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गार्डनिंग में चीटिंयों का अटैक आम बात है। लोग चीटियों को गार्डन से हटाने के लिए कड़े इंतेजाम भी खोजते हैं। कई तरह के कैमिकल भी लगाते हैं जिसकी वजह से पौधों को भी नुकसान पहुंचता है। लेकिन चींटियां गार्डन के लिए सिर्फ हानिकारक ही नहीं है बल्कि आवश्यक भी हैं।अधिकतर चींटियां मिट्टी को पोषक तत्व प्रदान करती हैं । यहां तक कि चीटियां बगीचे के पौधों को परागित करने में मदद करती हैं। ये पौधों की ग्रोथ में मदद भी कर सकती है। ये पूरी मिट्‌टी में आवश्यक पोषक तत्वों को वितरित करने का काम भी करती हैं।

लेकिन कुछ चीटियों की प्रजाति गार्डन को नुकसान भी पहुंचाती है। इसलिए चीटियों की पहचान कर उन्हें जरूर हटाया जा सकता है।  इस लेख में हम आपको गार्डन के लिए उपयोगी और हानिकारक चीटियों की पहचान बताऐंगे। इसके साथ ही चीटियों से गार्डन में होने वाले फायदे भी बताएंगे।

गार्डन के लिए उपयोगी चींटियों की प्रजातियां

गार्डन में चीटियां देखते ही उन्हें भगाने के बारे में नहीं सोचना चाहिए। चूंकि कुछ चीटियां बगीचे के लिए लाभकारी भी होती है। ऐसे में उन्हें पहचान कर गार्डन में ही रहने देना उचित है।

  1.  काली चींटियां : जैसा की नाम से व्यक्त है कि काली चींटिया देखने में काले रंग की होती है। सामान्यत: घरों में देखी जाती है। काली चींटियां बगीचे के लिए सहायक होती हैं। ये चीटियां मिट्टी के हवा के संचरण और परागण को बढ़ावा देती हैं।
  2.  पीली घास की चींटियाँ : पीली मैदानी चींटी पीले-भूरे रंग की होती है। यह एंथिल का निर्माण करती हैं। काली चींटियों की तरह, पीली घास की चींटियाँ भी हानिरहित बगीचे की निवासी हैं। ये मिट्टी को पोषक तत्व प्रदान करते हैं। ये तापमान और आर्द्रता को नियंत्रित करने में मदद करती है। यह मिट्टी के ऊपर एक गुंबद बनाते हैं जो जमीन से एक मीटर नीचे तक फैल सकता है। हालांकि चीटीं द्वारा बने ये  टीले क्यारियों या गमलों में अनाकर्षक हो सकते हैं।

बगीचे को नुकसान पहुंचाने वाली चीटियां

  1. बढ़ई चींटियां : बढ़ई चींटियां गार्डन के लिए काफी खतरनाक होती है। यह पेड़ को अंदर से खा जाती है। दरअसल यह लकड़ी को खोखला कर देती हैं। यह शाखाओं में जगह-जगह छेद कर  देती हैं। इनसे बगीचों को काफी नुकसान पहुंचता है। ये घरों में लकड़ी के फर्नीचरों को भी नुकसान पहुंचाती हैं। 
  2. लाल चींटियां : इन्हें अग्नि चींटियों के रूप में भी जाना जाता है। ये गार्डन के लिए नुकसान दायक होती है। लाल चीटियां मिट्‌टी के ऊंचे टीले बना देती है। ये चीटियां सब्जियों को भी खा जाती है। 
  3.  लीफकटर चींटियाँ : लीफकटर चींटियां देखने में लाल-भूरे रंग की होती हैं। जैसा कि इनके नाम से स्पष्ट है कि ये चीटियां पत्तियों को खा जाती है। ये पूरा बगीचा नष्ट करने की क्षमता रखती है। बता दें कि इनकी पीठ पर कांटे होते हैं। ये

चीटियों से बगीचे के मिलने वाले फायदे

  1. मिट्‌टी में हवा का संचार:  चीटियां मिट्‌टी को खोदना शुरू करती है। इससे मिट्‌टी में हवा का संचरण सुधरता है। पौधों की जड़ों तक ऑक्सीजन पहुंचती है। मिट्‌टी के खोखला होने पर जल निकासी में भी सुधार होता है।
  2. प्राकृतिक कीट नियंत्रण : चीटियां छोटे कीटों को पौधाें के आसपास या मिट्‌टी से खा जाती हैं। जिसकी वजह से पौधे को कोई नुकसान नहीं पहुंचता है। यानि चीटियों पौधों में प्राकृतिक कीट नियंत्रण के रूप में काम करती है।
  3. अपघटन( Decomposition) करती हैं: चीटियां बगीचे में अपघटन का काम भी करती है। यह गमले में मौजूद मृत पत्तियों को खा लेती है। ये पत्तों का अपघटन कर, कार्बनिक पदार्थों को तोड़कर गमले में पोषक तत्व पहुँचाने में मदद करती हैं।
  4. परागण(pollination) का करती हैं काम:  चींटियां फूलों के आसपास भी घूमती है। यह परागणकणों को एक फूल से दूसरे फूल तक ले जाती है। साथ ही गमलें से बाहर गिरे हुए बीजों को गमलों में पहुंचाने का काम करती है। ये बीजों पूरी मिट्टी में फैलाकर परागणकर्ता के रूप में कार्य करती हैं। बता दें कि चींटियां बीजों के बाहरी आवरण को खाती हैं। वहीं बीज के अंदरूनी हिस्से को मिट्टी में फेंक देते हैं, जो अंकुरित होकर एक नया पौधा बनाता है।

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गार्डनिंग के संबंध में आपकी हर समस्या व सवाल को यूनीक भारत द्वारा सुलझाने का प्रयास किया जाएगा। उम्मीद है आपको ये लेख पसंद आया होगा। यदि यह लेख आपके काम आता है तो कमेंट बॉक्स में जरूर बताएं। 

 

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