प्रकृति ने हमें बहुत सी ऐसी चीजें दी हैं, जो अपने आप में बहुमुल्य है। दुनिया में ऐसे कई पौधे हैं, जिनका प्रयोग विभिन्न प्रकार की औषधियों को बनाने के लिए किया जाता है। आयुर्वेद में ऐसे कई औषधिय प्लांट हैं, जो हमारी सेहत को अनोखे फायदे पहुंचाते हैं।
आज के इस लेख में ऐसे पौधे के बारे में बात करने जा रहे हैं, जो टुटी हुई हड्डियों को भी जोड़ देता है। इस औषधिय प्लांट का नाम हड़जोड़ है। जैसा की इसके नाम से पता चलता है जोड़ को जोड़ने वाला ये प्लांट काफी अनोखा है। ये प्लांट सेहत को अनोखे फायदे पहुंचाता है। इस लेख में इस पौधे की खुबियों को जानते हैं।
हड़जोड़ प्लांट
हड़जोड़ प्लांट को अस्थि श्रृखंला के नाम से भी जाना जाता है। ये प्लांट बेल के रुप में बढ़ता है। इस बेल के हर भाग से नया पौधा पनप सकता है। इस बेल के तने पर दिल के आकार की पत्तियां लगती है और मटर के दाने जैसे बीज होते हैं, जिनका रंग लाल होता है। ये बेल बरसात के मौसम में ग्रो करती है और सर्दियों में इसके फल आते हैं। इस बेल पर छोटे-छोट फूल भी आते हैं।
हड़जोड़ के प्लांट के तने का प्रयोग बहुत से लोग साग के रुप में करते हैं। आयुर्वेद के अनुसार ये पौधा काफी चमत्कारिक है, जिसके अनेकों फायदे हैं।
हड़जोड़ प्लांट के अनोखे गुण
- हड़जोड़ प्लांट में सोडियम और पोटेशियम की मात्रा होती है।
- इसमें कैल्शियम भी भरपूर मात्रा में पाया जाता है।
- कार्बोनेट भी हड़जोड़ में पाया जाता है।
- इसमें फास्फेट होता है, जो हड्डियों को मजबूत करने का काम करता है।
- इस बेल के तने का ही प्रयोग किया जाता है।
- बहुत से लोग इसके तने का प्रयोग साग बनाने के लिए भी करते हैं।
- हड़जोड़ की तासीर गर्म होती है।
- एंटीऑक्सीडेंट और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण पाए जाते हैं।
हड़जोड़ प्लांट के फायदे
हड्डियों को जोड़ने के आता है काम
हड़जोड़ को अस्थिसंहार भी कहा जाता है। माना जाता है कि ये हड्डियों को जोड़ देता है। इसकी पत्तियों को पीसकर अलसी के तेल में मिलाकर प्रभावित हिस्से पर लगाने से राहत मिलती है।
आयुर्वेद के अनुसार प्रभावित हिस्से पर ये लेप लगाकर पट्टी बांधनी होती है और हर तीन दिन के अंतराल में ये पट्टी बदलनी होती है और लेप लगाना होता है। कहा जाता है कि कुछ ही दिनों में हड्डी जुड़ जाती है। दुध और घी के साथ इसकी पत्तियों के रस का सेवन करने से हड्डियां मजबूत होती है।
पाचन दुरुस्त होता है
कई बार गलत खानपीन की वजह से हमारे पेट में गैस बन जाती है, या अन्य समस्याएं हो जाती है। हड़जोड़ की पत्तियों का रस निकालकर शहद के साथ लेने से पेट संबंधी दिक्कतों में आराम मिलता है और पाचन प्रक्रिया अच्छी होती है।
वेटलॉस में मददगार
हड़जोड़ का प्रयोग वेट घटाने के लिए किया जाता है। ये लिवर पर फैट जमा होने से रोकता है और मेटाबॉलिज्म को सुधारता है। हालांकि कुछ हद तक ही ये प्लांट वजन घटाने में सक्षम हो सकता है।
मासिक धर्म में होने वाली समस्याओं से छुटकारा
मासिक धर्म यानि पीरियड्स में महिलाओं को कई प्रकार की परेशानियां होती है। कमर दर्द और पेट के निचले हिस्से में दर्द होने पर हड़जोड़ की पत्तियों को पीसकर लेप लगाने से राहत मिलती है।
गठिया में लाभकारी
एंटीऑक्सीडेंट और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुणों के कारण ये गठिया में भी लाभकारी है। हड़जोड़ के तने का रस निकालकर पीने से राहत मिलती है और पत्तियों का रस निकालकर लेप करने से सूजन और दर्द में राहत मिलती है।
अन्य परेशानियों में राहत
हड़जोड़ का प्रयोग बवासीर के इलाज में भी किया जाता है साथ में इसे कफ और वातनाशक बताया गया है। कृमिरोग और नाक से खून आने और कान बहने पर इसके रस का प्रयोग किया जाता है, जो काफी लाभकारी है। दस से बीस मिलीलीटर रस का प्रयोग करना ही अच्छा रहता है।
ये जानकारी अन्य सूचनाओं पर आधारित है। ज्यादा जानकारी प्राप्त करने के लिए आप किसी आयुर्वेद विशेषज्ञ से संपर्क कर सकते हैं।