जैसे गर्मियों का इंतजार लोग आम(Mango) के लिए करते हैं वैसे ही सर्दियों का इंतजार सरसों का साग( sarso ka saag) खाने के लिए किया जाता है। मक्के की रोटी और सरसों का साग खाने का प्रचलन पूरे देश में है। सरसों को पोष्टिकता का खजाना भी माना जाता है। लेकिन औषधीय गुण होने के बावजूद बहुत से लोगों को सरसों न खाने की सलाह दी जाती है। कुछ लोगों के लिए सरसों का साग बेहत नुकसान दायक होता है। इस लेख में आज हम जानेंगे कि सरसों के साग के नुकसान क्या है और किन लोगों को सरसों का साग नहीं खाना चाहिए।
पेट संबंधी दिक्कतें
बहुत से लोगों को पेट संबंधी दिक्कतें होती हैं। इन लोगों को साग खाने पर पेट फूलने और पेट में गैस जैसी समस्या हो सकती है। बहुत से लोगों को साग खाने पर कब्ज या एसिडिटी की दिक्कत हो जाती है। ऐसे में जिन लोगों को पाचन संबंधी दिक्कतें हैं उन्हें साग से दूर रहने की सलाह दी जाती है। ऐसा माना जाता है कि साग काफी भारी होता है। इसे पचाना आसान नहीं है।
पथरी के मरीज बचें
विशेषज्ञों का मानना है कि सरसों के साग में ऑग्जेलिक एसिड होता है। यह एसिड पथरी का भी कारण बनता है। साथ ही जिन्हें पहले से पथरी है उन्हें भी नुकसान करता है। ऐसे मरीज डाक्टर की सलाह लेने के बाद ही सरसों के साग का सेवन करें।
कॉलेस्ट्रॉल बढ़ाए
देश कि किसी भी कोने में जब भी सरसों के साग का सेवन किया जाता है तो उसमें खूब घी और मक्खन डाला जाता है। जिन लोगों को ब्लड प्रेशर या कोलेस्ट्रॉल की समस्या होती है वह समस्या और बढ़ सकती है। ऐसे में ये लोग सोच-समझकर ही सरसों के साग का सेवन करें।
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रात में साग नहीं खाना चाहिए
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साग हर दिन नहीं खाना चाहिए
हालांकि साग में कई जरूरी पोष्टिक तत्व मौजूद हेाते हैं। लेकिन इसके बावजूद साग रोजाना नहीं खाना चाहिए। हफ्ते में दो या तीन बार खाना सही है। इससे इसे पचाने में परेशानी नहीं होती है। हर दिन साग खाने से अपच या दस्त की दिक्कत हो जाती है।
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