गार्डनिंग के शौकीनों के लिए सबसे अहम पौधे और मिट्टी होती है। मिट्टी को उपजाऊ बनाने और पाैधों की अच्छी ग्रोथ के लिए कई हथकंडों को अपनाया जाता है। समय-समय पर मिट्टी से बहुत से पोष्टिक तत्व नष्ट होते रहते हैं। ऐसे में हमें मिट्टी में बहुत से बाहरी पोष्टिक तत्व जोड़ने पड़ते हैं। जिनमें से एक है चूना (Lime – CaCO3 )। सर्दियों के दिनों में आपने गार्डन में चूने(lime) का प्रयोग और महत्त्व के बारे में सुना ही होगा। पौधों की अच्छी ग्रोथ के लिए मिट्टी का उचित होना जरूरी है। दरअसल सामान्य तौर पर मिट्टी का ph मान लगभग 6.5-7.5 के आसपास रहता है। लेकिन कई गार्डन की मिट्टी का ph मान 6.5 से नीचे आ जाता है। यानि मिट्टी अधिक एसेडिक (अम्लीय) हो जाती है। अधिक अम्लीय मिट्टी पौधों की वृद्धि एवं विकास के लिए सही नहीं माना जाती। ऐसे में चुना का प्रयोग करने पर मिट्टी का pH मान बढ़ाया जा सकता है।
इसमें कोई दाेराय नहीं है कि खेती या गार्डन के पौधों में चूने(लाइम) का प्रयोग फायदेमंद है। लेकिन गार्डन में चूने का सही तरीके से उपयोग कैसे करें? इसके फायदे क्या हैं? पौधें को क्यों चूने की जरूरत पड़ती है, चूना लगाते समय ध्यान रखने योग्य बातें इस लेख में दी गई है।
पौधों में चूना लगाने के फायदे
- चूना का प्रयोग उन गमलों में करना चाहिए जिनकी मिट्टी में जीवांश पदार्थ अधिक हो और जल-निकास उचित न हो। ऐसे में चूना का प्रयोग फायदेमंद है।
- चूने से मृदा की अम्लता दूर होती है। इससे मिट्टी उदासीन क्षारीय बन जाती है। गमलों में अम्लता बढ़ती है।
- चूना देने से पौधों को कैलशियम तत्व प्राप्त होता है।
- चूने की उपस्थिति में मिट्टी का अघुलनशील फास्फोरस घुलनशील फास्फेट के रूप में बदलकर पौधों को उपलब्ध हो जाता है। इससे पौधों की ग्रोथ बढ़ती है।
- चूना मिट्टी में अघुलनशील पोटाश को ऐसे रूप में बदल देता है कि पौधे उसे शीघ्र ग्रहण कर लेते हैं।
- पौधों को लाभ पहुँचाने वाले सूक्ष्म जीवाणु सक्रिय बन जाते हैं और अपना कार्य सुचारु रूप से करते हैं।
- चूने से फलीदार फसलों में नाइट्रोजन स्थिरीकरण में मदद मिलती है।
- गमलों की मिट्टी में कुछ विषैले पदार्थ भी होते हैं, जो पौधों को हानि पहुँचाते हैं। चूना इनके प्रभाव को भी खत्म कर देता है। इससे पौधों की ग्रोथ अच्छी होती है।
विशेषज्ञों की सलाह
बागवानी विभाग के विकास अधिकारी उत्तम पराशर कहते हैं कि चूने के प्रयोग के कारण वूली एफिड और तना छेदक कीड़े भी नष्ट हो जाते हैं। ये कीट अंडे नहीं दे पाते हैं और तनों की रक्षा होती है। उन्होंने कहा कि अगर बागवानी प्रेमी अक्तूबर महीने में तने में चूना लगाने से चूक गए हैं तो पौधों के तनों पर चूना लगाने का कार्य मार्च महीने में कर सकते हैं।
डाेलोमिटिक चूना का करें प्रयोग
खेती और गार्डनिंग में भी अलग प्रकार के चूने का इस्तेमाल किया जाता है। बता दें कि गार्डन में उपयोग होने वाले चूने को “गार्डन लाइम” या “डोलोमिटिक चूना” के रूप में जाना जाता है। गार्डन में प्रयोग होने वाले चूने में कैल्शियम की मात्रा अधिक होती है। डोलोमिटिक चूने में कैल्शियम के अलावा मैग्नीशियम भी होता है। यह मिट्टी को कम अम्लीय बनाता है, जिससे मिट्टी का वर्तमान पीएच स्तर बढ़ जाता है।
इन पौधों को होती है चूने की जरूरत
ध्यान रखें कि चूना एक प्राकृतिक क्षार है। जिसे अम्लीय मिट्टी में मिलाने से मिट्टी का पीएच उदासीनता की ओर बढ़ता है। यदि मिट्टी में लगातार चूना मिलाया गया, तो मिट्टी क्षारीय अर्थात पीएच मान 7 से ऊपर हो जायेगा। जैसा कि पहले बताया गया है कि अधिकांश पौधे अम्लीय मिट्टी 6.0 से 7.0 Ph के बीच उगना पसंद करते हैं। लेकिन जब मिट्टी का पीएच 6 से कम होता है, तो उसमें खनिज पदार्थ अघुलनशील हो जाते हैं, जिससे पौधे पोषक तत्वों के अभाव में अच्छी तरह नहीं उग पाते हैं, अतः मिट्टी का ph स्तर बढ़ाने तथा पौधों को आसानी से उगाने के लिए मिट्टी में चूना मिलाने की आवश्यकता होती है। हालांकि हम सभी पौधों के लिए चूना नहीं मिला सकते। ऐसे में मौसम के अनुसार कुछ सब्जियां व पौधे ऐसे हैं जिनमें चूना की जरूरत होती है।
- मटर और बीन्स
- टमाटर
- पालक
- डेल्फीनियम
- बटरफ्लाई बुश (Butterfly Bush)
- पार्सनिप (Parsnip)
- लेटस
- पत्ता गोभी
- प्याज़
- लहसुन
जिनमें चूना लगाने से बचना चाहिए
- आलू (Potato)
- अंगूर (Grapes)
- ब्लूबेरी (Blueberry)
- अजालिया फ्लावर (Azalea)
- मैगनोलिया (Magnolia)
- रोडोडेंड्रोन (Rhododendron)
- हॉली प्लांट (Holly)
- मिर्च
- स्ट्रॉबेरी
ध्यान देने योग्य बातें
- मिट्टी के अम्लीय व क्षारीय होने की जांच करें।
- यदि मिट्टी का Ph स्तर 6.0 से कम है, तो लाइम या चूने का उपयोग करें।
- गार्डन की मिट्टी में चूना पतझड़ और वसंत ऋतु में मिलाएं।
- मिट्टी की सहत पर स्प्रेडर की मदद से समान रूप से चूना फैलाएं।
- पौधे पर चूने के तरल घोल का स्प्रे करके मिला सकते हैं।
- चूना मिलाने के बाद गार्डन की मिट्टी में समान रूप से पानी दें, इससे चूना पानी के माध्यम से अच्छी तरह मिट्टी में मिल जायेगा।
- इसका उपयोग करते समय हैण्ड ग्लब्स का उपयोग जरूर करें।
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