पुरानी कड़वी यादों को अलविदा कहकर कुछ नई सुंदर यादों का घर बनाया जाए। असली बात में हम आज ये टॉपिक लेकर हाजिर है। आपको कड़वी यादों को कैसे भुलाना है?  और जिंदगी में कैसे मुवऑन करना है इस बारे में जानेगें।

कड़वी यादों का करना है सामना

अतीत के पन्नों में जब हम झांक कर देखते हैं, तो कुछ पुरानी यादें दोषी की तरह हमको घूरते हुए नजर आती है। हमारे दिलोदिमाग में वो इस कदर बसी हुई होती है कि हम उसको भूला पाते ही नहीं, लेकिन भूलना तो पड़ेगा। इसलिए हमें इनसे लड़ना है। इनके आगे कमजोर नहीं पड़ना, हिम्मत नहीं हारनी, कोने में बैठकर रोना नहीं है, डरना नहीं है सामना करना है। इन यादों के जहर को शिव बनकर गले में धारण कर लेना। ये यादें आपको आगे नहीं बढ़ने देगीं, पीछे धकेलती रहेंगी। इसलिए सामना करो इनका।

कड़वी यादों से इतना कहना है

मैं आगे बढ़ चुकी हूं, तुझे बहुत पीछे छोड़कर। तुम तो मुझे ना जीने दे रही थी ना मरने दे रही थी। हर रोज मैं आगे बढ़ने की कोशिश करती हूं और तुम मुझे पीछे धकेल रही हो। तुम दीमक की भांति मुझे अंदर से खोखला कर रही हो। तुम्हारे साथ रहकर मैं भविष्य के सपने नहीं संजो पा रही हूं। तुम तो हर रोज अतीत के कड़वे अनुभवों को चित्रित कर रही हो मेरे सामने। इसलिए मैं तुम्हें हमेशा-हमेशा के लिए भूला रही हूं।

कड़वी यादों से कहना है कि मैंने तुम्हारी नींव को हिला दिया है और ढ़ह गया तुम्हारा वर्षों से बनाया हुआ मकान। तुम्हारा मकान ढ़ह जाने के बाद मैंने वहां पर सुंदर यादों का ताजमहल खड़ा किया है। जो बहुत सकुन दे रहा है। तुमसे मैं हर रोज हारा करती थी। तुम आकर मेरी आंखों में पानी भरकर मुझसे जीत जाया करती थी, लेकिन अब नहीं। तुम अपना तामझाम लेकर मुझे रुलाने आई हो और मैं मुस्करा रही हूं। वैसे भी पुरानी यादें जो दर्द दे, तकलीफ दे उसे भूल जाने में ही फायदा है।

हमें अपने आप से करना है प्रश्न

बुरी यादों को साथ लिए हम चलते रहते हैं। किसी व्यक्ति ने हमें तकलीफ दी है, चोट पहुंचाई है। किसी चीज को याद करके हमें बुरा लगता है, तो हम क्यों उसको बार-बार याद कर रहे है ? क्यों हम उसको ये हक दे रहे हैं कि बार-बार आकर हमें परेशान करे? हमें अपने आप से प्रश्न करना है। आपको खुद से पूछना है कि क्यों भई किसलिए परेशान है?  जो बीत गया उसके लिए परेशान है या जो कभी वापस नहीं आएगा उसके लिए? क्यों अपने आप को चोट पहुंचा रहा है? जिंदगी तो एक बार मिली है ना मेरे भाई। इसको अच्छे से जीना है। दुनिया को भी जी कर दिखाना है। वैसे भी जिंदगी कट तो सबकी रही है, लेकिन काटनी थोड़ी है जीनी है। इसलिए अभी से अपने आप से प्रश्न करो और मिट्टी डाल दो सारी बुरी यादों पर।

इस वजह से होते हैं दुखी

हम जीवन में इसी वजह से ज्यादा दुखी रहते हैं। जो चीजें, जो बातें हमें भूला देनी चाहिए। हम उसका सिरा पकड़कर बैठे रहते हैं। हमें उसको छोड़ देना है। खुद पर विश्वास रखना है। सोच को सकारात्मक रखना है। जो याद या बात हमें ज्यादा तकलीफ दे रही है। अच्छा होगा अगर हम अपने आप से प्रश्न करके अपनी सकारात्मक सोच से उन्हें भुला दें तो। ऐसा करने पर आपको सुख की अनुभूति होगी और आप जीवन में अच्छे से आगे बढ़ पाएंगे।

             रेणु नवीन चौधरी, हिसार

 

 

WhatsApp Group Join Now

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *