माना जाता है कि अगर वास्तु शास्त्र के नियमों को हम अपने जीवन में उतार लें तो हम एक खुशहाल जीवन के मालिक बन सकते हैं। इसी कड़ी में अपने सपनों के आशियाना को बनाते समय भी वास्तु नियमों का पालन आपको सुख-समृद्धि और धन-धान्य से नवाज सकता है। अगर आप भी नए घर बनाने वाले हैं या भविष्य में ऐसी कोई योजना है तो सबसे पहले इन वास्तु नियमों को समझ लें। क्योंकि ये नियम आपको एक खुशहाल जीवन देने में मददगार साबित होंगे।
पूजा घर सही दिशा में करवाएं डिज़ाइन
घर के उत्तर-पूर्व दिशा में पूजा की जगह निर्धारित करें। दरअसल उत्तर-पूर्व दिशा को सबसे ज्यादा शुभ माना जाता है। घर में सुख-समृद्धि लाने के लिए पूजा घर का उत्तर-पूर्व दिशा में होना बेहद जरूरी है। इसी वजह से कोशिश करें की घर की दिशा को हमेशा साफ़-सुथरा भी रखें।
घर की छत पर ऐसे पौधे लगाने से बचें
घर की छत पर भूलकर भी कांटेदार पौधे नहीं लगाने चाहिए। कांटेदार पौधे लगाना भी अशुभ माना जाता है। वास्तु शास्त्र के अनुसार कांटेदार पौधे नेगेटिविटी को अपनी और खींचते हैं, जिसकी वजह से घर के लोगों के बीच बेवजह ही मनमुटाव होना शुरू हो जाता है।
गलत दिशा में बनी रसोई बढ़ा सकती है परेशानी
रसोई की गलत दिशा घर की सुख शांति को कम कर सकती है और घर के सदस्यों के बीच लड़ाई का कारण बन सकती है। इसके अलावा रसोई में भोजन बनाते समय मुख सही दिशा में न हो तो परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। इसी वजह से रसोई का स्थान घर के दक्षिण-पूर्व कोने में होना चाहिए। इसके अलावा अनाज को रखने करने का स्थान किचन के पश्चिम और दक्षिण की दीवारों की तरफ होना चाहिए।
सही दिशा में ही रखें पानी की टंकी
वास्तुशास्त्र के अनुसार उत्तर-पूर्व दिशा भी पानी का टैंक रखने के लिए शुभ है। इस दिशा में पानी होने से धन लाभ होता है। ऐसा घर उन्नति और समृद्धि देने वाला माना गया है। उत्तर दिशा में पानी का टेंक या पीने का पानी रखा जाए तो ऐसे घर में शांति और सुख बढ़ता है। इसके साथ ही यह ध्यान दें कि दक्षिण दिशा में पानी की टंकी या भूमिगत टैंक नहीं होना चाहिए। इससे परिवार में अशांति और धन हानि होती है।