बहुत बार एक ही वाक्य बार-बार सुनने को मिलता है। कुछ भी ऐसा काम कर दो, जो दूसरों के हिसाब से हमें नहीं करना चाहिए था, तो ये सुनने को मिलता है इसके तो सींग निकल आए हैं। ये एक ही वाक्य बार-बार सुनने पर ऐसा प्रतीत होने लगता है मानो सच में सींग निकल आए हैं। गांव में आज भी सत्तर प्रतिशत लोग ऐसा सोचते हैं कि जब लड़किया पढ़ने के लिए या कुछ करने के लिए बाहर जाती हैं, तो वो बिगड़ जाती है यानि उनके सींग निकल आते हैं।
कब सुनने को मिलता है ये डॉयलाग
ये डॉयलाग ज्यादातर तब सुनने को मिलता है जब हम कोई ऐसा कार्य कर देते हैं, जो दूसरो को पसंद नहीं होता। या अपने हक के बड़ों के सामने थोड़ी जुबान लड़ाने लगते हैं। या हो सकता है आपने अगर बगावत कर दी है किसी बात को लेकर तो आपके सींग निकल आए हो। सींग हर बात पर बड़ी जल्दी निकल जाते हैं। गांव में तो लड़की पढ़ने के लिए बाहर चली जाती है, तब सींग हर रोज निकलते हैं।
- बाल खूले छोड़ने पर सींग निकल आते हैं।
- जींस पहनने पर सींग निकल आते हैं।
- शादी के लिए मना करने पर सींग निकल आते हैं।
- लड़का दोस्त हो तो सींग निकल आते हैं।
- अपनी बोली छोड़कर थोड़ी सी हिंदी में बात करली तो सींग निकल आते हैं।
सच में सींग निकल आए तो क्या होगा
ये बार-बार लड़कियों को अहसास करवाया जाता है कि उनके सींग निकल आए हैं। इसका मतलब आज तक मुझे समझ नहीं आया। लेकिन अगर सच में ऐसा हो तो ये सींग सबसे पहले उन्हीं लोगों के पेट में घुसाना सही रहेगा जो हर बार ये ताना देते हैं। अगर वो कहीं पर गलत दिखाई देती हैं, तो ये डॉयलाग बिना बोले भी उनको समझाया जा सकता है।
लेकिन ये कॉलेज जाने पर, बाल खुले छोड़ने पर, जींस पहनने पर, स्कूटी चलाने पर ये वाक्य बार-बार बोलकर आप क्या साबित करना चाहते हैं। आप ये बोलना चाहते हैं कि बाहर जाने पर वो बिगड़ गई है। आपको अपनी सोच बदलने की जरुरत है। दरअसल वो बिगड़ी नहीं है समय के साथ चल रही है आगे बढ़ रही है। अपने को ग्रो कर रही है। लेकिन आपकी सोच उसे आगे बढ़ने से रोक रही है। आपको समझने की जरुरत है कि उसको सींग नहीं उगे है अगर उगते तो सबसे पहले आपको ही मारती।
ये भी है जरुरी-जल्दी बड़ी हो जाती है लड़की, ऐसा क्यों
ये भी पढे़-नारी बगावत क्यों नहीं कर पाती, जानिए
ये भी है जरुरी-समाज की धारणा: मां ही करेगी बच्चों की परवरिश
ये भी है जरुरी-क्यों बढ़ रहा है एकल परिवार का चलन