जुकीनी की पैदावार- बसंत पंचमी के बाद शीतकालीन समय खत्म और ग्रीष्मकालीन समय शुरु होने लगता है। अब धीरे-धीरे तापमान में बढ़ोतरी होने लगेगी। गर्मी का मौसम शुरु होने से पहले ही घर में बागवानी करने वाले लोगों के लिए सब्जी उगाने का विचार मन में आने लगता है।
घर की छत पर सब्जी उगाने के लिए आपके पास पर्याप्त जगह नहीं है और आप गमले में सब्जी उगाना चाहते हैं, तो ये लेख आपकी मदद कर सकता है। हम आपको आज जुकीनी सब्जी को गमले में आसानी से उगाने का तरीका बताने जा रहे हैं।
जुकीनी गमले में उगाने का बेस्ट तरीका
जुकीनी कुकरबेट्स या स्वेवैश परिवार की सब्जियों से आती है। इस सब्जी को उगाने के लिए गर्मियों का मौसम अनुकुल होता है। गर्मी में जुकीनी खाना सेहत को बहुत फायदा देता है। जुकीनी में सभी प्रकार के पोषक तत्व पाए जाते हैं, जो सेहत को बेहतर बनाते हैं।
जुकीनी लगाने का सही समय- जुकीनी की बुआई आप फरवरी के अंतिम सप्ताह से लेकर मई तक कर सकते हैं। ये गर्मी में ग्रो होने वाली सब्जी है। सर्दी के मौसम के अंतिम हफ्ते में इसकी बुआई करना बेस्ट रहता है।
जुकीनी को उगाने के लिए ग्रो बैग का चयन- अगर आपके पास सब्जियां उगाने के लिए उचित जगह नहीं है और गमले में ही आप जुकीनी को ग्रो करना चाहते हैं, तो सबसे पहले आपको 15×15, 18×15 साइज का ग्रो बैग लेना होगा।
जुकीनी की बुआई- आमतौर पर अच्छी जलनिकासी वाली उपजाऊ मिट्टी ही जुकीनी के लिए बेस्ट होती है। ऐसी मिट्टी तैयार करें जिससे जलनिकासी आसानी से हो जाए। इसके लिए बालु या दोमद मिट्टी उचित होती है।
मिट्टी का पीएच मान 6.5 के आसपास होना चाहिए। मिट्टी तैयार करने के बाद एक इंच तक गहराई में आप जुकीनी के बीज को लगा सकते हैं। स्ववैश परिवार से आने वाली सब्जियों में समय-समय पर पानी देना आवश्यक होता है।
जुकीनी के लिए तापमान- जुकीनी को ग्रो करने के लिए अगर तापमान की बात की जाए तो 15 डिग्री सेल्सियस से लेकर 32 डिग्री सेल्सियस तक तापमान होना जरुरी होता है। जुकीनी को ग्रो होने के लिए धूप की आवश्यकता होती है। गमले को आप प्रतिदिन कम से कम 6-8 घंटे की धूप दिखाएं।
जुकीनी के लिए खाद- जुकीनी पर फल और फूल ज्यादा मात्रा में आए इसके लिए आप फॉस्फोरस युक्त खाद का इस्तेमाल कर सकते हैं। बोनमील का प्रयोग भी आप कर सकते हैं। गोबर की खाद का इस्तेमाल भी बेहतर होता है।
हार्वेस्टिंग का समय– आमतौर पर बीज लगाने के तीन से चार महीने बाद आपकी सब्जी तैयार हो जाती है। हार्वेस्टिंग का सही समय 55-60 दिन के बाद का होता है।
जुकीनी के अन्य नाम
- तोरी, तुरई
- नेनुआ
- चप्पन कद्दु
- वैज्ञानिक नाम- क्युकरबिटा पेपा
जुकीनी की विशेषता
आमतौर पर जुकीनी कद्दु की एक प्रजाति है। यह खीरे की तरह दिखाई देती है। जुकीनी तीन से चार रंग में मिलती है। बाजार में ये सब्जी अच्छी कीमत पर मिलती है।
जुकीनी में पाए जाने वाले पोषक तत्व
- जुकीनी में पानी की मात्रा अधिक होती है।
- इसमें विटामिन सी, विटामिन बी6 और विटामिन k पाया जाता है।
- फोलकि एसिड की मात्रा भी इसमें मिलती है।
- पोटेशियम और मैग्निशियम का ये अच्छा स्रोत है।
- फाइबर की मात्रा भी इसमें पाई जाती है।
- एंटीऑक्सीडेंट और एंटीफ्लोमेट्री, फाइटोन्यूट्रिएंटस जैसे गुण इसमें होते हैं।
जुकीनी खाने के फायदे
- जुकीनी आंखों के लिए अच्छी मानी जाती है।
- ब्लड प्रेशर को नियत्रिंत करने के लिए भी ये बेस्ट है।
- कुछ हद तक कैंसर सेल्स को भी ये खत्म करती है।
- जुकीनी मोटापा कम करने के लिए भी जानी जाती है।
जुकीनी को प्रभावित करने वाले कीट
- एफिड्स
- कुकुम्बर बीटल
- स्लग
- घोंघे
- स्केश बग
इन कीटों की रोकथाम के लिए आप घर में ही सरसों की खली, नीम की खली और नीम के तेल का प्रयोग फर्टिलाइजर के रुप में करें।