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पौधों से प्रेम करने वालों के लिए बागवानी अच्छा शौक है। बागवानी तनाव को तो कम करती ही है साथ में आपको खुशी भी देती है। बागवानों के लिए तरह-तरह के उर्वरक अपने गार्डन में प्रयोग करने जरुरी हो जाते हैं। पौधों के बेहतर विकास के लिए गार्डनर तरह-तरह के खादों का इस्तेमाल करते हैं और अन्य जैविक तरीके ढूंढते हैं, जिनसे पौधों को नुकसान न हो और पौधा विकसित हो।

इस लेख में हम आपको ग्रीन टी को गार्डन में कैसे यूज करना है इसके बारे में बताने जा रहे हैं। ग्रीन टी सेहत के लिए तो फायदेमंद है काफी लोग जानते हैं। लेकिन ये हमारे गार्डनिंग में भी हेल्प करती है। चलिए इस लेख में जानते हैं कि ग्रीन टी का गार्डन में कैसे यूज करें?

गार्डन में ग्रीन टी के लाभ

  • ये प्राकृतिक उर्वरक के तौर पर कार्य करती है।
  • ग्रीन टी में मौजूद पोषक तत्त मिट्टी में मिल जाते हैं, जो जरुरी होते हैं।
  • इसमें मौजूद पोटेशियम, मैग्निशियम, कैल्शियम और फॉस्फोरस मिट्टी को पोषित करते हैं।
  • इससे पौधों को स्थायी लाभ मिलता है।
  • ये मिट्टी को ऊपजाउ बनाने में सहायक है।
  • ये प्राकृतिक रुप से कीटों को आने से रोकती है।
  • पौधों की रोग प्रतिरोधक क्षमता को ये मजबूत बनाता है।
  • एसिड-प्रेमी पौधों के लिए ये वरदान है।
  • अमेरीलिस, अफ्रीकन वॉयलेट, फर्न्स, जेड प्लांट और क्रिसमस कैक्टस जैसे पौधों के लिए ये बेस्ट है।

ग्रीन टी का गार्डन में ऐसे करें प्रयोग

मल्च के रुप में प्रयोग

कई पौधे ऐसे होते हैं, जिनमें नमी बनाएं रखने के लिए उनके चारों तरफ घास उगाना पड़ता है ताकि पौधे को नमी मिलती रहे। ऐसे पौधों के लिए ग्रीन टी बेहतर विकल्प हो सकती है। यूज करने के बाद आप इसको खोलकर पौधे के चारों तरफ फैला दें, ये गीली घास के कालीन जैसी हो जाएगी, जो नमी बनाए रखने के लिए महत्वपूर्ण होगी।

ग्रीन टी को मिट्टी में मिलाएं

ये खाद  रुप में अच्छा कार्य करती है। आमतौर पर प्रयोग के बाद इनको ऐसे ही फेंक दिया जाता है। आप गार्डन में पौधों की मिट्टी में इसे मिलाएं। ये पौधों को दोगुनी रफ्तार से बढ़ने में हेल्प करेगी। आपको टी बैग को खोलना है और पत्तियों को ठंडी होने  के बाद मिट्टी में मिला देना है। ये पत्तियां मिट्टी को पोषित करेगी।

ग्रीन टी से लिक्विड फर्टिलाइजर बनाएं

ग्रीन टी से लिक्विड फर्टिलाइजर बनाना काफी आसान है। आप टी बैग्स को पानी में अच्छे से भिगोएं जब तक उनमें पानी समा न जाएं। अच्छे से मिलने के बाद इस लिक्विड का छिड़काव पौधों पर करें। स्प्रे भी कर सकते हैं और लिक्विड को मिट्टी में सीधा भी डाल सकते हैं।

इनडोर प्लांटस में ग्रीन टी

इनडोर प्लांटस में आप ग्रीन टी बैग्स द्वारा बनाई गई लिक्विड फर्टिलाजर जरुर डालें। आप दो तीन हफ्ते में ऐसा कर सकते हैं। हालांकि ठंड के मौसम में आप इनडोर प्लांटस में ये न डालें।

ग्रीन टी यूज करने पर बरतें ये सावधानियां

  1. ज्यादा कैफीन आपके पौधे के विकास को रोक सकता है। हालांकि सीमित मात्रा में प्रयोग कर सकते हैं।
  2. अम्लीय पौधों के लिए ये ज्यादा उपयोगी साबित होती है।
  3. ज्यादा प्रयोग से पोषक तत्वों में अंसतुलन हो सकता है।
  4. आपको इसका प्रयोग सीमित मात्रा में करना है।
  5. ठंड के मौसम में ग्रीन टी पौधों में डालने से बचना है।
  6. खाद बनाने के लिए पॉलिएस्टर टी बैग का उपयोग करें।
  7. खाद में टी बैग डालने से पहले स्टेपल हटा दें।
  8. संतुलित पोषण के लिए आप ग्रीन टी में केले के छिलके, अंडे के छिलके अन्य मिला सकते हैं।

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नोट- ये जानकारी आपको कैसी लगी कमेंट में अपने राय और सुझाव जरुर दीजिए। इस प्रकार की अन्य जानकारी के लिए जुड़े रहिए द यूनिक भारत के साथ।

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