WhatsApp Group Join Now

देश में कई राज्य ऐसे है जिनमें हर रोज रोटियां बनती हैं। बिना रोटी खाएं पेट नहीं भरता है। हर घर में हर दिन सब्जी बेशक न बने लेकिन रोटी तो जरूर बनती है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि कई ऐसे भी दिन आते है जिनमें रोटी बनाना शुभ नहीं माना जाता है।

 

कब नहीं बनानी चाहिए रोटियां

एकादशी के दिन जैसे घर में चावल नहीं बनते वैसे ही कई ऐसे भी दिन है जिस दिन रोटी बनाना अशुभ होता है। शास्त्रों में इसका वर्णन भी मिलता है। माना जाता है कि ऐसा करने से हम पाप के भागी बन जाते है। तो चलिए जानते हैं वो कौनसे दिन है, जिनमें घर में रोटियां नहीं बनानी चाहिए।

नागपंचमी के दिन

मान्यता है कि इस दिन तवा आग पर नहीं चढ़ाना चाहिए और न ही कोई लौह की धातु से बना बर्तन। तवा नाग देवता के फन का प्रतीक होता है। इस दिन तवा आग पर चढ़ाने से नाग देवता को गुस्सा आ जाता है और उन्हें तकलीफ होती है। माना जाता है कि नागपंचमी के दिन नाग देवता को क्रोधित नहीं करना चाहिए। इस दिन रोटी बनाने से हमें पाप लगता है। नागपंचमी पर खीर, हलवा, पूरी बनाकर खानी चाहिए।

किसी की मृत्यु होने पर

हिंदू धर्म में ये भी मान्यता है कि परिवार के किसी सदस्य की मृत्यु हो जाती है तो उस घर में तवा नहीं चढ़ाना चाहिए। धर्म को मानने वाले लोगों का कहना है कि ऐसा करने से मृत आत्मा पर फफोले पड़ जाते है। तेरवहीं का संस्कार करके ही घर में तवा चढ़ाना चाहिए।

शीतलाष्टमी के दिन

शीतलाष्टमी की पूजा होली के बाद की जाती है। हिंदू धर्म में मान्यता है कि शीतला माता त्वचा संबंधी रोगों से बचाती है। इस दिन बासी भोजन का सेवन किया जाता है। कहा जाता है कि इस दिन गर्म चीज नहीं खानी चाहिए और न ही रोटियां बनानी चाहिए। गर्म भोजन खाने से मां नाराज हो जाती है और त्वचा संबंधी विकार उत्पन्न हो जाते हैं। शीतलाष्टमी की पहली रात को ही भोजन बनाकर रख दिया जाता है जो अगले दिन भी खाया जाता है।

माता या चेचक निकलने पर

माना जाता है कि जिस इंसान को माता निकल गई हो या चेचक (chicken pox) हो गया है उस घर में रोटी नहीं बनानी चाहिए। रोटी बनाते है तो माता जल्दी ठीक नहीं होती और रोगी को तकलीफ होती है। शीतला माता के प्रकोप के ण ही शरीर पर फफोले बन जाते है ऐसी धार्मिक मान्यता है। ऐसा होने पर रोगी को नीम के पत्तों पर सुलाया जाता है।

दीपावली के दिन

दीपावली के दिन भी घर में तवा नहीं चढ़ाना चाहिए। इस दिन सात्विक भोजन करना चाहिए। पूरी, हलवा, मिठाई का सेवन आप कर सकते हैं। मां लक्ष्मी की पूजा वाले दिन घर में रोटियां नहीं बनानी चाहिए।

शरद पूर्णिमा के दिन

शरद पूर्णिमा के दिन भी आग पर तवा चढ़ाना या रोटी सेंकना शुभ नहीं माना जाता है। इस दिन चंद्रमा 16 कलाओं से युक्त होता है। खीर बनाकर चांद की चांदनी में रखकर खाई जाती है। मान्यता है कि इस दिन मां लक्ष्मी का जन्म हुआ था।

 

नवरात्रि पर देवी मां को प्रसन्न करने के तरीके भी पढ़े-  इस बार देवी को करना है प्रसन्न तो अपनाएं ये टिप्स, होगी धन वर्षा

WhatsApp Group Join Now

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *