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कभी-कभी 1 साल तक के बच्चे को ज्यादा नमक खिलाना जानलेवा हो सकता है। चीनी की वजह से बच्चे की बॉडी में मौजूद प्रोटीन सही ढंग से पचता नहीं है।बच्चों को फल दिए जा सकते हैं, जिनसे उनके शरीर को पर्याप्त मात्रा में शुगर मिल जाती है। बड़े बुजुर्ग बच्चों को सफेद मक्खन खिलाने को कहते हैं। क्योंकि पैकेट वाले येलो बटर में सॉल्ट होता है और बच्चों के लिए यह नुकसानदायक है। एक साल तक बच्चों को नमक और चीनी नहीं दी जानी चाहिए। बचपन से ही दांत गलने, हडि्डयां और आंखें कमजोर होने या मोटापे जैसी समस्याएं शुरू हो जाती हैं। बच्चों की आंतें बेहद कोमल रहती हैं और नमक-चीनी से उनको अपच या आंतों में तकलीफ होने की समस्या हो सकती है।

 

 

 

 

नोटिस मिलने के बाद इन्फ्लुएंसर को वीडियो हटाना पड़ा

हाल ही में सोशल मीडिया पर बच्चों के एक हेल्थ ड्रिंक को लेकर एक बड़ा विवाद भी खड़ा हुआ। सोशल मीडिया पर एक इन्फ्लुएंसर ने इस ड्रिंक में शुगर की ज्यादा मात्रा होने और इसे बच्चों को न देने की सलाह दी। लीगल नोटिस मिलने के बाद इन्फ्लुएंसर को वीडियो हटाना पड़ा। जी हां, बच्चे के शुगर और सॉल्ट के इनटेक पर बचपन से ही ध्यान देना जरूरी है। आजकल कंपनियां बच्चों को फोकस करके पैक्ड फूड बेच रही हैं जिनको लुभावने विज्ञापनों के जरिए उनके दिलो-दिमाग में बैठाया जाता है।

 

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प्रति 100 ग्राम बॉर्नविटा में 37.4 ग्राम चीनी होने को लेकर नोटिस दिया

लेकिन क्या कभी सोचा है कि ये चॉकलेट, टॉफी, केक, आइसक्रीम और जरूरत से ज्यादा चिप्स-नमकीन कहीं भविष्य में बच्चे को डायबिटीज या हायपरटेंशन का मरीज तो नहीं बना देंगे। घर में बच्चे का बर्थडे मनाने का मौका आया तो मम्मी-पापा उसके लिए केक काटते हैं या फिर बच्चे और उसके दोस्तों में चॉकलेट-टॉफी-चिप्स बांटकर बर्थडे सेलिब्रेट करते हैं। हालांकि अब ‘राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग’ ने प्रति 100 ग्राम बॉर्नविटा में 37.4 ग्राम चीनी होने को लेकर नोटिस दिया है।

 

 

 

 

 

 

 

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