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22 मार्च से इस बार चैत्र नवरात्रि की शुरुआत होने जा रही है। इन नौ दिनों में मां दुर्गा और उनके नौ रूपों की पूरी विधि-विधान से पूजा की जाती है। अगर आप भी इस साल मां की प्रतिमा की स्थापना करने के बारे में सोच रहे हैं तो कुछ वास्तु नियमों की जानकारी का होना बहुत जरूरी है। क्योंकि इन नियमों का पालन करके ही मां दुर्गा का  आशीर्वाद प्राप्त किया जा सकता है। आइए जानते हैं इनके बारे में…

माता दुर्गा की मूर्ति का सही दिशा में होना है जरूरी

वास्तु शास्त्र के अनुसार आप मूर्ति स्थापित करने से पहले दिशा का खास ध्यान रखें। मूर्ति की स्थापना हमेशा उत्तर पूर्व दिशा यानी कि ईशान कोण में ही करें। यदि आपका मंदिर इस स्थान पर स्थित नहीं है तब भी आप नवरात्रि के दिन में माता दुर्गा की मूर्ति घर के किसी भी साफ़ स्थान इस दिशा में कर सकती हैं। इस दिशा में मूर्ति स्थापना करने से धन लाभ के साथ घर में सुकून और शांति का भी वास होता है।

मां दुर्गा की प्रतिमा इस जगह पर रखना है वर्जित

वास्तु मान्यताओं के अनुसार दक्षिण दिशा की ओर मां दुर्गा की प्रतिमा नहीं रखनी चाहिए। इस दिशा को यमराज की दिशा माना जाता है। इसी वजह से इस दिशा को शुभ नहीं माना जाता। इसी वजह से यह माना जाता है की इस दिशा से नेगेटिविटी आती है। जिससे घर में सुख-शांति नहीं रह पाती और हर समय कलह बना रहता है।

मां दुर्गा की मूर्ति के साइज का भी रखें ध्यान

मूर्ति स्थापना के लिए मां दुर्गा की मूर्ति खरीदते समय उसके साइज का भी खास ध्यान रखें। ध्यान रखें कि आप 3 इंच से बड़ी मां की मूर्ति न लेकर आएं। इसके अलावा मूर्ति के रंग का भी विशेष ध्यान दें। कोशिश करें कि मूर्ति का रंग पीला, हरा या फिर गुलाबी ही हो। मूर्ति स्थापित करने से पहले मंदिर में अच्छे से साफ-सफाई करें।

स्थापना से पहले ये काम भी करें

मां दुर्गा की प्रतिमा की स्थापना करने से पहले कुछ बातों का खास ध्यान रखना चाहिए। आप जहां मां की मूर्ति रखने वाले हैं वहां सबसे पहले सिंदूर और साबुत चावल जरूर डालें। इसके बाद जब मूर्ति उठाएं तो इन चावलों को यहां वहां फेकने के बजाय घर की तिजोरी या फिर अपने रसोईघर में रख दें।

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